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चुनाव प्रणाली में सुधार की मांग, ममता ने लिखा पीएम को पत्र

पश्चिम बंगाल सीएम ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है. उन्होंने पत्र लिखा कर सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात कही. ममता किन मुद्दों पर चर्चा के लिए ये बैठक बुला रही हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

ममता बनर्जी.
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Published : Jul 26, 2019, 8:07 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक अनुरोध किया है. ममता ने पीएम मोदी के सामने एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात रखी है. इस बैठक में लोकसभा चुनावों में खर्चों की रिपोर्ट पर चिंता और चुनावों में खर्च की जाने वाली सार्वजनिक निधि (पब्लिक फंडिंग) पर चर्चा करने के लिए कहा है.

पीएम मोदी को लिखे गए इस पत्र में ममता ने कहा, ' ये मुद्दा चुनावी तरीकों में बदलाव का है. विशेष तौर पर जो मुद्दे हैं उनमें लोकतांत्रिक राजनीति में भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियां हैं. समय आ गया है कि चुनावों की सरकारी फंडिंग की जाए, जो दुनिया के 65 देशों में आज हो रही है.

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इन मुद्दों को अपने 2014 और 2019 के घोषणापत्र में भी रखा था.

mamata writes to pm modi
ममता का पत्र पीएम मोदी के नाम.

तीन पन्नों के पत्र में ममता ने आगे लिखा, 'मैं आपसे एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए निवेदन करती हूं. इस बैठक में भारत के चुनावों में पब्लित फंडिंग पर चर्चा हो, जिसका मकसद भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेकना होगा. भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए हमें चुनाव कराए जाने के तरीकों में बहुत जल्द कुछ बदलाव करने होंगे. इसमें चुनावों के लिए सरकारी फंडिंग शामिल है.'

इस साल लोकसभा चुनावे में प्रचार के लिए हुए अधिक खर्चों की सामने आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता ने चिंता जाहिर की है.

नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार 60,000 करोड़ रुपय 2019 लोकसभा चुनावों में खर्च किए गए. औपचारिक व्यय घटक, यानी चुनाव आयोग द्वारा खर्च की गई राशि लगभग 15-20 फीसदी है.

mamata writes to pm modi
ममता का पत्र पीएम मोदी के नाम.

पत्र में आगे लिखा गया है कि मैं उस ओर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगी कि 2016 में राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनावों के लिए अमेरिका में संयुक्त व्यय 6.5 बिलियन डॉलर था. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सभी विकासशील देशों की तुलना में 2019 का लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव बन गया. मौजूदा खर्च के आंकड़ों से यह पता चलता है कि अगला लोकसभा चुनाव, जो 2024 में होंगे उसमें खर्च की राशि एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है.

राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार पर काफी अधिक खर्च किया. ऐसा भी कहा जा रहा है कि वोट हासिल करने के लिए लोगों को पैसे भी बांटे गए. आगे ममता कहती हैं कि चुनाव आयोग ने सिर्फ प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय की है मगर राजनीतिक दलों के खर्च पर कोई बाध्यता नहीं है.

एक अंतर सरकारी संगठन, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता ने कहा कि 65 देश सीधा पब्लिक फंडिंग और 79 अप्रत्यक्ष तौर पर पब्लिक फंडिंग का प्रयोग कर रहे हैं.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एक अनुरोध किया है. ममता ने पीएम मोदी के सामने एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की बात रखी है. इस बैठक में लोकसभा चुनावों में खर्चों की रिपोर्ट पर चिंता और चुनावों में खर्च की जाने वाली सार्वजनिक निधि (पब्लिक फंडिंग) पर चर्चा करने के लिए कहा है.

पीएम मोदी को लिखे गए इस पत्र में ममता ने कहा, ' ये मुद्दा चुनावी तरीकों में बदलाव का है. विशेष तौर पर जो मुद्दे हैं उनमें लोकतांत्रिक राजनीति में भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियां हैं. समय आ गया है कि चुनावों की सरकारी फंडिंग की जाए, जो दुनिया के 65 देशों में आज हो रही है.

ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इन मुद्दों को अपने 2014 और 2019 के घोषणापत्र में भी रखा था.

mamata writes to pm modi
ममता का पत्र पीएम मोदी के नाम.

तीन पन्नों के पत्र में ममता ने आगे लिखा, 'मैं आपसे एक सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए निवेदन करती हूं. इस बैठक में भारत के चुनावों में पब्लित फंडिंग पर चर्चा हो, जिसका मकसद भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेकना होगा. भारत में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए हमें चुनाव कराए जाने के तरीकों में बहुत जल्द कुछ बदलाव करने होंगे. इसमें चुनावों के लिए सरकारी फंडिंग शामिल है.'

इस साल लोकसभा चुनावे में प्रचार के लिए हुए अधिक खर्चों की सामने आई रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता ने चिंता जाहिर की है.

नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने एक रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार 60,000 करोड़ रुपय 2019 लोकसभा चुनावों में खर्च किए गए. औपचारिक व्यय घटक, यानी चुनाव आयोग द्वारा खर्च की गई राशि लगभग 15-20 फीसदी है.

mamata writes to pm modi
ममता का पत्र पीएम मोदी के नाम.

पत्र में आगे लिखा गया है कि मैं उस ओर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगी कि 2016 में राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनावों के लिए अमेरिका में संयुक्त व्यय 6.5 बिलियन डॉलर था. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सभी विकासशील देशों की तुलना में 2019 का लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव बन गया. मौजूदा खर्च के आंकड़ों से यह पता चलता है कि अगला लोकसभा चुनाव, जो 2024 में होंगे उसमें खर्च की राशि एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है.

राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार पर काफी अधिक खर्च किया. ऐसा भी कहा जा रहा है कि वोट हासिल करने के लिए लोगों को पैसे भी बांटे गए. आगे ममता कहती हैं कि चुनाव आयोग ने सिर्फ प्रत्याशियों के खर्च की सीमा तय की है मगर राजनीतिक दलों के खर्च पर कोई बाध्यता नहीं है.

एक अंतर सरकारी संगठन, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए ममता ने कहा कि 65 देश सीधा पब्लिक फंडिंग और 79 अप्रत्यक्ष तौर पर पब्लिक फंडिंग का प्रयोग कर रहे हैं.

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WB-MAMATA-LD POLL FUNDING
Mamata writes to PM for all-party meeting on public funding of elections
(Eds: Updating with more details)
         Kolkata, Jul 25 (PTI) West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on Thursday requested Prime Minister Narendra Modi to call an all-party meeting on public funding of elections, expressing concern over reports of high expenses in this year's Lok Sabha polls.
          In a letter to the prime minister, she said, "The issue is broadly of electoral reforms and specifically to prevent corruption and criminality in our democratic polity. The time has come for government funding of elections which is the norm today in 65 countries in the world."
         Banerjee's Trinamool Congress had flagged the issue in its manifesto of 2014 and 2019 elections.
         "I urge you to call an all-party meeting with the single agenda of public funding of elections in India, with an objective of rooting out corruption. For a free, fair transparent election in India, we urgently need electoral reforms which include government funding of elections," Banerjee wrote in her three-page letter.
         She also expressed concern over reports citing high expenses during this year's Lok Sabha elections.
         The Centre for Media Studies, a New Delhi based think-tank, claimed in a report last month that about Rs 60,000 crore were spent in the 2019 elections, and the formal expenditure component, i.e. the amount spent by the Election Commission is nearly 15-20 per cent of that.
         "May I point out that the combined expenditure in the USA for presidential and Congressional Elections in 2016 was $6.5 billion. In other words, in a developing country, like ours, the elections in 2019 became the world's most expensive election. Going by the current spending figures, it is apprehended that in the next 2024 general elections the poll expenditure could cross Rs one lakh crore," the letter read.
         Political parties spent lavishly on publicity and logistics and are said to have even distributed cash for votes, she said adding that the EC has imposed limits only on the expenditure incurred by candidates on their election campaign and not on political parties.
         Referring to a report of the International Institute for Democracy and Electoral Assistance, an intergovernmental organisation, Banerjee said 65 countries have Direct Public Funding and 79 have Indirect Public Funding.
         The countries where political parties receive Direct Public Funding include major developed countries like Germany, France, the UK, Japan, Italy and Canada and developing nations such as Argentina, Brazil, Thailand and Namibia, she said.
         A total of 71 countries such as Belgium, Brazil and Canada are entitled to free media access for political parties, while in India, free broadcasting and television time is allowed only in state-owned All India Radio and Doordarshan, she said in the letter to Modi. PTI SCH NN
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