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हिंदी दिवस : ममता सरकार ने की हिंदी अकादमी शुरू करने की घोषणा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि हम हिंदी से प्यार करते हैं. साथ ही उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक शास्त्रीय भाषा के रूप में बंगाली को भी शामिल करे. पर बोलीं ममता, हम हिंदी से प्यार करते हैं

ममता
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Published : Sep 14, 2020, 7:43 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस पर राज्य में एक हिंदी अकादमी शुरू करने की घोषणा की. साथ ही इस पर गौर करने के लिए एक समिति की स्थापना की गई है.

उन्होंने कहा कि आज हिंदी दिवस है. हम हिंदी से प्यार करते हैं और हिंदी मीडिया को कंजयूम करते हैं. यहां बहुत सारे हिंदी भाषी लोग हैं. मैं यहां एक हिंदी अकादमी की घोषणा करती हूं. इस पर गौर करने के लिए एक समिति की स्थापना की गई है, जिसमें प्रख्यात लोगों को शामिल किया गया है.

ममता के ट्वीट
ममता के ट्वीट

ममता ने आगे कहा कि बंगाल सरकार ने लगातार हिंदी, उर्दू, गुरुमुखी, अलचिकी, राजबंशी, कामतापुरी, कुरुख भाषाओं को मान्यता देकर सभी के लिए समावेशी विकास का काम किया है. मैं केंद्र से आग्रह करती हूं कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक शास्त्रीय भाषा के रूप में बंगाली को भी शामिल करे.

पढ़ें - कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने हिंदी दिवस का किया विरोध

उन्होंने आगे कहा कि बंगाल की भूमि समावेशी है और हमने अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से टैगोर के विविधता में एकता के मूल्यों को आगे बढ़ाया है. हमारी सरकार ने हिंदी शिक्षा, संस्कृति और समुदाय के विकास के लिए कई पहल की है.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस पर राज्य में एक हिंदी अकादमी शुरू करने की घोषणा की. साथ ही इस पर गौर करने के लिए एक समिति की स्थापना की गई है.

उन्होंने कहा कि आज हिंदी दिवस है. हम हिंदी से प्यार करते हैं और हिंदी मीडिया को कंजयूम करते हैं. यहां बहुत सारे हिंदी भाषी लोग हैं. मैं यहां एक हिंदी अकादमी की घोषणा करती हूं. इस पर गौर करने के लिए एक समिति की स्थापना की गई है, जिसमें प्रख्यात लोगों को शामिल किया गया है.

ममता के ट्वीट
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ममता ने आगे कहा कि बंगाल सरकार ने लगातार हिंदी, उर्दू, गुरुमुखी, अलचिकी, राजबंशी, कामतापुरी, कुरुख भाषाओं को मान्यता देकर सभी के लिए समावेशी विकास का काम किया है. मैं केंद्र से आग्रह करती हूं कि वह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक शास्त्रीय भाषा के रूप में बंगाली को भी शामिल करे.

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उन्होंने आगे कहा कि बंगाल की भूमि समावेशी है और हमने अपने निरंतर प्रयासों के माध्यम से टैगोर के विविधता में एकता के मूल्यों को आगे बढ़ाया है. हमारी सरकार ने हिंदी शिक्षा, संस्कृति और समुदाय के विकास के लिए कई पहल की है.

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