चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अभिनेता रजनीकांत के खिलाफ ई वी रामासामी पेरियार पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ दायर एक मामले को खारिज कर दिया.
कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि यह याचिका मजिस्ट्रेट अदालत की जगह हाई कोर्ट में क्यों दायर की गई है.
बता दें कि द्रविड़ संगठन द्वारा उनकी टिप्पणी पर मामला दायर किया गया था.
दरअसल, एक तमिल पत्रिका की 50 वीं वर्षगांठ के मौके पर, 14 जनवरी को, रजनीकांत ने कथित तौर पर कहा था कि 1971 में सेलम में पेरियार के नेतृत्व में निकाली गई एक रैली में भगवान राम और सीता की वस्त्रहीन मूर्तियां रखी गई थीं जिन पर जूतों की माला थी.
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इस टिप्पणी को लेकर डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मंगलवार को रजनीकांत को उनकी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उन्हें पेरियार जैसे लोगों के बारे में बोलने से पहले सोचना चाहिए.
द्रविड़ विधुथलाई कझगम (DVK) के सदस्यों ने पिछले हफ्ते अभिनेता के खिलाफ थथाई पेरियार (पेरियार ईवी रामासामी) के खिलाफ कथित रूप से टिप्पणी करने के लिए शिकायत दर्ज करवाई गई थी.
दूसरी ओर रजनीकांत ने पेरियार ईवी रामासामी पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि उनकी टिप्पणी उन रिपोर्टों पर आधारित थीं जो पहले ही मीडिया में आ चुकी हैं.