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आत्महत्या समाधान नहीं, मराठा आरक्षण पर कदम उठा रही सरकार : पवार - Government of Maharashtra

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण के मामले में आत्महत्या कोई समाधान नहीं है. साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय के लोगों को दिए गए आरक्षण के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को वापस कराने का प्रयास कर रही है.

Sharad Pawar
शरद पवार
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Published : Oct 2, 2020, 11:07 PM IST

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण के मामले में आत्महत्या कोई समाधान नहीं है. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय के लोगों को दिए गए आरक्षण के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को वापस कराने का प्रयास कर रही है.

पुणे में वसंतदादा शुगर संस्थान (वीएसआई) में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि मैं युवा पीढ़ी से अपील करना चाहूंगा कि आत्महत्या कोई रास्ता नहीं है. राज्य सरकार का रुख सौ प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में है और राज्य सरकार मराठा समुदाय के लोगों को दिए गए आरक्षण के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश के स्थगन के लिए कदम उठा रही है.

उन्होंने कहा कि वह प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं. हम मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार का रुख उच्चतम न्यायालय में रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि लोगों के दिमाग में चल रही चिंताओं को दूर करने में मदद मिले.

इस मामले में उनके पोते पार्थ पवार का रुख पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अदालत जा सकता है. पवार ने कहा कि अगर 10 लोग भी अदालत चले जाएं तो इससे राज्य सरकार को मामले में मदद मिलेगी. हमारा लक्ष्य अंतत: रोक को हटाना है.

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुझे बताया कि उन्होंने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर एक बैठक की थी. पवार ने कहा कि राज्य सरकार रोक के खिलाफ पहले ही अदालत का रुख कर चुकी है और वह अलग पीठ की नियुक्ति पर जोर दे रही है.

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि आरक्षण के मामले में आत्महत्या कोई समाधान नहीं है. उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार मराठा समुदाय के लोगों को दिए गए आरक्षण के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को वापस कराने का प्रयास कर रही है.

पुणे में वसंतदादा शुगर संस्थान (वीएसआई) में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पवार ने कहा कि मैं युवा पीढ़ी से अपील करना चाहूंगा कि आत्महत्या कोई रास्ता नहीं है. राज्य सरकार का रुख सौ प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में है और राज्य सरकार मराठा समुदाय के लोगों को दिए गए आरक्षण के क्रियान्वयन पर उच्चतम न्यायालय के रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश के स्थगन के लिए कदम उठा रही है.

उन्होंने कहा कि वह प्रख्यात वकील कपिल सिब्बल से इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं. हम मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार का रुख उच्चतम न्यायालय में रखने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि लोगों के दिमाग में चल रही चिंताओं को दूर करने में मदद मिले.

इस मामले में उनके पोते पार्थ पवार का रुख पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अदालत जा सकता है. पवार ने कहा कि अगर 10 लोग भी अदालत चले जाएं तो इससे राज्य सरकार को मामले में मदद मिलेगी. हमारा लक्ष्य अंतत: रोक को हटाना है.

एनसीपी प्रमुख ने कहा कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मुझे बताया कि उन्होंने और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर एक बैठक की थी. पवार ने कहा कि राज्य सरकार रोक के खिलाफ पहले ही अदालत का रुख कर चुकी है और वह अलग पीठ की नियुक्ति पर जोर दे रही है.

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