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रिपोर्ट : 19 महानगरों में अपराध में 7.3% की हुई वृद्धि

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि आईपीसी अपराध के अंतर्गत, चोरी के तहत 51.0 प्रतिशत (6,04,897 मामलों में से 3,08,360 मामले) में से अधिकांश मामले दर्ज किए गए.

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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो ने जारी की रिपोर्ट
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Published : Oct 3, 2020, 11:02 PM IST

नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 19 महानगरों में 2018 के मुकाबले 2019 में अपराधों में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले साल 2018 में 8,02,267 मामलों में कुल 8,060,607 संज्ञेय अपराध, जिसमें 6,04,897 भारतीय दंड संहिता (IPC) अपराध और 2,56,063 विशेष और स्थानीय कानून (SLS) अपराध शामिल हैं. वहीं 2018 के दौरान 19 महानगरों में कुल 8,02,267 मामले दर्ज किए गए.

2018 की तुलना में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत जैसे शहरों में 2019 में 10.9 प्रतिशत आईपीसी अपराध की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, पंजीकृत एसएलएल अपराधों में 2018 में 0.3 प्रतिशत की कमी आई है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि आईपीसी अपराध के अंतर्गत, चोरी के तहत 51.0 प्रतिशत (6,04,897 मामलों में से 3,08,360 मामले) में से अधिकांश मामले दर्ज किए गए. वहीं इसके बाद 9.5 प्रतिशत (57,303 मामले) के साथ सार्वजनिक जगहों में तेजी से गाड़ी चलाना और चोट के साथ 8.1 प्रतिशत (48,771) मामले दर्ज किए गए हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट मे दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोयम्बटूर जैसे शहर पूरे भारत के टॉप पांच शहर घोषित किए गए हैं, जहां क्रमश: 311092, 71949, 53538, 41854 और 15821 दोनों आईपीसी और एसएलएल श्रेणी की अधिकतम घटनाएं दर्ज की हैं. वहीं 2019 के दौरान हत्या के कुल 2,022 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 2018 (1939 मामलों) में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के 19 महानगरों में 2018 के मुकाबले 2019 में अपराधों में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले साल 2018 में 8,02,267 मामलों में कुल 8,060,607 संज्ञेय अपराध, जिसमें 6,04,897 भारतीय दंड संहिता (IPC) अपराध और 2,56,063 विशेष और स्थानीय कानून (SLS) अपराध शामिल हैं. वहीं 2018 के दौरान 19 महानगरों में कुल 8,02,267 मामले दर्ज किए गए.

2018 की तुलना में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत जैसे शहरों में 2019 में 10.9 प्रतिशत आईपीसी अपराध की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, पंजीकृत एसएलएल अपराधों में 2018 में 0.3 प्रतिशत की कमी आई है.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि आईपीसी अपराध के अंतर्गत, चोरी के तहत 51.0 प्रतिशत (6,04,897 मामलों में से 3,08,360 मामले) में से अधिकांश मामले दर्ज किए गए. वहीं इसके बाद 9.5 प्रतिशत (57,303 मामले) के साथ सार्वजनिक जगहों में तेजी से गाड़ी चलाना और चोट के साथ 8.1 प्रतिशत (48,771) मामले दर्ज किए गए हैं.

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट मे दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोयम्बटूर जैसे शहर पूरे भारत के टॉप पांच शहर घोषित किए गए हैं, जहां क्रमश: 311092, 71949, 53538, 41854 और 15821 दोनों आईपीसी और एसएलएल श्रेणी की अधिकतम घटनाएं दर्ज की हैं. वहीं 2019 के दौरान हत्या के कुल 2,022 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 2018 (1939 मामलों) में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है.

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