नई दिल्ली : नीट 2020 मेडिकल प्रवेश परीक्षा को स्थगित करने या रद्द करने की मांग करने वाले नीट उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका के जवाब में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में जवाब दाखिल किया है.
हलफनामे में कहा गया है कि कुछ और स्थगन के शैक्षणिक कार्यक्रम छात्रों के शैक्षणिक वर्षों को प्रभावित कर सकता है.
दूसरे देशों में परीक्षा केंद्रों की मांग
दूसरे देश में परीक्षा केंद्रों की मांग पर याचिका के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने जवाब दाखिल किया है. यह याचिका 4000 से अधिक नीट उम्मीदवारों और उनके माता-पिता द्वारा खाड़ी-देशों में दायर किया गया है. जिसमें कोविड-19 के मद्देनजर विदेश में और अधिक परीक्षा केंद्र स्थापित करने या परीक्षा स्थगित करने के रूप में शीर्ष अदालत से राहत की मांग की है.
एमसीआई ने इसके जवाब में कहा भारत सरकार ने पहले ही वंदे भारत मिशन शुरू किया है, जो अन्य देशों से उड़ानों और यात्रा की अनुमति देता है. वंदे भारत मिशन के तहत भारत सरकार ने भारत के विदेशी नागरिकों सहित भारतीय नागरिकों को विशेष उड़ानों द्वारा भारत आने की अनुमति दी. काउंसिल ने याचिका को खारिज करने की मांग की.
भारत के बाहर परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं
कोर्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए हलफनामे में एमसीआई ने तर्क दिया है कि नीट 2020 मेडिकल प्रवेश परीक्षा सभी छात्रों के लिए एक ही दिन एक ही सत्र में आयोजित की जानी है.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा होने के नाते जो एक ही समय में परीक्षा आयोजित करना महत्वपूर्ण है. विदेशों में परीक्षा आयोजित करना एमसीआई के लिए संभव नहीं है.
ऐसे कई कारण है जिसमें अलग-अलग समय क्षेत्र, लॉजिस्टिक मुद्दे, टेस्ट पेपर की गोपनीयता एक बुकलेट-आधारित परीक्षा, आदि शामिल हैं. यदि परीक्षा को एक ही समय पर आयोजित नहीं किया जाता है, तो प्रश्नों के लीक होने की संभावना होगी.