कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपानीत राजग सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पावर का इस्तेमाल कर विपक्ष द्वारा शासित राज्यों की सरकारों पर निशाना साधने के लिए साजिश रचने की कोशिश कर रही है.
ममता ने शहीद दिवस पर आयोजित टीएमसी की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए हुंकार भरी कि पश्चिम बंगाल अपने ही लोगों द्वारा चलाया जाएगा, न कि बाहरी लोगों द्वारा. उन्होंने संभवतः भाजपा को बाहरी लोगों की पार्टी करार दिया.
टीएमसी प्रमुख ने लोगों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी को वोट देने की अपील करते हुए कहा कि बंगाल के लोग राज्य पर शासन करेंगे, न कि बाहरी और गुजरात के लोग.
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने बंगाल को संसाधनों से वंचित कर दिया है और राज्य के साथ हुए अन्याय के लिए मुखर लोगों को इसका करारा जवाब दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'अम्फान चक्रवात से प्रभावित हुए सभी लोगों को सरकारी सहायता मिलेगी, हमारे खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.'
ममता ने आरोप लगाया कि बंगाल की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्र सरकार साजिश रच रही है. भाजपा सबसे विनाशकारी है, जिसे देशवासियों ने देखा है.
उन्होंने कहा कि जब पूरा देश महामारी से लड़ रहा है तो भाजपा मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और पश्चिम बंगाल में निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने में व्यस्त है.
ममता ने पीएम के गुजरात से संबंध को लेकर राजस्थान में राजनीतिक उथल-पुथल पर केंद्र पर तीखा हमला किया और पूछा- गुजरात सभी राज्यों पर क्यों शासन करे? संघीय ढांचे की क्या जरूरत है?
मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा- केंद्र सरकार यह कहते हुए बंगाल के खिलाफ षड्यंत्र कर रही है कि हर दिन यहां हिंसा होती है. लेकिन उत्तर प्रदेश के बारे में क्या, जहां 'जंगल राज' है. उन्होंने कहा कि देशभर में भय के राज के कारण लोग अपनी बात रखने में असमर्थ हैं.
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ममता ने कहा, 'हम शहीदों की याद में 1993 से वार्षिक रैली आयोजित कर रहे हैं. हालांकि, कोरोना के चलते इस साल की शहीद दिवस रैली को अलग तरीके से आयोजित कर रहे हैं.'
दरअसल, 21 जुलाई, 1993 को यूथ कांग्रेस ने एक अभियान शुरू किया था और उसी दिन यूथ कांग्रेस के 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी. तृणमूल कांग्रेस हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती है.
ममता बनर्जी उस समय युवा कांग्रेस की नेता थीं. उन्होंने मतदान के लिए मतदाता परिचय पत्र को ही दस्तावेज मानने की मांग की थी. ममता ने अपनी मांग को लेकर सचिवालय की ओर मार्च का आह्वान भी किया था. उसी दौरान पुलिस की गोलीबारी में 13 लोग मारे गए थे.
पुलिस की गोलियों से हुई मौतों के बाद पश्चिम बंगाल में काफी आगजनी की घटनाएं भी हुई थी. 27 साल पहले की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि रेलवे को भी काफी नुकसान पहुंचाया गया था.
आपको बता दें कि ममता ने चुनाव से कुछ महीनों पहले हुई वर्चुअल रैली के पहले तृणमूल समर्थकों के प्रेरित करने के लिए एक गीत की रचना की है. उन्होंने लिखा है- 'सकोल बादा चिन्नो कोरे, जागो जौबन नातून जरूर.' पार्टी नेताओं के मुताबिक यह गीत शहीद दिवस के कार्यक्रमों में बजाया जाएगा.
विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां !
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अब केवल 10 महीने दूर हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के पार्टी सूत्रों का कहना है कि 21 जुलाई की वर्चुअल रैली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए आगामी चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर एक उचित मंच है. बता दें कि ममता पार्टी प्रमुख भी हैं.
पार्टी सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस डिजिटल रैली के माध्यम से राज्य के पांच करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचने की योजना बना रही है और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर यह सुनिश्चित करने के लिए सभी चीजों को देख रहे हैं कि बनर्जी का भाषण और संदेश राज्य के हर ब्लॉक और गांव तक पहुंचे.
रैली के पहले सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी 21 जुलाई की डिजिटल रैली के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'हालांकि, बेहतर होता की चीजें सामान्य होतीं और हम पूर्व के वर्षों की तरह सामान्य रैली कर पाते. लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते हम डिजिटल रैली करने को विवश हैं.' वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा कि पार्टी बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेगी, लेकिन किसी डिजिटल रैली की तुलना किसी बड़ी सामान्य रैली में दिखने वाले जोश और ऊर्जा से कभी नहीं हो सकती.