जालना (महाराष्ट्र) : भाजपा सांसद संभाजी छत्रपति ने कहा कि महाराष्ट्र का मराठा समुदाय अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी (ओबीसी) के तहत नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों की श्रेणी (एसईबीसी) में आरक्षण चाहता है.
जालना जिले में सोमवार को एक बैठक में मराठा आरक्षण के विषय पर राज्य सभा सदस्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में पक्ष रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा एवं रोजगार में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाले 2018 के महाराष्ट्र के कानून के क्रियान्वयन पर पिछले महीने रोक लगा दी थी. हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया था कि जो लोग इस कानून का लाभ उठा चुके हैं, उनके दर्जे में छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
सामाजिक एवं शैक्षिणक रूप से पिछड़ी श्रेणियों (एसईबीसी) अधिनियम, 2018 महाराष्ट्र में नौकरियों और दाखिलों में मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए लागू किया गया था.
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज एवं भाजपा नेता संभाजी छत्रपति ने राज्य के मंत्री और मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख अशोक चव्हाण से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले का बचाव करने के लिए अच्छी तरह से तैयार करने के लिए कहा.
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संभाजी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने 'स्वराज' की स्थापना की थी, जिसमें सभी समुदाय शामिल थे. छत्रपति शाहू महाराज ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया और ओबीसी, दलितों और यहां तक कि मराठों को आरक्षण दिया.
उन्होंने सवाल किया कि मराठा समुदाय आज आरक्षण से वंचित क्यों है?