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राजस्थान : कोटा के जेके लोन अस्पताल में नौ नवजात शिशुओं की मौत - Rajasthan News

कोटा के जेके लोन अस्पताल में 24 घंटों में 9 नवजात शिशुओं की मौत का मामला सामने आया है. परिजनों ने जेके लोन अस्पताल के स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं, जिला कलेक्टर ने मामले में जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया है.

जेके लोन
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Published : Dec 10, 2020, 9:16 PM IST

जयपुर : राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत का आंकड़ा बढ़ कर नौ हो गया है. महज 24 घंटे के भीतर ही नौ नवजातों की मौत के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. एक तरफ कोरोना महामारी से प्रशासन जूझ रहा है, तो वहीं अब एक ही दिन में नौ नवजात बच्चों की मौत से प्रशासन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

मामले में मृत नवजातों के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जेके लोन अधीक्षक जांच कमेटी बनाकर पड़ताल करवाने को कह रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर ने भी प्रिंसिपल से रिपोर्ट तलब की है और नवजातों की मौत के कारणों की जांच कराने की बात कही है.

नवजात शिशुओं की मौत

जेके लोन अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा से नवजात की मौत का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बच्चों के पहले से ही बीमार होने की बात कही. जानकारी के अनुसार जेके लोन अस्पताल में कुल 60 वार्मर हैं और हर वार्मर में दो बच्चे हैं. ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है.

मामले को लेकर भाजपा कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी गुरुवार को अस्पातल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा को व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए.

पढ़ें- विश्व में मौत के प्रमुख कारणों में ह्रदय रोग पहले स्थान पर : डब्ल्यूएचओ

2019 में हुई थी 963 बच्चों की मौत
बता दें कि साल 2019 में जेके लोन अस्पताल में पूरे साल में 963 बच्चों की मौत हुई थी. दिसंबर में यह आंकड़ा 100 पर पहुंच गया. हालांकि, नवंबर में 101 बच्चों की मौत हुई थी. वहीं, 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में सुर्खियां बन गया था. इसके बाद राजस्थान सरकार को भी बार-बार सफाई देनी पड़ी. यहां तक कि चिकित्सा मंत्री और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कोटा दौरे पर आए थे.

जयपुर : राजस्थान के कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजातों की मौत का आंकड़ा बढ़ कर नौ हो गया है. महज 24 घंटे के भीतर ही नौ नवजातों की मौत के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. एक तरफ कोरोना महामारी से प्रशासन जूझ रहा है, तो वहीं अब एक ही दिन में नौ नवजात बच्चों की मौत से प्रशासन पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.

मामले में मृत नवजातों के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर जेके लोन अधीक्षक जांच कमेटी बनाकर पड़ताल करवाने को कह रहे हैं. मामले में जिला कलेक्टर ने भी प्रिंसिपल से रिपोर्ट तलब की है और नवजातों की मौत के कारणों की जांच कराने की बात कही है.

नवजात शिशुओं की मौत

जेके लोन अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा से नवजात की मौत का कारण पूछा गया, तो उन्होंने बच्चों के पहले से ही बीमार होने की बात कही. जानकारी के अनुसार जेके लोन अस्पताल में कुल 60 वार्मर हैं और हर वार्मर में दो बच्चे हैं. ऐसे में बच्चों में संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है.

मामले को लेकर भाजपा कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी गुरुवार को अस्पातल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा को व्यवस्थाओं को सुधारने के निर्देश दिए.

पढ़ें- विश्व में मौत के प्रमुख कारणों में ह्रदय रोग पहले स्थान पर : डब्ल्यूएचओ

2019 में हुई थी 963 बच्चों की मौत
बता दें कि साल 2019 में जेके लोन अस्पताल में पूरे साल में 963 बच्चों की मौत हुई थी. दिसंबर में यह आंकड़ा 100 पर पहुंच गया. हालांकि, नवंबर में 101 बच्चों की मौत हुई थी. वहीं, 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत का मामला पूरे देश भर में सुर्खियां बन गया था. इसके बाद राजस्थान सरकार को भी बार-बार सफाई देनी पड़ी. यहां तक कि चिकित्सा मंत्री और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी कोटा दौरे पर आए थे.

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