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महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने और बढ़ाई गई

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Published : Jul 31, 2020, 4:04 PM IST

Updated : Jul 31, 2020, 5:26 PM IST

महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने और बढ़ा दी गई है. महबूबा पर यह कार्रवाई पीएसए के तहत की गई है. बता दें कि महबूबा पिछले वर्ष पांच अगस्त से ही हिरासत में हैं.

महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने और बढ़ाई गई
महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने और बढ़ाई गई

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है. जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी नजरबंदी की अवधि समाप्त होने वाली थी. उनकी हिरासत का समय खत्म होने से पहले ही महबूबा की हिरासत तीन महीने और बढ़ा दिया गया है.

जिला मजिस्ट्रेट ने महबूबा मुफ्ती को उनका घर पर हिरासत से जुड़ा आदेश भेजा. जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश के अनुसार महबूबा मुफ्ती की हिरासत जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून, 1978 के तहत बढ़ाई गई है.

हिरासत बढ़ाने के संबंध में जारी पत्र के मुताबिक जिला प्रशासन ने पीएसए एक्ट, 1978 की धारा 8 की उपधारा (1) खंड 8 (1) (क) (क) का उपयोग किया है. पत्र में लिखा गया है कि स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती जो बिजबेहारा के नौगांव में रहती हैं, उनकी डिटेंशन की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ाया जाता है.

आदेश
पीएसए के तहत बढ़ाई गई महबूबा मुफ्ती की हिरासत

मुफ्ती पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख हैं जो जून 2018 तक भाजपा के साथ गठबंधन में जम्मू और कश्मीर में सत्ता में थी. उन्हें इस साल 5 फरवरी को, उमर अब्दुल्ला के साथ पीएसए के तहतहिरासत में ले लिया गया था, जिसे बाद हिरासत को मार्च में आगे बढ़ा दिया था.

इससे पहले, मुफ्ती को चश्मा शाही में एक सरकारी गेस्ट हाउस और लाल चौक के पास मौलाना आजाद रोड पर एक बंगले में रखा गया था.महबूबा की बेटी इल्तिजा ने अपनी मां की नजरबंदी को चुनौती देते हुए फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है.

पढ़ें - केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला, मैं आज भी नजरबंद : सैफुद्दीन सोज

तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था और मामले को 18 मार्च को सुनवाई के लिए टाल दिया था.हालांकि, कोरोना वायरस के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हुई. बंदी प्रत्यक्षीकरण एक अदालत के समक्ष अवैध हिरासत में रहने वाले व्यक्ति को सशरीर पेश करने की मांग करने वाली एक रिट है.

इस बीच, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने आज पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को लगभग एक साल बाद घर की नजरबंदी से मुक्त कर दिया अधिकारियों के अनुसार, बकरीद के मौके पर आज लोन को नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की हिरासत को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है. जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी नजरबंदी की अवधि समाप्त होने वाली थी. उनकी हिरासत का समय खत्म होने से पहले ही महबूबा की हिरासत तीन महीने और बढ़ा दिया गया है.

जिला मजिस्ट्रेट ने महबूबा मुफ्ती को उनका घर पर हिरासत से जुड़ा आदेश भेजा. जम्मू-कश्मीर सरकार के प्रधान सचिव शालीन काबरा द्वारा जारी आदेश के अनुसार महबूबा मुफ्ती की हिरासत जम्मू-कश्मीर जन सुरक्षा कानून, 1978 के तहत बढ़ाई गई है.

हिरासत बढ़ाने के संबंध में जारी पत्र के मुताबिक जिला प्रशासन ने पीएसए एक्ट, 1978 की धारा 8 की उपधारा (1) खंड 8 (1) (क) (क) का उपयोग किया है. पत्र में लिखा गया है कि स्वर्गीय मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती जो बिजबेहारा के नौगांव में रहती हैं, उनकी डिटेंशन की अवधि को तीन महीने के लिए और बढ़ाया जाता है.

आदेश
पीएसए के तहत बढ़ाई गई महबूबा मुफ्ती की हिरासत

मुफ्ती पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के प्रमुख हैं जो जून 2018 तक भाजपा के साथ गठबंधन में जम्मू और कश्मीर में सत्ता में थी. उन्हें इस साल 5 फरवरी को, उमर अब्दुल्ला के साथ पीएसए के तहतहिरासत में ले लिया गया था, जिसे बाद हिरासत को मार्च में आगे बढ़ा दिया था.

इससे पहले, मुफ्ती को चश्मा शाही में एक सरकारी गेस्ट हाउस और लाल चौक के पास मौलाना आजाद रोड पर एक बंगले में रखा गया था.महबूबा की बेटी इल्तिजा ने अपनी मां की नजरबंदी को चुनौती देते हुए फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है.

पढ़ें - केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला, मैं आज भी नजरबंद : सैफुद्दीन सोज

तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा था और मामले को 18 मार्च को सुनवाई के लिए टाल दिया था.हालांकि, कोरोना वायरस के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हुई. बंदी प्रत्यक्षीकरण एक अदालत के समक्ष अवैध हिरासत में रहने वाले व्यक्ति को सशरीर पेश करने की मांग करने वाली एक रिट है.

इस बीच, जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने आज पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को लगभग एक साल बाद घर की नजरबंदी से मुक्त कर दिया अधिकारियों के अनुसार, बकरीद के मौके पर आज लोन को नजरबंदी से मुक्त कर दिया गया.

Last Updated : Jul 31, 2020, 5:26 PM IST
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