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लोकसभा : कार्यवाही पूरी, पेश हुए कई अहम बिल

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Published : Nov 26, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 9:53 PM IST

ETV BHARAT
संसद भवन

21:12 November 26

लोकसभा की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में कई विधेयक पेश किये गये. इनमें दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 प्रमुख रहे. देर शाम लोकसभा की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

18:58 November 26

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर विचार

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर विचार

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 और उसके खंडों पर विचार व सहमति.

17:40 November 26

कांग्रेस के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर उठाए सवाल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक पर शशि थरूर ने किया सवाल

कांग्रेस के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर उठाए सवाल.

थरूर ने कहा कि आखिर वो कौन से मानदंड हैं, जिनके आधार पर इन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट का दर्जा दिया जा रहा है. यह बात बिल में साफ नहीं है.

16:44 November 26

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा

किरण खेर ने कहा कि इस विधेयक में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को, जो मध्य प्रदेश,असम, आंध्र प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं, ऑटोनामस इन्स्टीट्यूट का दर्जा देने की बात कही गई है.

ये संस्थान अब डिग्री और डिप्लोमा सर्टीफिकेट दे सकेंगे.

16:42 November 26

दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश करते,आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी

 दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सम्पत्ति का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से एक विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया .

विधेयक में इन अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्‍य ऐसे दस्‍तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है, जो ऐसी सम्पत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं.

15:58 November 26

लोकसभा : कार्यवाही पूरी, पेश हुए कई अहम बिल

पूनमबेन ने की किसान की आय को दोगुना करने पर चर्चा

लोकसभा में सदस्यों ने ई-सिगरेट के साथ अन्य तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध की मांग की

नई दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध वाले एक विधेयक पर चर्चा के दौरान अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने इसके साथ ही संपूर्ण तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध की मांग की, हालांकि सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इससे करोड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) विधेयक, 2019 चर्चा के लिए रखा.

यह विधेयक कानून बनने के बाद हाल ही में इस संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा. केंद्र सरकार ने लोगों, खासकर युवाओं को ई-सिगरेट से होने वाले सेहत संबंधी खतरों का उल्लेख करते हुए इन उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सितंबर महीने में अध्यादेश जारी किया था.

सरकार ने इसके साथ ई-हुक्के को भी प्रतिबंधित किया है. विधेयक में कहा गया है कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों; और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है.

ई सिगरेट का भंडारण भी दंडनीय होगा और इसके लिये छह महीने तक की सजा या 50 हजार रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ई-सिगरेट ऐसी इलेक्ट्रानिक युक्तियां हैं जो अंत: श्वसन के लिये निकोटीन और महक सहित या उसके बिना किसी पदार्थ को गर्म करती हैं जिसका उपयोगकर्ता धूम्रपान के लिये इस्तेमाल करता है. इसके तहत सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन परिदान प्रणाली, हुक्का बार और इस प्रकार की अन्य युक्तियां आती हैं.

इसमें कहा गया है कि उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य से यह प्रदर्शित होता है कि ई- सिगरेट का उपयोग सक्रिय उपयोगकर्ता के लिये जोखिम वाला है. ई-सिगरेट के घोल और उत्सर्जन को नुकसानदायक माना जाता है जो जोखिम वाला है. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि इसमें प्राधिकृत अधिकारी को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेटों के पैकेज रखे जाने वाले परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने तथा ऐसे स्टाकों एवं उनके संघटकों को जब्त करने के लिए सशक्त करता है.

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को तंबाकू वाले सिगरेट और ई-सिगरेट में फर्क नहीं करना चाहिए. अगर वह तंबाकू के सेवन पर अंकुश लगाना चाहती है तो उसे सभी तरह के सिगरेट पर पाबंदी लगानी चाहिए.

उन्होंने अध्यादेश लाने के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अध्यादेश लाने की आदी’ यह सरकार जल्दबाजी में जो भी कदम उठा रही है उससे अपेक्षित परिणाम मिलना मुश्किल है.

चौधरी ने कहा कि सरकार को बिना वजह अध्यादेश लाने से परहेज करना चाहिए.

भाजपा के वरुण गांधी ने चौधरी का प्रतिवाद करते हुए कहा कि अगर सरकार सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा देती है तो उन करोड़ों लोगों की जीविका का क्या होगा जो तंबाकू का उत्पादन करते हैं.

उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट का बड़े पैमाने पर चीन से आयात हो रहा है और सबसे खतरनाक बात यह है कि इनमें मौजूद तत्वों के नियमन की कोई व्यवस्था नहीं है.

गांधी ने कहा कि ई-सिगरेट की लत सबसे ज्यादा युवाओं और बच्चों को लगती है, ऐसे में इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है.

द्रमुक के सेंथिल कुमार ने कहा कि ई-सिगरेट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बजाय इसे तंबाकू निषेध से जुड़े कानून के दायरे में लाया जा सकता था.

उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंध लगाना है तो सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगना चाहिए.

बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से युवाओं को फायदा होगा.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम. भरत ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की पैरवी करते हुए कहा कि युवाओं को ई-सिगरेट का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है और ऐसे में एक युवा होने के नाते वह इस कदम का पूरा समर्थन करते हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के कदम का समर्थन किया.

एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग करते हुए सदन में गुटखे का पैकेट दिखाने का प्रयास किया और कहा कि वह इसे जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को देना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि इस तरह के उत्पाद कितनी आसानी से उपलब्ध हैं. हालांकि आसन से उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली.

भाजपा के जगदंबिका पाल, रवि किशन, बसपा के रितेश पांडे, कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद, बसपा के मलूक नागर और कई अन्य सदस्यों ने भी इस चर्चा में भाग लिया.

चर्चा अधूरी रही.

दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश.

 दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सम्पत्ति का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से एक विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया.

आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निचले सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कालोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पेश किया.

विधेयक में इन अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्‍य ऐसे दस्‍तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है, जो ऐसी सम्पत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं.

इसके साथ ही ऐसी कॉलोनियों के विकास, वहां मौजूद अवसंरचना और जन सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है .

इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद, पंजीकरण तथा स्‍टैंप ड्यूटी में दी जाने वाली रियायत से दिल्‍ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से ज्‍यादा लोग लाभान्वित होंगे.

गौरतलब है कि आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल की अध्‍यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष दिल्‍ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक देने का प्रस्‍ताव रखा था.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 अक्‍टूबर, 2019 को हुई बैठक में इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दी और इसके बाद 29 अक्‍टूबर, 2019 को इसे अधिसूचित कर दिया गया.

देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित संसद के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया.

21:12 November 26

लोकसभा की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को लोकसभा में कई विधेयक पेश किये गये. इनमें दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 प्रमुख रहे. देर शाम लोकसभा की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

18:58 November 26

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर विचार

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर विचार

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 और उसके खंडों पर विचार व सहमति.

17:40 November 26

कांग्रेस के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर उठाए सवाल

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक पर शशि थरूर ने किया सवाल

कांग्रेस के तिरुवनन्तपुरम से सांसद शशि थरूर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर उठाए सवाल.

थरूर ने कहा कि आखिर वो कौन से मानदंड हैं, जिनके आधार पर इन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट का दर्जा दिया जा रहा है. यह बात बिल में साफ नहीं है.

16:44 November 26

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा

किरण खेर ने कहा कि इस विधेयक में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को, जो मध्य प्रदेश,असम, आंध्र प्रदेश और हरियाणा में स्थित हैं, ऑटोनामस इन्स्टीट्यूट का दर्जा देने की बात कही गई है.

ये संस्थान अब डिग्री और डिप्लोमा सर्टीफिकेट दे सकेंगे.

16:42 November 26

दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश करते,आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी

 दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सम्पत्ति का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से एक विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया .

विधेयक में इन अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्‍य ऐसे दस्‍तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है, जो ऐसी सम्पत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं.

15:58 November 26

लोकसभा : कार्यवाही पूरी, पेश हुए कई अहम बिल

पूनमबेन ने की किसान की आय को दोगुना करने पर चर्चा

लोकसभा में सदस्यों ने ई-सिगरेट के साथ अन्य तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध की मांग की

नई दिल्ली : लोकसभा में मंगलवार को ई-सिगरेट पर प्रतिबंध वाले एक विधेयक पर चर्चा के दौरान अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने इसके साथ ही संपूर्ण तंबाकू उत्पादों पर भी प्रतिबंध की मांग की, हालांकि सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है क्योंकि इससे करोड़ों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ‘इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, विक्रय, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) विधेयक, 2019 चर्चा के लिए रखा.

यह विधेयक कानून बनने के बाद हाल ही में इस संबंध में जारी अध्यादेश की जगह लेगा. केंद्र सरकार ने लोगों, खासकर युवाओं को ई-सिगरेट से होने वाले सेहत संबंधी खतरों का उल्लेख करते हुए इन उत्पादों पर रोक लगाने के लिए सितंबर महीने में अध्यादेश जारी किया था.

सरकार ने इसके साथ ई-हुक्के को भी प्रतिबंधित किया है. विधेयक में कहा गया है कि पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद अथवा एक लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों; और अगले अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपए तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है.

ई सिगरेट का भंडारण भी दंडनीय होगा और इसके लिये छह महीने तक की सजा या 50 हजार रूपये तक जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान किया गया है. विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ई-सिगरेट ऐसी इलेक्ट्रानिक युक्तियां हैं जो अंत: श्वसन के लिये निकोटीन और महक सहित या उसके बिना किसी पदार्थ को गर्म करती हैं जिसका उपयोगकर्ता धूम्रपान के लिये इस्तेमाल करता है. इसके तहत सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन परिदान प्रणाली, हुक्का बार और इस प्रकार की अन्य युक्तियां आती हैं.

इसमें कहा गया है कि उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य से यह प्रदर्शित होता है कि ई- सिगरेट का उपयोग सक्रिय उपयोगकर्ता के लिये जोखिम वाला है. ई-सिगरेट के घोल और उत्सर्जन को नुकसानदायक माना जाता है जो जोखिम वाला है. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि इसमें प्राधिकृत अधिकारी को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेटों के पैकेज रखे जाने वाले परिसर में प्रवेश करने और तलाशी लेने तथा ऐसे स्टाकों एवं उनके संघटकों को जब्त करने के लिए सशक्त करता है.

विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार को तंबाकू वाले सिगरेट और ई-सिगरेट में फर्क नहीं करना चाहिए. अगर वह तंबाकू के सेवन पर अंकुश लगाना चाहती है तो उसे सभी तरह के सिगरेट पर पाबंदी लगानी चाहिए.

उन्होंने अध्यादेश लाने के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अध्यादेश लाने की आदी’ यह सरकार जल्दबाजी में जो भी कदम उठा रही है उससे अपेक्षित परिणाम मिलना मुश्किल है.

चौधरी ने कहा कि सरकार को बिना वजह अध्यादेश लाने से परहेज करना चाहिए.

भाजपा के वरुण गांधी ने चौधरी का प्रतिवाद करते हुए कहा कि अगर सरकार सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा देती है तो उन करोड़ों लोगों की जीविका का क्या होगा जो तंबाकू का उत्पादन करते हैं.

उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट का बड़े पैमाने पर चीन से आयात हो रहा है और सबसे खतरनाक बात यह है कि इनमें मौजूद तत्वों के नियमन की कोई व्यवस्था नहीं है.

गांधी ने कहा कि ई-सिगरेट की लत सबसे ज्यादा युवाओं और बच्चों को लगती है, ऐसे में इस पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है.

द्रमुक के सेंथिल कुमार ने कहा कि ई-सिगरेट पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की बजाय इसे तंबाकू निषेध से जुड़े कानून के दायरे में लाया जा सकता था.

उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंध लगाना है तो सभी तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगना चाहिए.

बीजू जनता दल की शर्मिष्ठा सेठी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध से युवाओं को फायदा होगा.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एम. भरत ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध की पैरवी करते हुए कहा कि युवाओं को ई-सिगरेट का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है और ऐसे में एक युवा होने के नाते वह इस कदम का पूरा समर्थन करते हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने भी ई-सिगरेट पर प्रतिबंध के कदम का समर्थन किया.

एआईएमआईएम के इम्तियाज जलील ने तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग करते हुए सदन में गुटखे का पैकेट दिखाने का प्रयास किया और कहा कि वह इसे जांच के लिए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को देना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि इस तरह के उत्पाद कितनी आसानी से उपलब्ध हैं. हालांकि आसन से उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली.

भाजपा के जगदंबिका पाल, रवि किशन, बसपा के रितेश पांडे, कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद, बसपा के मलूक नागर और कई अन्य सदस्यों ने भी इस चर्चा में भाग लिया.

चर्चा अधूरी रही.

दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों से संबंधित विधेयक लोकसभा में पेश.

 दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सम्पत्ति का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से एक विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया.

आवास एवं शहरी विकास मंत्री मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने निचले सदन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (अप्राधिकृत कालोनी निवासी सम्पत्ति अधिकार मान्यता) विधेयक 2019 पेश किया.

विधेयक में इन अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए उन्‍हें पॉवर ऑफ अटॉर्नी, विक्रय करार, वसीयत, कब्जा पत्र और अन्‍य ऐसे दस्‍तावेजों के आधार पर मालिकाना हक देने की बात कही गई है, जो ऐसी सम्पत्तियों के लिए खरीद का प्रमाण हैं.

इसके साथ ही ऐसी कॉलोनियों के विकास, वहां मौजूद अवसंरचना और जन सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है .

इस विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद, पंजीकरण तथा स्‍टैंप ड्यूटी में दी जाने वाली रियायत से दिल्‍ली की 1731 अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख से ज्‍यादा लोग लाभान्वित होंगे.

गौरतलब है कि आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल की अध्‍यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष दिल्‍ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक देने का प्रस्‍ताव रखा था.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 23 अक्‍टूबर, 2019 को हुई बैठक में इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दी और इसके बाद 29 अक्‍टूबर, 2019 को इसे अधिसूचित कर दिया गया.

देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित संसद के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया.

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संसद की कार्यवाही जारी



देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित संसद के संयुक्त सत्र को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया.


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Last Updated : Nov 26, 2019, 9:53 PM IST

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