नई दिल्ली: भारत को बड़ी राजनीतिक कामयाबी मिली है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने बुधवार को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है.
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए भारत दस सालों से लगातार कोशिश कर रहा था. बीते 10 सालों में भारत की ओर से चार बार कोशिश की गई.
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सबसे पहले साल 2009 में भारत ने अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव रखा था. इसके बाद बाद दूसरा प्रयास साल 2016 में किया गया. इस बार भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध परिषद के समक्ष प्रस्ताव रखा.
तीनों देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार यह प्रस्ताव रखा, लेकिन हर बार चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर मकसद को कामयाब होने से रोका.
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बता दें कि इस साल मार्च में भी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो लगा दिया था.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ट्वीट किया, 'मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में एक आतंकवादी के रूप में घोषित.'
अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के लिए प्रस्ताव यूएनएससी प्रतिबंध समिति 1267 में लाया गया था. इससे करीब तीन महीने पहले आतंकी संगठन जैश ने कश्मीर के पुलवामा जिले में आत्मघाती हमला किया था.
इससे पहले, चीन बार-बार इस प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाता रहा है, लेकिन उसने बुधवार को मामले में अपनी 'तकनीकी रोक' हटा ली.