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महबूबा मुफ्ती बोलीं, अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से लोगों में डर फैल रहा है

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व आईएएस शाह फैसल ने घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों की तैनाती के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है. जानें क्या कहा दोनों नेताओं ने....

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Published : Jul 27, 2019, 2:54 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 7:53 AM IST

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का फैसला किया है. इस फैसले पर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने सवाल किए हैं.

कुलगाम के जंगलपोरा में सरपंच के घर पहुंचीं महबूबा मुफ्ती ने बताया कि केंद्र सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सेना के माध्यम से हल नहीं होगी. भारत सरकार को अपनी नीति पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है.

महबूबा मुफ्ती से बातचीत
etvbharat mehbooba mufti
महबूबा मुफ्ती का बयान

वहीं, शाह फैसल ने 100 कंपनियों की तैनाती पर चिंता जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि क्या सरकार 35ए को लेकर कोई कदम उठाने जा रही है.

etvbharat shah faesal
शाह फैसल का बयान

फैसल ने लिखा है, 'कश्मीर घाटी में अचानक सुरक्षा बलों की 100 कंपनियों की तैनाती क्यों की जा रही है, किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. अफवाह है कि घाटी में कुछ भयावह होने वाला है. क्या यह अनुच्छेद 35ए को लेकर है?'

पढ़ें-अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे के बाद 10 हजार अतिरिक्त जवान तैनात, 35ए हटाने की अटकलें

गौरतलब है कि शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी. यह फैसला एनएसए अजीत डोभाल के घाटी के दौरे से लौटने के बाद लिया गया है.

इससे पहले लोकसभा में भाजपा के एक सदस्य ने शुक्रवार को मांग उठाई थी कि संविधान में जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया जाना चाहिए. शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान में लिखा है कि अनुच्छेद 370 अस्थाई है. गृह मंत्री अमित शाह भी यह बात कह चुके हैं.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 की आड़ में अनुच्छेद 35ए लागू किया गया और इसे भी खत्म किया जाना चाहिए तथा एक समान नागरिक व्यवस्था की जानी चाहिए.

श्रीनगर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का फैसला किया है. इस फैसले पर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती और पूर्व आईएएस अफसर और जम्मू कश्मीर पीपल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष शाह फैसल ने सवाल किए हैं.

कुलगाम के जंगलपोरा में सरपंच के घर पहुंचीं महबूबा मुफ्ती ने बताया कि केंद्र सरकार के इस फैसले ने घाटी के लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है. जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सेना के माध्यम से हल नहीं होगी. भारत सरकार को अपनी नीति पर फिर से विचार और सुधार करने की जरूरत है.

महबूबा मुफ्ती से बातचीत
etvbharat mehbooba mufti
महबूबा मुफ्ती का बयान

वहीं, शाह फैसल ने 100 कंपनियों की तैनाती पर चिंता जाहिर करते हुए ट्वीट किया कि क्या सरकार 35ए को लेकर कोई कदम उठाने जा रही है.

etvbharat shah faesal
शाह फैसल का बयान

फैसल ने लिखा है, 'कश्मीर घाटी में अचानक सुरक्षा बलों की 100 कंपनियों की तैनाती क्यों की जा रही है, किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. अफवाह है कि घाटी में कुछ भयावह होने वाला है. क्या यह अनुच्छेद 35ए को लेकर है?'

पढ़ें-अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे के बाद 10 हजार अतिरिक्त जवान तैनात, 35ए हटाने की अटकलें

गौरतलब है कि शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी. यह फैसला एनएसए अजीत डोभाल के घाटी के दौरे से लौटने के बाद लिया गया है.

इससे पहले लोकसभा में भाजपा के एक सदस्य ने शुक्रवार को मांग उठाई थी कि संविधान में जम्मू कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया जाना चाहिए. शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने कहा कि संविधान में लिखा है कि अनुच्छेद 370 अस्थाई है. गृह मंत्री अमित शाह भी यह बात कह चुके हैं.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 की आड़ में अनुच्छेद 35ए लागू किया गया और इसे भी खत्म किया जाना चाहिए तथा एक समान नागरिक व्यवस्था की जानी चाहिए.

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Last Updated : Jul 28, 2019, 7:53 AM IST
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