नई दिल्ली : उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद तटीय राज्यों में बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने बीते एक सप्ताह से दो बार भारी बारिश और बाढ़ का सामना कर चुके हैदराबाद और कर्नाटक में एक बार फिर बारिश की चेतावनी दी है.
केजरीवाल का हैदराबाद को 15 करोड़ का दान
इस बीच राजधानी दिल्ली के सीएम सीएम अरविंद केजरीवाल ने बाढ़ प्रभावित हैदराबाद के लिए 15 करोड़ मदद की घोषणा की है. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली के लोग इस संकट की घड़ी में हैदराबाद में हमारे भाई और बहनों के साथ खड़े हैं. दिल्ली सरकार अपने राहत प्रयासों के लिए तेलंगाना सरकार को 15 करोड़ रुपये दान करेगी.
मौसम विभाग ने आज यानी 20 अक्टूबर को तेलंगाना और कर्नाटक के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा के तटीय हिस्सों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है. इससे पहले आईएमडी ने जानकारी दी थी कि तेलंगाना में तीव्र क्लाउड क्लस्टर बना है, यह क्लस्टर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते अगले 3-4 घंटों में राज्य के दक्षिणी इलाकों में मध्यम से तीव्र बारिश की संभावना है.
गौरतलब है कि इससे पहले हुई बारिश से तेलंगाना और कर्नाटक के कई हिस्सों में रविवार को बाढ़ जैसे हालात बने रहे. हैदराबाद में रातभर हुई भारी बारिश के कारण कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए, वहीं कर्नाटक के चार प्रभावित जिलों में सेना लगाई गई है. इसी बीट मंत्री के चंद्रशेखर राव ने वर्षा राहत उपायों और हैदराबाद और तेलंगाना में निवारक उपायों की समीक्षा की है.
शनिवार से हैदराबाद के कई हिस्सों में बाढ़ से स्थिति बहुत खराब हो गई है और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई.
तेलंगाना की राजधानी में शनिवार शाम से हो रही बारिश की वजह से झीलें और अन्य जलाशय पानी अधिक भर जाने के कारण उफान पर हैं, जिससे कई निचले इलाकों में पानी भर गया. इनमें शहर और शहर के बाहर के वो इलाके भी शामिल हैं, जो पिछले हफ्ते आई बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए थे.
आपदा प्रतिक्रिया बल कर्मी, ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कारपोरेशन के कर्मचारी और पुलिसकर्मी शनिवार रात को ही हरकत में आ गए थे और बाढ़ के पानी में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया.
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गौरतलब है कि देशभर के कई हिस्सों में भारी बारिश से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. जलभराव के चलते सड़क किनारे रह रहे लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ किसानों को फसल खराब होने का डर सता रहा है. भारी बारिश के चलते खेत डूब गए हैं.