लखनऊ : राजधानी की एक होनहार बेटी मेजर श्वेता पांडे पर हर किसी को गर्व है. राजधानी में अपनी पढ़ाई पूरी करके मेजर पांडेय भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं और लखनऊ का गौरव बढ़ा रही हैं. गर्व होना भी स्वाभाविक है. स्वतंत्रता दिवस के दिन वह सेना में झंडारोहण अधिकारी के रूप में लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद की. जिसको लेकर हर किसी को उन पर नाज है.
ईटीवी भारत से फोन पर मेजर श्वेता पांडेय के पिता राम रतन पांडेय ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेटी ने झंडारोहण किया उसका तो उन्हें गर्व है ही, इसके अलावा मास्को में भी विजय दिवस के अवसर पर उन्होंने तीनों सेनाओं की टुकड़ियों की अगुवाई करते हुए तिरंगा फहराया था. विदेश की धरती पर यह जो उन्होंने काम किया इसके लिए उन्हें बहुत गर्व है. लखनऊ ही नहीं यूपी वासियों को मेरी बेटी पर गर्व है.
वर्ष 2007 में राजधानी लखनऊ के सिटी मोंटेसरी स्कूल की आरडीएसओ ब्रांच से अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने वाली श्वेता पांडेय आज सेना में मेजर के पद पर देश की सेवा कर रही हैं.
मेजर पांडेय कहती हैं कि वह सेना के नियमों में बंधी हैं और ऐसी स्थिति में कुछ भी नहीं कह सकतीं. इतना जरूर है कि वह लखनऊ की बेटी हैं और अपने देश की सेवा कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की शान तिरंगा और वह भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ झंडारोहण के समय फ्लैगशिप ऑफिसर रहना यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है और इससे उन्हें खूब संतुष्टि मिलती है.
मेजर श्वेता पांडेय के पिता राजरतन पांडेय वित्त विभाग में अधिकारी रहे हैं और वह लखनऊ सचिवालय में अपर निदेशक के पद से पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे. माता अमिता पांडेय पायनियर कॉलेज में हिंदी विषय की प्रोफेसर थीं जो अब सेवानिवृत्त हो गई हैं.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इसी साल जून में मेजर श्वेता पांडेय ने रूस में विजय दिवस की परेड में भारत की तीनों सैन्य टुकड़ियों की अगुवाई की थी और तिरंगा लहराया था.
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सेना में मेजर के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहीं मेजर श्वेता पांडेय ने राजधानी के सिटी मोंटेसरी स्कूल की आरडीएसओ ब्रांच से 2007 में अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई की है. इसके बाद आजाद इंस्टीट्यूट एन्ड मैनेजमेंट से कम्पयूटर साइंस में बीटेक किया. वह भारतीय सेना में 2012 में अधिकारी के रूप में चयनित हुईं. इस समय सेना के 505 बेस वर्कशॉप से इलेक्ट्रॉनिक एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर की अधिकारी के रूप में देश सेवा कर रही हैं.