नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) को आतंक विरोधी कानून के तहत बैन कर दिया है. अलगाववादी नेता यासीन मलिक जेकेएलएफ के प्रमुख हैं. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने जेकेएलएफ को बैन करने पर सवाल किए हैं. उन्होंनेकहा कि ऐसे कदमों से कश्मीर एक ओपन जेल में बदल जाएगा.
महबूबा ने ट्वीट कर कहा, 'यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने के लिए बहुत समय पहले ही हिंसा के रास्ते को छोड़ चुके हैं. तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा शुरू किए गए एक संवाद में उन्हें हितधारक माना गया था. उनके संगठन पर प्रतिबंध लगाने से क्या हासिल होगा? ऐसे संवैधानिक कदम कश्मीर को खुली जेल बना देंगे.'
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सरकार के इस कदम को अलगाववादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है. अलगाववादी नेताओं पर केंद्र की कार्रवाई लगातार जारी है. इससे पहले ईडी ने यासीन मलिक के कई ठिकानों पर भी छापेमारी की थी.
हुरियत कॉन्फ्रेंस नेता सैयद अली शाह गिलानी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा है. ईडी ने बताया कि गिलानी को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत आरोपित किया गया है. ईडी निदेशक संजय मिश्रा ने कहा कि गिलानी के जम्मू-कश्मीर स्थित घर से बिना हिसाब-किताब की विदेशी मुद्रा जब्त करने के बाद उन पर 14.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया.
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के ठिकानों पर अवैध तरीके से विदेशी मुद्रा रखने के आरोप में छापेमारी की गई थी.
इसके अलावा गृह मंत्रालय के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 22 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं वापस ले ली थीं.