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तमिलनाडु : केंद्र की नई व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी प्रभावित करेगी लॉरी और ट्रक कारोबारियों का जीवन - लॉरी मालिकों ने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

केंद्र सरकार की प्रस्तावित 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ' से तमिलनाडु के छह लाख वाहनों में से एक लाख से अधिक वाहन नष्ट हो जाएंगे. वहीं इससे जुड़े कारोबारियों और श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. इसलिए लॉरी मालिकों ने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

स्क्रैपेज पॉलिसी
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Published : Feb 9, 2021, 5:23 PM IST

नामक्कल : केंद्र सरकार की प्रस्तावित 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ' नामक्कल के लॉरी मालिकों और श्रमिकों की आजीविका को खासा प्रभावित करेगी. इसके चलते एक लाख से अधिक लॉरियों को नष्ट करके स्क्रैप उद्योग में भेजा जाएगा. इसको लेकर लॉरी मालिकों ने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

वित्त मंत्री ने बजट में दी थी जानकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2021-22 पेश करते हुए 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ' की जानकारी दी थी. इस नीति का उद्देश्य पुराने वाहनों को चलन से बाहर करना है. इसके अंतर्गत व्यक्तिगत वाहनों के मामले में रजिस्ट्रेशन के 15 साल बाद वाहन को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा और यदि ये वाहन फिट हैं, तो उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद सड़क पर पांच साल तक चलने की अनुमति होगी.

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पर वाहन मालिक व एसोसिएशन ने क्या कहा

15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को नष्ट किया जाएगा

वहीं कार, लॉरी, बसों और कार्गो ऑटो सहित वाणिज्यिक वाहनों को नष्ट कर दिया जाएगा और इन वाहनों को रजिस्ट्रेशन करने के 15 साल बाद स्क्रैप उद्योग में भेज दिया जाएगा. वर्तमान में देश में BS-VI इंजन से लैस वाहन बेचे जा रहे हैं. लेकिन BS-IV इंजन और कम ग्रेड वाले वाहनों को ऑपरेशन के लिए फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. यदि ये वाहन अनफिट होते हैं तो इसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होगी.

लॉरी मालिकों को अन्य व्यवसाय में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा

यह नीति केवल बड़े कॉरपोरेट और व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगी, जो लॉरी और कई ट्रकों के मालिक हैं, लॉरी मालिक के संघ को डर है कि प्रस्तावित कानून लॉरी और ट्रक व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित करेगा. लॉरी मालिकों की शिकायत है कि उन्होंने वर्षों की बचत के साथ वाहन खरीदे. लेकिन अचानक केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की कि 15 साल और इससे अधिक पुराने वाहनों को धातु स्क्रैप उद्योग में भेजा जाएगा और नष्ट कर दिया जाएगा. यदि यह नीति लागू होती है, तो लॉरी मालिकों के पास व्यवसाय छोड़ने और अन्य व्यवसाय में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस नीति को तुरंत वापस लेने और दो साल के लिए कानून को स्थगित करने की मांग की है.

तमिलनाडु में लॉरी, बस और कार्गो ऑटो सहित 6 लाख वाहन

हालांकि तमिलनाडु में लॉरी, बस और कार्गो ऑटो सहित 6 लाख वाहन हैं. लेकिन इस नीति के लागू होने पर एक लाख से अधिक वाहन नष्ट हो जाएंगे. इससे बड़ी संख्या में लॉरी और बस मालिकों और ड्राइवरों के अलावा मैकेनिकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसी पेशे पर निर्भर लॉरी मालिकों के लिए एक बड़ा झटका होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

पढ़ें : राज्य सभा से विदाई पर भावुक हुए गुलाम नबी आजाद

यह कहना है वाहन मालिक और एसोसिएशन का

'मोटर वाहन बीमा प्रीमियम बहुत ज्यादा बढ़ गया है. डीजल की कीमत भी बढ़ाई जाएगी. इससे हम वाहनों को संचालित नहीं कर सकते हैं, इसलिए हमें इस काम को रोकना होगा. इस परिस्थिति में हम नहीं जानते कि ऋण कैसे चुकाएं और परिवार की देखभाल करें या स्क्रैप डीलरों को वाहन बेच दें, जो केवल अल्प राशि देगा. इससे हमारी आजीविका प्रभावित होगी.' - शनमुगम- एक वाहन मालिक

'पहले से ही हम भारी टोल संग्रह, डीजल मूल्य वृद्धि होने से हमारी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है. यदि जरूरी हो, तो केंद्र सरकार दो साल के लिए नीति के कार्यान्वयन को टाल दे. इसके लिए दो साल के बाद सरकार नई समय सीमा तय कर सकती है - उदाहरण के लिए वाणिज्यिक वाहन 20 साल के बजाय 25 साल और निजी वाहन 25 साल तक चल सकते हैं. केंद्र सरकार तब मौजूदा दर के अनुसार उचित मुआवजा देने के बाद इन वाहनों को खरीद भी सकती है. साथ ही केंद्र सरकार को इन वाहन मालिकों को मुफ्त वाहन ऋण देना चाहिए.' - सेला राजमणि, फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु मोटर व्हीकल एसोसिएशन

नामक्कल : केंद्र सरकार की प्रस्तावित 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ' नामक्कल के लॉरी मालिकों और श्रमिकों की आजीविका को खासा प्रभावित करेगी. इसके चलते एक लाख से अधिक लॉरियों को नष्ट करके स्क्रैप उद्योग में भेजा जाएगा. इसको लेकर लॉरी मालिकों ने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

वित्त मंत्री ने बजट में दी थी जानकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2021-22 पेश करते हुए 'व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी ' की जानकारी दी थी. इस नीति का उद्देश्य पुराने वाहनों को चलन से बाहर करना है. इसके अंतर्गत व्यक्तिगत वाहनों के मामले में रजिस्ट्रेशन के 15 साल बाद वाहन को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा और यदि ये वाहन फिट हैं, तो उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद सड़क पर पांच साल तक चलने की अनुमति होगी.

व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी पर वाहन मालिक व एसोसिएशन ने क्या कहा

15 साल पुराने कॉमर्शियल वाहनों को नष्ट किया जाएगा

वहीं कार, लॉरी, बसों और कार्गो ऑटो सहित वाणिज्यिक वाहनों को नष्ट कर दिया जाएगा और इन वाहनों को रजिस्ट्रेशन करने के 15 साल बाद स्क्रैप उद्योग में भेज दिया जाएगा. वर्तमान में देश में BS-VI इंजन से लैस वाहन बेचे जा रहे हैं. लेकिन BS-IV इंजन और कम ग्रेड वाले वाहनों को ऑपरेशन के लिए फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. यदि ये वाहन अनफिट होते हैं तो इसे सड़कों पर चलाने की अनुमति नहीं होगी.

लॉरी मालिकों को अन्य व्यवसाय में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा

यह नीति केवल बड़े कॉरपोरेट और व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होगी, जो लॉरी और कई ट्रकों के मालिक हैं, लॉरी मालिक के संघ को डर है कि प्रस्तावित कानून लॉरी और ट्रक व्यवसाय को बुरी तरह प्रभावित करेगा. लॉरी मालिकों की शिकायत है कि उन्होंने वर्षों की बचत के साथ वाहन खरीदे. लेकिन अचानक केंद्र सरकार ने व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा की कि 15 साल और इससे अधिक पुराने वाहनों को धातु स्क्रैप उद्योग में भेजा जाएगा और नष्ट कर दिया जाएगा. यदि यह नीति लागू होती है, तो लॉरी मालिकों के पास व्यवसाय छोड़ने और अन्य व्यवसाय में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस नीति को तुरंत वापस लेने और दो साल के लिए कानून को स्थगित करने की मांग की है.

तमिलनाडु में लॉरी, बस और कार्गो ऑटो सहित 6 लाख वाहन

हालांकि तमिलनाडु में लॉरी, बस और कार्गो ऑटो सहित 6 लाख वाहन हैं. लेकिन इस नीति के लागू होने पर एक लाख से अधिक वाहन नष्ट हो जाएंगे. इससे बड़ी संख्या में लॉरी और बस मालिकों और ड्राइवरों के अलावा मैकेनिकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसी पेशे पर निर्भर लॉरी मालिकों के लिए एक बड़ा झटका होगा. उन्होंने केंद्र सरकार से इस नीति को वापस लेने का अनुरोध किया है.

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यह कहना है वाहन मालिक और एसोसिएशन का

'मोटर वाहन बीमा प्रीमियम बहुत ज्यादा बढ़ गया है. डीजल की कीमत भी बढ़ाई जाएगी. इससे हम वाहनों को संचालित नहीं कर सकते हैं, इसलिए हमें इस काम को रोकना होगा. इस परिस्थिति में हम नहीं जानते कि ऋण कैसे चुकाएं और परिवार की देखभाल करें या स्क्रैप डीलरों को वाहन बेच दें, जो केवल अल्प राशि देगा. इससे हमारी आजीविका प्रभावित होगी.' - शनमुगम- एक वाहन मालिक

'पहले से ही हम भारी टोल संग्रह, डीजल मूल्य वृद्धि होने से हमारी आजीविका बुरी तरह प्रभावित हुई है. यदि जरूरी हो, तो केंद्र सरकार दो साल के लिए नीति के कार्यान्वयन को टाल दे. इसके लिए दो साल के बाद सरकार नई समय सीमा तय कर सकती है - उदाहरण के लिए वाणिज्यिक वाहन 20 साल के बजाय 25 साल और निजी वाहन 25 साल तक चल सकते हैं. केंद्र सरकार तब मौजूदा दर के अनुसार उचित मुआवजा देने के बाद इन वाहनों को खरीद भी सकती है. साथ ही केंद्र सरकार को इन वाहन मालिकों को मुफ्त वाहन ऋण देना चाहिए.' - सेला राजमणि, फेडरेशन ऑफ तमिलनाडु मोटर व्हीकल एसोसिएशन

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