नई दिल्ली : मणिपुर के पांच कांग्रेस विधायक आज भाजपा में शामिल हो गए. पांच विधायकों में कांग्रेस विधायक दल के नेता इबोबी सिंह के भतीजे ओकाराम हेनरी सिंह भी शामिल हैं. सभी विधायकों को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई. मौके पर मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह भी मौजूद रहे.
भाजपा में शामिल होने के बाद सभी कांग्रेस विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी भेंट की.
ओकाराम हेनरी के अलावा भाजपा में शामिल होने वाले 4 अन्य विधायक
- एन होकिप (Ngamthang Haokip)
- जी जोउ (Ginsuanhau Zou)
- ओएल सिंह (Oinam Lukhoi Singh)
- पानोनम ब्रोकेन (Panonam Broken)
गौरतलब है कि कांग्रेस के आठ विधायकों ने मणिपुर विधानसभा में पिछले दिनों पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था. इसके बाद विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहकर सभी लोगों ने अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा नीत एन बीरेन सिंह सरकार की जीत आसान कर दी थी. इन आठ में से पांच कांग्रेस विधायकों ने आज दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
इस अवसर पर राम माधव ने कांग्रेस पर बीरेन सिंह सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया और दावा किया कि अब उनकी सरकार स्थिर है.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस ने मणिपुर में बीरेन सिंह की सरकार गिराने के तमाम प्रयास किए. यहां तक कि हमारे विधायकों को प्रलोभन तक दिया गया और षडयंत्र रचा गया. दरअसल, कांग्रेस जो आरोप राजस्थान और मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर हमारे ऊपर लगा रही थी, वही काम वह मणिपुर में कर रही थी.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम प्रयास विफल हुए. बीरेन सिंह सरकार विधानसभा में खुद विश्वास मत लेकर आई और जीत हासिल की.
उन्होंने कहा, 'ये सरकार स्थायी रूप से चलेगी. डेढ़ साल का बचा कार्यकाल तो पूरा करेगी ही साढ़े छह साल हमारी सरकार चलेगी. हम अगला चुनाव जीतेंगे और फिर से सरकार में आएंगे.'
माधव ने दावा किया कि कांग्रेस के षडयंत्रों से राज्य के कांग्रेस विधायकों में असंतोष था. इसी का परिणाम है कि उसके विधायक भाजपा में आ रहे हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मंगलवार को छह कांग्रेस विधायकों के साथ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी. इन विधायकों ने कांग्रेस के साथ-साथ विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है. सभी विधायक कांग्रेस पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करते हुए विधानसभा के एक दिवसीय सत्र से दूर रहे थे.
गौरतलब है कि पिछले दिनों भाजपा-नीत सरकार ने राज्य विधानसभा में 16 के मुकाबले 28 वोट से विश्वास मत जीता था.
बीरेन सिंह की जीत लगभग तय मानी जा रही थी लेकिन कांग्रेस के आठ विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनका रास्ता और आसान हो गया. मणिपुर में 60 सदस्यीय विधानसभा है.