इम्फाल/लंदन : मणिपुर सरकार ने दो असंतुष्ट नेताओं - याम्बेन बिरेन व नरेंगबाम समरजीत की घोषणा पर गंभीर रुख अख्तियार किया है, जिन्होंने राजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए ब्रिटेन में 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की शुरुआत की बात कही है.
मणिपुर के मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने बुधवार को कहा, 'सरकार ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है और दोनों पर राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया गया है. मामले की तत्काल जांच के लिए विशेष अपराध शाखा को सौंप दिया गया है.'
वहीं मणिपुर के महाराजा राजा लेशेम्बा सनाजाओबा (King Leishemba Sanajaoba) ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं, यह चौंकाने वाला है कि उन्होंने मेरा नाम घसीटा. इससे समाज पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.'
इसके पूर्व याम्बेन बिरेन व नरेंगबाम समरजीत ने लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुद को राजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधि करार देते हुए ब्रिटेन में 'निर्वासन में मणिपुर सरकार की शुरुआत' की घोषणा की.
याम्बेन बिरेन ने प्रेस कांफ्रेंस में खुद को 'मणिपुर स्टेट काउंसिल का मुख्यमंत्री' और नरेंगबाम समरजीत ने 'मणिपुर स्टेट काउंसिल का रक्षा और विदेश मंत्री' होने का दावा किया.
दोनों अलगाववादी नेताओं ने यह भी दावा किया कि वे 'मणिपुर के महाराजा' की ओर से बोल रहे हैं और औपचारिक तौर पर निर्वासन में 'मणिपुर स्टेट काउंसिल' की सरकार शुरू कर रहे हैं.
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बिरेन और समरजीत ने इस दौरान दस्तावेज भी पेश किए, जिनमें यह दिखाया गया है कि इस साल अगस्त में उन्हें राजनीतिक रूप से ब्रिटेन में शरण मिली है.