नई दिल्लीः लोकसभा में वित्त वर्ष 2020-21 में 2.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के अतिरिक्त व्यय को मंजूरी दे दी गई क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राजस्व संग्रह में भारी गिरावट दर्ज की गई है, कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए राहत उपायों के कारण खर्च बढ़ गया है ऐसे में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक कठिन लड़ाई लड़नी पड़ेगी.
अतिरिक्त व्यय की राशि में 1.67 लाख करोड़ रुपये शुद्ध नकद आहरण होगा जो कुल राशि का 70% से अधिक है और 69,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था सरकार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के पहले से स्वीकृत खर्च में कटौती करके करेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि यह शायद पहली बार है जब मौजूदा हालात से निपटने के लिए 1,66,983 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है.
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में, उन्होंने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण समय है और अतिरिक्त पैसा बड़े पैमाने पर लोगों के लिए बनाई गई योजनाओं में खर्च किया जाएगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में अतिरिक्त संसाधन जनता के हित में लगाए जा रहे हैं ताकि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के माध्यम से लोगों तक पैसा पहुंच सके.
उन्होंने कहा कि इस अतिरिक्त राशि का सबसे बड़ा हिस्सा राज्यों, राज्य आपदा राहत कोष, स्वास्थ्य और खाद्य सब्सिडी, क्रेडिट गारंटी योजना और पीएम गरीब कल्याण योजना के लिए पोस्ट डिवलपमेंट अनुदान का भुगतान करने में उपयोग किया जाएगा.
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि कोरोना संकट में घर लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने क्या किया इसपर जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए आवंटित राशि में अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की है. इस अतिरिक्त आवंटन के साथ योजना के लिए कुल आवंटन 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा.