जयपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और देश के जाने-माने वकील जगदीप धनखड़ को केंद्र ने पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. जिसके बाद उनके पैतृक गांव चिड़ावा क्षेत्र में खुशी की लहर है.
झुंझुनूं में चिड़ावा उपखंड के किठाना गांव निवासी धनखड़ पेशे से वरिष्ठ वकील भी रह चुके हैं.को राज्यपाल बनाने के बाद स्टेशन रोड पर विभिन्न व्यापारिक संगठनों के संयोजन में लोगों ने खुशी मनाई.
हार्डवेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र धनखड़ ने इस दौरान चिड़ावा की प्रसिद्ध मिठाई पेड़े खिलाकर खुशी का इजहार किया.
इसके अलावा काफी संख्या में लोगों की मौजूदगी में आतिशबाजी भी की गई.
पहले गांव के स्कूल और बाद में सैनिक स्कूल में
18 मई 1951 को जगदीप धनखड़ का जन्म चिड़ावा तहसील के किठाना गांव में गोकुलचंद धनखड़ के घर हुआ. बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि धनखड़ की प्रारंभिक शिक्षा गांव की ही सरकारी स्कूल में हुई.
बता दें, धनखड़ ने उच्च शिक्षा राजस्थान यूनिवर्सिटी से पूरी की, जिसके बाद इन्होंने एलएलबी की, इसके बाद वे वकालत करने लगे.
धनखड़ ने राजस्थान हाईकोर्ट में वर्षों तक वकालत की और 1986 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे.
साल 1989 में इन्होंने जनता पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंचे.
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उन्हें 21 अप्रेल 1990 से 5 नवम्बर 1990 तक केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य करने का मौका भी मिला. इन्होंने 1991 में हुआ चुनाव कांग्रेस की टिकट पर लड़ा. लेकिन चुनाव हार गए.
धनखड़ 1993 में अजमेर किशनगढ़ से विधानसभा चुनाव भी जीते और राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे.
बता दें, वे ICC यानी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट काउंसिल के मेम्बर भी हैं और राजस्थान ओलम्पिक एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके है. इसके अलावा अनेक सामाजिक संगठनों और ट्रस्टों से जुड़कर धनखड़ समाजसेवा के कार्यों में जुटे हैं.