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40 साल बाद केरल के गिरजाघर में रूढ़ीवादी गुट की प्रार्थना, SC बना माध्यम - गिरजाघर के सामने प्रदर्शन

करीब चार दशक के बाद पहली बार केरल के रूढ़ीवादी गुट ने गिरजाघर में प्रवेश किया. इस दौरान गिरजाघर के बाहर जैकोबाइट गुट के लोगों ने गिरजाघर के सामने प्रदर्शन भी किया. बता दें कि यह उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद मुमकिन हो पाया. पढ़ें पूरी खबर...

मंलकारा गिरजाघर
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Published : Sep 22, 2019, 5:56 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 2:41 PM IST

तिरुवनंतपुरमः रविवार को केरल गिरजाघर के रूढ़वादी गुट ने केरल के कांदनाद में संत मैरी गिरजाघर में प्रार्थना (Mass) का आयोजन किया.

गौरतलब है कि 45 सालों में यह पलही दफा है कि इस रूढ़वादी गुट ने गिरजाघर में प्रार्थना की. उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद यह मुमकिन हो पाया. बता दें कि इस गुट ने गिरजाघर में 1964 के बाद से प्रवेश नहीं किया था.

इस दौरान जैकोबाइट गुट के लोगों ने गिरजाघर के सामने प्रदर्शन किया और गिरजाघर में गुसने की कोशिश की. हालांकि पुलिस ने उन्हे रोके रखा. इलाके में तनाव के चलते भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

पढ़ें-केरल : पुष्पांजलि स्वामीयर के सत्याग्रह स्थल पर संघर्ष

बिशप मैथ्यूज मार सीवरियस ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय से खुश हैं. साथ ही उन्होंने पादरी के प्रदेश में रहने वाले (parishioners) और पुलिस को धन्यवाद दिया.

सीवरियस ने आगे कहा कि, मलंकार गिरजाघर के सन् 1934 के संविधान के अनुसार इलाके का कोई भी गिरजाघर में प्रवेश कर सकता है.

उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार हमारे पास गिरजाघर के प्रशासनिक अधिकार हैं और हम गिरजाघर में प्रार्थना कर सकते हैं.

रूढ़िवादी और जैकोबाइट गुटों के बीच उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी विवाद चल रहा था. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि मंलकारा गिरजाघर के अंतर्गत सभी इलाकों पर रूढ़िवादी गुट का नियंत्रण होगा.

तिरुवनंतपुरमः रविवार को केरल गिरजाघर के रूढ़वादी गुट ने केरल के कांदनाद में संत मैरी गिरजाघर में प्रार्थना (Mass) का आयोजन किया.

गौरतलब है कि 45 सालों में यह पलही दफा है कि इस रूढ़वादी गुट ने गिरजाघर में प्रार्थना की. उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद यह मुमकिन हो पाया. बता दें कि इस गुट ने गिरजाघर में 1964 के बाद से प्रवेश नहीं किया था.

इस दौरान जैकोबाइट गुट के लोगों ने गिरजाघर के सामने प्रदर्शन किया और गिरजाघर में गुसने की कोशिश की. हालांकि पुलिस ने उन्हे रोके रखा. इलाके में तनाव के चलते भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

पढ़ें-केरल : पुष्पांजलि स्वामीयर के सत्याग्रह स्थल पर संघर्ष

बिशप मैथ्यूज मार सीवरियस ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय से खुश हैं. साथ ही उन्होंने पादरी के प्रदेश में रहने वाले (parishioners) और पुलिस को धन्यवाद दिया.

सीवरियस ने आगे कहा कि, मलंकार गिरजाघर के सन् 1934 के संविधान के अनुसार इलाके का कोई भी गिरजाघर में प्रवेश कर सकता है.

उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुसार हमारे पास गिरजाघर के प्रशासनिक अधिकार हैं और हम गिरजाघर में प्रार्थना कर सकते हैं.

रूढ़िवादी और जैकोबाइट गुटों के बीच उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी विवाद चल रहा था. उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि मंलकारा गिरजाघर के अंतर्गत सभी इलाकों पर रूढ़िवादी गुट का नियंत्रण होगा.

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Last Updated : Oct 1, 2019, 2:41 PM IST
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