नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज एक अहम फैसले में कई बड़े बैंकों के विलय का एलान किया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी विस्तृत जानकारी दी.
साल 2017 में भारत में कुल 27 बैंक थे. आज के फैसले के बाद सिर्फ 12 बैंक रहेंगे. जानें सीतारमण ने और क्या अहम एलान किए.
इन बैंकों का होगा विलय
- यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया गया है. यह पांचवा सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक होगा, जिसका व्यवसाय 14.59 लाख करोड़ है.
- केनरा बैंक को सिंडिकेट बैंक के साथ मर्ज कर दिया गया है. यह चौथा बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक होगा, जिसका व्यवसाय 15.20 लाख करोड़ है.
- पीएनबी, ओरियंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक को मर्ज किया गया है, जिसका 17.95 लाख करोड़ का व्यवसाय है. इन बैंकों की 11,437 ब्रांचेस हैं. यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
बिंदुवार पढ़ें सीतारमण की बातें
- बैंकों के वाणिज्यिक फैसलों में सरकार का कोई दखल नहीं.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सुधार से लाभ दिखने लगा है, क्योंकि 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है.
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया
- नीरव मोदी जैसी धोखाधड़ी रोकने के लिये स्विफ्ट संदेशों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है.
बता दें गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर पीएम मोदी और निर्मला सीतारमण को बधाई दी. साथ ही शाह ने इसे बैंक सेक्टर को शक्तिशाली बनाने की ओर जरूरी बढ़ता कदम भी बताया.