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कश्मीर में शहीद सलारिया का सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार, दो महीने की बेटी ने दी मुखाग्नि

जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के पांच जवानों में से एक रणजीत सिंह सलारिया को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी

शहीद सलारिया का अंतिम संस्कार
शहीद सलारिया का अंतिम संस्कार
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Published : Jan 17, 2020, 8:36 PM IST

गुरदासपुर : जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के पांच जवानों में से एक रणजीत सिंह सलारिया का शुक्रवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी.

शहीद सलारिया का अंतिम संस्कार

सलारिया के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि परी का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था और जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात होने की वजह से उसके पिता ने उसे देखा भी नहीं था.

अधिकारियों ने बताया कि सलारिया का पार्थिव शरीर सिधपुर गांव जब पहुंचा तब बड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद थे और वह रणजीत सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे थे.

उन्होंने बताया कि तिरंगे में लिपटा सलारिया का पार्थिव शरीर शमशान भूमि पहुंचा तब गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए सेना के अधिकारी वहां मौजूद थे.

पढ़ें- रूस 2025 तक भारत को आपूर्ति करेगा एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली

सूबेदार मेजर रवि सिंह ने बताया कि सलारिया उन पांच जवानों में थे जो मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की वजह से चेकपोस्ट में जिंदा दफन हो गए थे.

सभी जवानों को बर्फ से निकाल लिया गया लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद सलारिया हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए.

हरबंस सिंह ने बताया, ' मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले साल ही सलारिया की शादी हुई थी.

गुरदासपुर : जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए सेना के पांच जवानों में से एक रणजीत सिंह सलारिया का शुक्रवार को पंजाब के गुरदासपुर स्थित उनके पैतृक गांव में पूरे सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया.

अंतिम संस्कार के दौरान उस समय हृदय विदारक दृश्य देखने को मिला जब 26 वर्षीय शहीद जवान को उनकी करीब दो महीने की बेटी परी ने मुखाग्नि दी.

शहीद सलारिया का अंतिम संस्कार

सलारिया के पिता हरबंस सिंह ने बताया कि परी का जन्म पिछले साल दिसंबर में हुआ था और जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात होने की वजह से उसके पिता ने उसे देखा भी नहीं था.

अधिकारियों ने बताया कि सलारिया का पार्थिव शरीर सिधपुर गांव जब पहुंचा तब बड़ी संख्या में स्थानीय लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए वहां मौजूद थे और वह रणजीत सिंह अमर रहे के नारे लगा रहे थे.

उन्होंने बताया कि तिरंगे में लिपटा सलारिया का पार्थिव शरीर शमशान भूमि पहुंचा तब गार्ड ऑफ ऑनर देने के लिए सेना के अधिकारी वहां मौजूद थे.

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सूबेदार मेजर रवि सिंह ने बताया कि सलारिया उन पांच जवानों में थे जो मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के माछिल सेक्टर में हिमस्खलन की वजह से चेकपोस्ट में जिंदा दफन हो गए थे.

सभी जवानों को बर्फ से निकाल लिया गया लेकिन तमाम कोशिश के बावजूद सलारिया हाइपोथर्मिया के शिकार हो गए.

हरबंस सिंह ने बताया, ' मुझे गर्व है कि मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है. उन्होंने बताया कि पिछले साल ही सलारिया की शादी हुई थी.

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The last rites of Army soldier Ranjit Singh Salaria, who was among the five troopers killed after being hit by an avalanche in Jammu and Kashmir, were performed with military honours at his native village in Punjab on Friday. Heart-rending scenes were witnessed at the cremation ground as the funeral pyre of the 26-year-old soldier was lit by his three-month-old daughter, Pari.

Conclusion:
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