नई दिल्ली : केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के तरीकों और संपत्ति एवं कर्मचारियों के बंटवारे पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक की.
सूत्रों के अनुसार बैठक में फैसला लिया गया है कि सरकार अर्धसैनिक बलों में जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती करेगी. साथ ही 85 केंद्रीय योजनाओं को दोनों संघ शासित प्रदेशों में लागू किया जाएगा.
इसके अलावा सचिव और संयुक्त सचिव, मंत्रालय, कौशल विकास, शहरी मामलों के मंत्रालय से पर्यटन, जम्मू और कश्मीर का दौरा करेंगे.यह टीम क्षेत्र का दौरा करने के अलावा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक के साथ भी बात करेगी.
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह सचिव ए के भल्ला ने की. इसमें जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के मुताबिक आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया गया. बता दें कि इस अधिनियम को संसद ने इसी महीने पारित किया था.
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि जम्मू कश्मीर अभी राष्ट्रपति शासन के तहत है, इसलिए अधिनियम को लागू करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है जिसके तहत दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे.
केंद्रीय वित्त, कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग सहित बड़े मंत्रालयों और विभागों के 15 से अधिक सचिव बैठक में शरीक हुए.
अधिकारियों ने बताया कि बैठक में विकास कार्यक्रम और संपत्तियों एवं कर्मचारियों का बंटवारा चर्चा के मुख्य विषय थे.
केंद्र सरकार के अधिकारियों की कुछ टीमें श्रीनगर का दौरा कर चुकी हैं, जबकि संयुक्त सचिव एवं सचिव स्तर की कुछ टीमों के आगामी हफ्तों में कश्मीर घाटी का दौरा करने की उम्मीद है.
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा घोषणा की गई 85 विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में जम्मू कश्मीर प्रशासन की मदद करेगी.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य के विभाजन पर काम करने के लिए तीन समितियां गठित की हैं.
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पहली समिति के विचारार्थ विषय विभिन्न विभागों द्वारा जम्मू कश्मीर राज्य से केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दीली से जुड़े कदम हैं.
दूसरी समिति के विचारार्थ विषय दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कोष के वितरण और संबद्ध मुद्दों से जुड़े होंगे.
वहीं, तीसरी समिति के विचारार्थ विषय लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए कर्मचारी मुहैया करने के लिए उपाय सुझाने और जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारियों से जुड़े अन्य मुद्दे होंगे.