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अविवाहित जोड़े का होटल के कमरे में रहना अपराध नहीं: मद्रास उच्च न्यायालय

मद्रास उच्च न्यायालय ने 'लिवइन रिलेशन' पर एक आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग व्यक्तियों के एक साथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता. जानें पूरा विवरण...

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मद्रास हाईकोर्ट
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Published : Dec 8, 2019, 8:30 AM IST

चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि दो बालिग लोगों को 'लिवइन रिलेशन' में रहने को अपराध नहीं माना जाता है. अदालत ने कहा कि ऐसे अविवाहित जोड़ों का होटल के किसी कमरे में एक साथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता.

न्यायमूर्ति एम एस रमेश ने हाल के एक आदेश में कहा, 'प्रत्यक्ष तौर पर कोई कानून या नियम नहीं है जो विपरीत लिंग के अविवाहित जोड़े को होटल के कमरे में मेहमान के तौर पर रहने से रोकता है.'

उन्होंने यह टिप्पणी प्राधिकारियों को कोयबंटूर स्थित किराए पर दिए जाने वाले अपार्टमेंट पर लगे सील को खोलने का निर्देश देते हुए की. उक्त अपार्टमेंट को पुलिस और राजस्व विभाग ने इस साल जून में इस शिकायत के बाद मारे गए छापे के बाद सील कर दिया था कि वहां अनैतिक गतिविधि होती हैं.

अपार्टमेंट में छापा मारने वाली टीम को वहां एक अविवाहित जोड़ा मिला था और कमरे में शराब की कुछ बोतलें मिली थीं.

पढ़ें-शरीर पर चोट का निशान न होना यौन दुर्व्यवहार का प्रमाण नहीं : मद्रास हाई कोर्ट

न्यायाधीश ने कहा, अविवाहित जोड़े के रहने के आधार पर परिसर को सील करने जैसा कठोर कदम उठाना इसे रोकने वाले किसी कानून के अभाव में पूरी तरह से गैरकानूनी है.

चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि दो बालिग लोगों को 'लिवइन रिलेशन' में रहने को अपराध नहीं माना जाता है. अदालत ने कहा कि ऐसे अविवाहित जोड़ों का होटल के किसी कमरे में एक साथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता.

न्यायमूर्ति एम एस रमेश ने हाल के एक आदेश में कहा, 'प्रत्यक्ष तौर पर कोई कानून या नियम नहीं है जो विपरीत लिंग के अविवाहित जोड़े को होटल के कमरे में मेहमान के तौर पर रहने से रोकता है.'

उन्होंने यह टिप्पणी प्राधिकारियों को कोयबंटूर स्थित किराए पर दिए जाने वाले अपार्टमेंट पर लगे सील को खोलने का निर्देश देते हुए की. उक्त अपार्टमेंट को पुलिस और राजस्व विभाग ने इस साल जून में इस शिकायत के बाद मारे गए छापे के बाद सील कर दिया था कि वहां अनैतिक गतिविधि होती हैं.

अपार्टमेंट में छापा मारने वाली टीम को वहां एक अविवाहित जोड़ा मिला था और कमरे में शराब की कुछ बोतलें मिली थीं.

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न्यायाधीश ने कहा, अविवाहित जोड़े के रहने के आधार पर परिसर को सील करने जैसा कठोर कदम उठाना इसे रोकने वाले किसी कानून के अभाव में पूरी तरह से गैरकानूनी है.

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अविवाहित जोड़े का होटल के कमरे में रहना अपराध नहीं: मद्रास उच्च न्यायालय



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मद्रास उच्च न्यायालय ने 'लिवइन रिलेशन' पर एक आदेश पारित किया है. हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग व्यक्तियों के एक साथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता. जानें पूरा विवरण...



चेन्नई : मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि दो बालिग लोगों को 'लिवइन रिलेशन' में रहने को अपराध नहीं माना जाता है. अदालत ने कहा कि ऐसे अविवाहित जोड़ों का होटल के किसी कमरे में एक साथ रहने पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता.



न्यायमूर्ति एम एस रमेश ने हाल के एक आदेश में कहा, 'प्रत्यक्ष तौर पर कोई कानून या नियम नहीं है जो विपरीत लिंग के अविवाहित जोड़े को होटल के कमरे में मेहमान के तौर पर रहने से रोकता है.'

उन्होंने यह टिप्पणी प्राधिकारियों को कोयबंटूर स्थित किराए पर दिए जाने वाले अपार्टमेंट पर लगे सील को खोलने का निर्देश देते हुए की. उक्त अपार्टमेंट को पुलिस और राजस्व विभाग ने इस साल जून में इस शिकायत के बाद मारे गए छापे के बाद सील कर दिया था कि वहां अनैतिक गतिविधि होती हैं. 

अपार्टमेंट में छापा मारने वाली टीम को वहां एक अविवाहित जोड़ा मिला था और कमरे में शराब की कुछ बोतलें मिली थीं.

न्यायाधीश ने कहा, अविवाहित जोड़े के रहने के आधार पर परिसर को सील करने जैसा कठोर कदम उठाना इसे रोकने वाले किसी कानून के अभाव में पूरी तरह से गैरकानूनी है.


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