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हरियाणा : भारतीय सेना में हर साल रेवाड़ी से जाते हैं सबसे ज्यादा सैनिक

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Published : Dec 16, 2019, 12:08 AM IST

हरियाणा के रेवाड़ी के गांव जाटूसाना में देश सेवा की महक है. इस गांव के हर घर का एक व्यक्ति कभी न कभी सेना में अपनी सेवा दे चुका है. ये भारत के उन गांवों में से एक है, जहां के बहादुर जवानों ने हर युद्ध में सरहद की हिफाजत की है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

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रेवाड़ी: भारतीय सेना में हर 10वां सैनिक हरियाणा का है. यही वजह है कि हरियाणा को भारत का टेक्सास कहा जाता है और इसकी बानगी देखने को मिली है रेवाड़ी के जाटूसाना गांव में. वैसे तो ये गांव दिखने में बाकी गांवों के जैसा ही है, लेकिन इस गांव की एक बहुत बड़ी खासियत है और वो है देश सेवा.

हर युद्ध में इस गांव के जवानों ने दिया योगदान
जाटूवास गांव के सैनिक पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी शहीद हुए हैं. शायद ये देश में अकेला ऐसा गांव होगा जहां के सौनिकों ने 1962, 65 और 71 की जंग में सीमा पर देश के लिए मोर्चा संभाला है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जाटूसाना गांव की शान हैं रिटायर मेजर टीसी राव
कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव जाटूसाना गांव के रहने वाले ताराचंद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनके परदादा आर्मी में हवलदार थे, उसके बाद उनके दादा के पिता और फिर उनके पिता ने आर्मी में रहकर देश सेवा की है. जब एक के बाद एक पीढ़ी ने देश सेवा के लिए आर्मी को चूना तो फिर ये छोटा सा बालक ताराचंद यादव भला पीछे कहां रहता.

10वीं की परीक्षा पास करने के बाद साल 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल था.

बचपन से ही युवाओं के दिल में फौजी बनने का सपना
इसके बाद मेजर टीसी राव आर्मी में रिटायर हो गए, लेकिन इसके बाद भी टीसी राव में देश सेवा का जुनून कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने गांव में समाज सेवा शुरू की. साथ ही वो अब अपने जिले के युवाओं को आर्मी में जाने के लिए प्रेरित करते हैं. यहां का युवा भी अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर आर्मी में भर्ती होना चाहता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में थाईलैंड के अमरूद का कमाल, 800 ग्राम है एक अमरूद का वजन

17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.

रेवाड़ी: भारतीय सेना में हर 10वां सैनिक हरियाणा का है. यही वजह है कि हरियाणा को भारत का टेक्सास कहा जाता है और इसकी बानगी देखने को मिली है रेवाड़ी के जाटूसाना गांव में. वैसे तो ये गांव दिखने में बाकी गांवों के जैसा ही है, लेकिन इस गांव की एक बहुत बड़ी खासियत है और वो है देश सेवा.

हर युद्ध में इस गांव के जवानों ने दिया योगदान
जाटूवास गांव के सैनिक पहले और दूसरे विश्व युद्ध में भी शहीद हुए हैं. शायद ये देश में अकेला ऐसा गांव होगा जहां के सौनिकों ने 1962, 65 और 71 की जंग में सीमा पर देश के लिए मोर्चा संभाला है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

जाटूसाना गांव की शान हैं रिटायर मेजर टीसी राव
कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव जाटूसाना गांव के रहने वाले ताराचंद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनके परदादा आर्मी में हवलदार थे, उसके बाद उनके दादा के पिता और फिर उनके पिता ने आर्मी में रहकर देश सेवा की है. जब एक के बाद एक पीढ़ी ने देश सेवा के लिए आर्मी को चूना तो फिर ये छोटा सा बालक ताराचंद यादव भला पीछे कहां रहता.

10वीं की परीक्षा पास करने के बाद साल 1976 में भर्ती हुए डॉ. मेजर टीसी राव ने 1989 में चले ऑपरेशन पवन में बतौर प्लांनिग अधिकारी की भूमिका निभाई थी. वहीं 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी पाकिस्तान के दांत खट्टे करने में उनका अहम रोल था.

बचपन से ही युवाओं के दिल में फौजी बनने का सपना
इसके बाद मेजर टीसी राव आर्मी में रिटायर हो गए, लेकिन इसके बाद भी टीसी राव में देश सेवा का जुनून कम नहीं हुआ. उन्होंने अपने गांव में समाज सेवा शुरू की. साथ ही वो अब अपने जिले के युवाओं को आर्मी में जाने के लिए प्रेरित करते हैं. यहां का युवा भी अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर आर्मी में भर्ती होना चाहता है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में थाईलैंड के अमरूद का कमाल, 800 ग्राम है एक अमरूद का वजन

17 हजार 500 से ज्यादा जवान ऑन सर्विस
भारतीय सेना में ऑन सर्विस 17 हजार 500 से ज्यादा जवान अपनी सेवा दे रहे हैं. भारतीय सेना के लिए साल के हर तिमाही में चरखी दादरी कार्यालय से भर्ती की जाती है. जिसमें रेवाड़ी जिले से प्रति हर साल 1400 से 1500 तक जवान भर्ती होते हैं.

जिले में 5 हजार 848 रिटायर्ड जवान
जिले में 5 हजार 848 जवान रिटायर होकर पेंशन ले रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से देश की आर्मी में रेवाड़ी जिले के 111 अधिकारी और 4 शहीदों की विधवाएं पेंशन का लाभ उठा रहीं हैं. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान के भारतीय सेना के 20 जवान और 42 शहीदों की विधवाएं सेना भत्ते का लाभ ले रहीं हैं.

Intro:रेवाड़ी, 17 नवंबर।
"देशां मा देश हरियाणा, जित दूध दही का खाना" दूध दही के खाने के साथ ही हरियाणा को सैनिकों की खान भी कहा जाता है। दक्षिणी हरियाणा का जिला रेवाड़ी अहीरवाल का लंदन भी कहलाता है, इसके साथ ही रेवाड़ी को सैनिकों की खान भी माना जाता है।


Body:हरियाणा के रेवाड़ी जिले में युवाओं का जज़्बा देखते ही बनता है, यहां का हर युवा सेना में भर्ती होकर अपने देश की सरहदों की हिफाजत करना चाहता है। रेवाड़ी के युवाओं में देशभगति का जूजून है, इसलिए यहां का युवा देश की आर्मी में जाना चाहता है। हम आपको आज एक ऐसे परिवार की दास्तां सुनाते है, जिनकी 5 पुश्तों में देशभगति का जज़्बा कूट-कूटकर भरा हुआ है। अहीरवाल का लंदन कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले के गांव जाटूसाना की ढाणी में रहने वाला यह किसान परिवार है। जिसने आज़ादी से पहले ही देश सेवा करने का अवसर मिला। इस परिवार की 5 पीढ़ियों ने सेना में रहकर देश सेवा की है। कोसली विधानसभा क्षेत्र के गांव जाटूसाना की ढाणी का रहने वाला ताराचंद यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उनके पड़दादा आर्मी में हवलदार थे, उसके बाद उन्हें दादा के पिता और फ़िर उनके पिता ने आर्मी में रहकर देश सेवा की है। जब एक के बाद एक पीढ़ी ने देश सेवा के लिए आर्मी को चूना तो फिर यह छोटा सा बालक ताराचंद यादव भला पीछे रहता। 10वीं की।परीक्षा पास कर आर्मी में भर्ती होने के बाद लगातार तीन वर्ष की पढ़ाई करने वाला यह छोटा सा बालक अब मेजर डॉ टीसी राव के नाम से जाना जाने लगा। आर्मी में मेजर से सेवानीवर्त होने के बाद भी इनका देश सेवा करने का जुनून कम नही हुआ और सेना से रिटायरमेंट होने के बाद अपने गांव के युवाओं के लिए सेना में जाकर देश की हिफाज़त करने का जज़्बा युवाओं में लगातार जगा रहें है। आज डॉ मेजर टीसी राव लोगों से जुड़ने के लिए समाज सेवा कर रहें है। यहां का युवा भी अपने बुजुर्गों से प्रेरणा लेकर आर्मी में भर्ती होना चाहता है।
बाइट---पूर्व सैनिक।
बाइट--युवा भावी सैनिक।
बाइट--डॉ मेजर टीसी राव, पूर्व जवान आर्मी एवं समाज सेवी।


Conclusion:देशभगति का जज्बा अपने सीने में लिए रेवाड़ी के युवाओं का यह जोश क़ाबिले तारीफ़ है।
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