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अमेरिका-ईरान के बीच शांति भारत के हित में : विदेश मंत्रालय

ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते टकराव के बीच भारत ने उम्मीद जाहिर की है कि दोनों देशों के बीच जल्द ही संबंध सामान्य हो जाएंगे. भारत दोनों देशों के बीच टकारव कम करने की कोशिश कर रहा है और उसका मानना है कि दोनों देशों में शांति भारत के हित में है.

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रवीश कुमार,विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता
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Published : Jan 9, 2020, 10:49 PM IST

नई दिल्ली : ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने दोनों देश के बीच जल्द ही रिश्ते समान्य होने की कामना की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, ' हम अमेरिका और ईरान के बीच तेजी से बदल रहे हालात पर बहुत बारीकी से नजर बनाकर रख रहे हैं.' उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच शांति भारत के लिए काफी मायने रखती है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार की प्रेस वार्ता.

रवीश कुमार ने दावा किया, 'हमारे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच उभरे गतिरोध के मद्देनजर ईरान, ओमान, कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका के अपने समकक्षों से बात की है.' उनके मुताबिक ये ऐसे नेता हैं, जो इस क्षेत्र में उपजी नई स्थिति जैसे हालात में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि ईरान-यूएसए में टकराव से भारत की अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही मंदी की चपेट में है, और गहरे संकट में आ जाएगी.

गौरतलब है कि ईरानी जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद से ही कच्चे तेल और सोने के बाजार में तेजी देखी जा रही है.

इसे भी पढ़ें-- JNU हिंसा : विरोध प्रदर्शन जारी, HRD सचिव बोले- वीसी को हटाना समस्या का हल नहीं

आपको बता दें कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 84 फीसद आयात पर निर्भर करता है और सबसे अधिक खाड़ी देशों से आयात करता है.

संभावना व्यक्त की जा रहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच किसी प्रकार का टकराव, भारत के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है.

कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ईरान और अमेरिका के बीच शांति और स्थिरता ही भारत के आर्थिक हित में है.

नई दिल्ली : ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद अमेरिका और ईरान में बढ़ते तनाव के बीच, भारत ने दोनों देश के बीच जल्द ही रिश्ते समान्य होने की कामना की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, ' हम अमेरिका और ईरान के बीच तेजी से बदल रहे हालात पर बहुत बारीकी से नजर बनाकर रख रहे हैं.' उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच शांति भारत के लिए काफी मायने रखती है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार की प्रेस वार्ता.

रवीश कुमार ने दावा किया, 'हमारे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच उभरे गतिरोध के मद्देनजर ईरान, ओमान, कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका के अपने समकक्षों से बात की है.' उनके मुताबिक ये ऐसे नेता हैं, जो इस क्षेत्र में उपजी नई स्थिति जैसे हालात में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं.

ऐसा माना जा रहा है कि ईरान-यूएसए में टकराव से भारत की अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही मंदी की चपेट में है, और गहरे संकट में आ जाएगी.

गौरतलब है कि ईरानी जनरल सुलेमानी की हत्या के बाद से ही कच्चे तेल और सोने के बाजार में तेजी देखी जा रही है.

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आपको बता दें कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का 84 फीसद आयात पर निर्भर करता है और सबसे अधिक खाड़ी देशों से आयात करता है.

संभावना व्यक्त की जा रहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच किसी प्रकार का टकराव, भारत के लिए एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है.

कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ईरान और अमेरिका के बीच शांति और स्थिरता ही भारत के आर्थिक हित में है.

Intro:New Delhi: Amid heightened tensions between U.S. and Iran post killing of Tehran's General Qassem Soleimani on Friday, India has wished that situation between both countries de-escalate soon.


Body:Responding to a media query, MEA spokesperson said, "We are closely monitoring the situation which is changing rapidly. Peace is of utmost importance to us. We would like situation to de-escalate."

Raveesh Kumar also claimed that External Affairs Minister Dr. Jaishankar also spoke to his counterparts from UAE, Iran, Oman, Qatar and United States. Leaders of these nations are major the players of the region.

Fear of an escalation in the gulf between Iran-U.S. is already hurting India's limping economy which faces a major economic slowdown. Since the killing of Qaseem Soleimani fuel and gold prices have surged in India.


Conclusion:India fulfills 84% of its energy requirement through imports. Gulf region plays a significant part in this. Tension between Iran and U.S. will also create a major evacuation crisis for India as nearly 8 million nationals reside there.

The already volatile U.S.-Iran relation escalated for the first time in nearly three decades (post Iranian revolution) in 2018 after U.S. President walked out of the nuclear deal.

Since then tensions have only escalated between both nations as President Trump reimposed several international sanctions on Tehran. Putting more burden on its already fragile economy.

But things triggered post violent protesters entered the US embassy in Baghdad on December 31. Several videos emerged where pro-Shia groups in cover of protest broke into the embassy and Iraqi security deployed for safety of the U.S. officials failed to perform their duty. Resulting to which, the U.S. killed Iranian General Soleimani in a drone strike on Friday last week.


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