नई दिल्ली : कर्नाटक के ऐतिहासिक शहर मैसूर में एक तबलीगी जमात लॉकडाउन के दौरान मेवात में फंस गई, जहां जमात को 28 दिनों के लिए पृथक कर दिया गया. हालांकि 28 दिन संगरोध किए जाने के बाद भी उन्हें पृथक केंद्र से जाने की इजाजत नहीं दी गई है और देखते-देखते उन्हें संगरोध केंद्र में 48 दिन बीत गए. उन्हें 48 दिनों के बाद पृथक केंद्र से रिहा किया गया. इसके बाद अब वह स्पेशल ट्रेन से अपने घर लौट रहे हैं.
जमातियों को आरोप है कि उन्हें घर भेजने के लिए सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं मिली. इसलिए वह अपने खर्च पर एक विशेष ट्रेन द्वारा घर के लिए रवाना हो रहे हैं.
जमात में शामिल एक सदस्य मोहम्मद इब्राहीम का कहना है कि वह एक अप्रैल को मेवात के सलहरी इलाके थे. उनके साथ, 1500 अधिक जमात के सदस्यों को विभिन्न केंद्रों में रखा गया था. वह आश्वस्त थे कि वह संगरोध पूरा करने के बाद घर लौट सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
पढ़ें- रेलवे ने एक मई से 1,300 श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाई, 17 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे घर
उन्हें 28 दिन के बजाए 48 दिनों के बाद पृथक केंद्र से रिहा किया गया, लेकिन सरकार द्वारा उनकी यात्रा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने बताया कि मेवात के क्षेत्रीय अधिकारियों की मदद से उन्होंने अपने सहयोगियों के लिए विशेष ट्रेन के टिकट बुक किए. इब्राहीम ने बताया कि 17 मई को उन्होंने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए एक निजी बस किराए पर ली.