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चीन के कारण LAC पर बिगड़े हालात : भारतीय विदेश मंत्रालय - क्षेत्र में दरार

विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा सीमा गतिरोध के लिए भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद कहा है कि पिछले छह महीने में हमने जो स्थिति देखी है, वह चीनी पक्ष की तरफ से की गई कार्रवाई का परिणाम है.

एलएसी गतिरोध पर भारत की दो टूक
एलएसी गतिरोध पर भारत की दो टूक
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Published : Dec 11, 2020, 7:54 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 11:01 PM IST

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने सैन्य गतिरोध को लेकर चीन की टिप्पणियों पर कहा है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की.

विदेश मंत्रालय ने कहा, एलएसी पर चीन की कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए किए गए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है.

मुख्य मुद्दा यह है कि दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करें.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हमने चीन के उस बयान का संज्ञान लिया है जिसमें उसने कहा है कि वह द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई से पालन करता है और सीमा मुद्दे का समाधान वार्ता के जरिए निकालने को प्रतिबद्ध है.

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पर चीन की टिप्पणियों के संबंध में भारत ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष अपने शब्दों के अनुरूप कार्रवाई करेगा.

वहीं, भारत ने शुक्रवार को खाड़ी देशों के बीच अपने क्षेत्र में दरार को हल करने की दिशा में हाल ही में उपयोगी चर्चा का स्वागत किया और उन देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की उम्मीद की.

कुवैत के विदेश मंत्री शेख अहमद नासिर अल-सबा के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने कुवैत की तरफ से आया बयान देखा है. इस क्षेत्र में दरार को हल करने की दिशा में फलदायक चर्चाएं हुई हैं.'

'हमने इस संबंध में अन्य देशों के बयान भी देखे हैं. हम इन घोषणाओं का स्वागत करते हैं. '

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सभी खाड़ी देशों के साथ सभ्यता, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करता है.

उन्होंने कहा 'हम इस क्षेत्र के सभी देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की उम्मीद करते हैं.'

नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने सैन्य गतिरोध को लेकर चीन की टिप्पणियों पर कहा है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर स्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने की कोशिश की.

विदेश मंत्रालय ने कहा, एलएसी पर चीन की कार्रवाई सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए किए गए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है.

मुख्य मुद्दा यह है कि दोनों पक्ष विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करें.

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हमने चीन के उस बयान का संज्ञान लिया है जिसमें उसने कहा है कि वह द्विपक्षीय समझौतों का कड़ाई से पालन करता है और सीमा मुद्दे का समाधान वार्ता के जरिए निकालने को प्रतिबद्ध है.

पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध पर चीन की टिप्पणियों के संबंध में भारत ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष अपने शब्दों के अनुरूप कार्रवाई करेगा.

वहीं, भारत ने शुक्रवार को खाड़ी देशों के बीच अपने क्षेत्र में दरार को हल करने की दिशा में हाल ही में उपयोगी चर्चा का स्वागत किया और उन देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की उम्मीद की.

कुवैत के विदेश मंत्री शेख अहमद नासिर अल-सबा के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने कुवैत की तरफ से आया बयान देखा है. इस क्षेत्र में दरार को हल करने की दिशा में फलदायक चर्चाएं हुई हैं.'

'हमने इस संबंध में अन्य देशों के बयान भी देखे हैं. हम इन घोषणाओं का स्वागत करते हैं. '

श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सभी खाड़ी देशों के साथ सभ्यता, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को साझा करता है.

उन्होंने कहा 'हम इस क्षेत्र के सभी देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों की उम्मीद करते हैं.'

Last Updated : Dec 11, 2020, 11:01 PM IST
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