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बंगाल में NRC के नाम पर किसी को हाथ लगाया, तो BJP को सबक सिखाएंगे : CM ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया. गुरुवार को ममता ने एक जूलूस की अगुवाई की. उन्होंने बीजेपी को चेतावनी भी दी. जानें पूरा मामला

NRC के खिलाफ ममता का विरोध प्रदर्शन
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Published : Sep 12, 2019, 3:53 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 8:40 AM IST

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर बीजेपी बंगाल में NRC के नाम पर किसी को भी हाथ लगाएगी, तो TMC उन्हें सबक सिखाएगी.

एनआरसी पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी के बीच विवाद का नया विषय बन गया है जहां सत्तारूढ़ पार्टी इसका विरोध कर रही है वहीं, भगवा पार्टी घुसपैठियों को बाहर करने के लिए इसे लागू करने की वकालत कर रही है.

NRC के खिलाफ ममता का विरोध प्रदर्शन

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने भाजपा नेताओं को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर पश्चिम बंगाल के एक भी नागरिक को छू कर दिखाने की चुनौती दी.

प्रदर्शन के दौरान ममता ने कहा, धर्म के लिए, हिंदूओं के लिए, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के लिए मैं NRC का विरोध करती हूं. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, आप अपनी पुलिस का इस्तेमाल करके बंगाल को चुप नहीं करा सकते जैसे आपने असम को कराया है.

ममता ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अचानक आप हमको धर्म का पाठ पढ़ा रहे हैं जैसे हम ईद, दुर्गा पूजा, मोहर्रम और छठ पूजा नहीं मनाते.

एनआरसी के मुखर आलोचकों में से एक बनर्जी ने कहा, 'असम में एनआरसी की अंतिम सूची से करीब 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है जिनमें हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध भी शामिल हैं. आजादी के 70 सालों के बाद भी आपको पहचान का और क्या सबूत चाहिए? हमें उन्हें अपनी पहचान का प्रमाण देने की क्या जरूरत है.'

गौरतलब है, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आने के बाद घुसपैठियों को बाहर करने के लिए पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी प्रक्रिया को दोहराएगी लेकिन हिंदू शरणार्थियों को हाथ नहीं लगाया जाएगा.

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने हाल में कहा था कि अगर राज्य में एनआरसी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए तो करीब दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो जाएगी.

बनर्जी ने रैली में कहा, 'भाजपा कह रही है कि वह दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर कर देगी. मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे दो लोगों को भी छू कर दिखाए. अगर वे आग से खेलेंगे तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा. हम दशकों से सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं. भाजपा हमें बांट नहीं सकती.'

उन्होंने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तरी कोलकाता के सिंथी से श्यामबाजार तक निकाली गई रैली की अगुवाई की.

इस रैली के आयोजन से कुछ ही दिन पहले टीएमसी ने कांग्रेस और वाम मोर्चे के साथ मिलकर एनआरसी का विरोध करने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था.

पार्टी ने एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी.

ये भी पढ़ें: 19 लाख लोग NRC से बाहर, अपील करने के लिए 4 महीने का समय

बता दें कि विगत 31 अगस्त को असम में NRC की अंतिम सूची प्रकाशित की गई. इस सूची में लगभग करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं. हालांकि, बड़ी संख्या में (लगभग 19 लाख लोग) लोग NRC की अंतिम सूची से बाहर हैं. इन लोगों के पास विदेशी न्यायाधिकरण में अपील के लिए चार महीने का समय है.

बनर्जी ने देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर कहा कि पिछले कई सालों में जीडीपी वृद्धि अपने निचले स्तर पर है और अर्थव्यवस्था पड़ोसी राष्ट्रों के मुकाबले कमजोर होती जा रही है.

टीएमसी सुप्रीमो ने भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के विलय पर लिए गए फैसले की भी आलोचना की है.

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर बीजेपी बंगाल में NRC के नाम पर किसी को भी हाथ लगाएगी, तो TMC उन्हें सबक सिखाएगी.

एनआरसी पश्चिम बंगाल में भाजपा और टीएमसी के बीच विवाद का नया विषय बन गया है जहां सत्तारूढ़ पार्टी इसका विरोध कर रही है वहीं, भगवा पार्टी घुसपैठियों को बाहर करने के लिए इसे लागू करने की वकालत कर रही है.

NRC के खिलाफ ममता का विरोध प्रदर्शन

तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने भाजपा नेताओं को राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के नाम पर पश्चिम बंगाल के एक भी नागरिक को छू कर दिखाने की चुनौती दी.

प्रदर्शन के दौरान ममता ने कहा, धर्म के लिए, हिंदूओं के लिए, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों के लिए मैं NRC का विरोध करती हूं. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, आप अपनी पुलिस का इस्तेमाल करके बंगाल को चुप नहीं करा सकते जैसे आपने असम को कराया है.

ममता ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि अचानक आप हमको धर्म का पाठ पढ़ा रहे हैं जैसे हम ईद, दुर्गा पूजा, मोहर्रम और छठ पूजा नहीं मनाते.

एनआरसी के मुखर आलोचकों में से एक बनर्जी ने कहा, 'असम में एनआरसी की अंतिम सूची से करीब 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है जिनमें हिंदू, मुस्लिम और बौद्ध भी शामिल हैं. आजादी के 70 सालों के बाद भी आपको पहचान का और क्या सबूत चाहिए? हमें उन्हें अपनी पहचान का प्रमाण देने की क्या जरूरत है.'

गौरतलब है, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि उनकी पार्टी केंद्र में सत्ता में आने के बाद घुसपैठियों को बाहर करने के लिए पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी प्रक्रिया को दोहराएगी लेकिन हिंदू शरणार्थियों को हाथ नहीं लगाया जाएगा.

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने हाल में कहा था कि अगर राज्य में एनआरसी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाए तो करीब दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हो जाएगी.

बनर्जी ने रैली में कहा, 'भाजपा कह रही है कि वह दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर कर देगी. मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे दो लोगों को भी छू कर दिखाए. अगर वे आग से खेलेंगे तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा. हम दशकों से सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं. भाजपा हमें बांट नहीं सकती.'

उन्होंने असम में एनआरसी के खिलाफ उत्तरी कोलकाता के सिंथी से श्यामबाजार तक निकाली गई रैली की अगुवाई की.

इस रैली के आयोजन से कुछ ही दिन पहले टीएमसी ने कांग्रेस और वाम मोर्चे के साथ मिलकर एनआरसी का विरोध करने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था.

पार्टी ने एनआरसी को अद्यतन किए जाने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों में सात और आठ सितंबर को रैलियां निकाली थी.

ये भी पढ़ें: 19 लाख लोग NRC से बाहर, अपील करने के लिए 4 महीने का समय

बता दें कि विगत 31 अगस्त को असम में NRC की अंतिम सूची प्रकाशित की गई. इस सूची में लगभग करोड़ लोगों के नाम शामिल हैं. हालांकि, बड़ी संख्या में (लगभग 19 लाख लोग) लोग NRC की अंतिम सूची से बाहर हैं. इन लोगों के पास विदेशी न्यायाधिकरण में अपील के लिए चार महीने का समय है.

बनर्जी ने देश में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर कहा कि पिछले कई सालों में जीडीपी वृद्धि अपने निचले स्तर पर है और अर्थव्यवस्था पड़ोसी राष्ट्रों के मुकाबले कमजोर होती जा रही है.

टीएमसी सुप्रीमो ने भाजपा नीत केंद्र सरकार द्वारा बैंकों के विलय पर लिए गए फैसले की भी आलोचना की है.

(एक्सट्रा इनपुट- भाषा)

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Last Updated : Sep 30, 2019, 8:40 AM IST
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