नई दिल्ली: देश अपने 74 वें स्वतंत्रता दिवस के उत्सव में व्यस्त है, लेकिन आजादी के 74 साल बाद भी देश को ये नहीं पता कि देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लेने वाले भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु और बटुकेश्वर दत्त सरकारी तौर पर शहीद हैं भी या नहीं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास इस सम्बंध में कोई जानकारी नहीं है. ये जानकारी आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा ने दी.
'खाली छोड़ दिया कॉलम'
उन्होंने कहा कि देश अपना 74 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश की आजादी के लिए जान देने वाले वीर सपूतों को श्रद्धांजल भी दी जाएगी. लेकिन बड़े ही आश्चर्य की बात है कि आजादी के लिए भरी जवानी में फंसी के फंदे पर झूल जाने वाले भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और बटुकेश्वर दत्त को आज भी देश में सरकारी तौर पर शहीद का दर्जा दिया गया है या नहीं गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी नहीं है. इन सपूतों को सरकार शहीद मानती भी है या नहीं, इस संबंध में आरटीआई में पूछे गए एक सवाल का मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया.
'पाकिस्तान भी दे चुका है शहीद का दर्जा'
आपको जानकर हैरत होगा कि पाकिस्तान भी भगत सिंह को शहीद का दर्जा दे चुका है. लेकिन भारत इन्हें कब दर्जा देगा और देगा भी या नहीं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. इसी बाबत पूछे गए दूसरे सवाल के जवाब में मंत्रालय का कहना है कि 1857 से लेकर 1947 के बीच आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान करने वाले करीब 14 000 सेनानियों का राष्ट्रिय रजिस्टर तैयार किया गया है. लेकिन भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और बटुकेश्वर दत्त सम्बंधी कोई लिखित जानकारी उनके पास नहीं है.