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जानें, कैसा था स्वामी अग्निवेश का व्यक्तिगत जीवन व राजनीतिक सफर

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Published : Sep 12, 2020, 9:42 AM IST

स्वामी अग्निवेश का लिवर सिरोसिस बीमारी के चलते शुक्रवार को दिल्ली में निधन हो गया. उन्हें मंगलवार को आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अग्निवेश को दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. जानें, स्वामी अग्निवेश के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी अहम बातें...

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कैसा था स्वामी अग्निवेश का व्यक्तिगत जीवन और राजनीतिक सफर

हैदराबाद : सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज की प्रतिष्ठित हस्ती व सामाजिक मुद्दों और सुधार जैसे मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार शाम को अंतिम सांस ली.

81 वर्षीय स्वामी अग्निवेश को सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (आईएलबीएस) में भर्ती कराया गया था. लिवर सिरोसिस से पीड़ित अग्निवेश के कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिस वजह से मंगलवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. जानें, स्वामी अग्निवेश के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी अहम बातें...

स्वामी अग्निवेश का असली नाम वेपा श्याम राव (Vepa Shyam Rao) है. उन्हें मुख्य रूप से 'बंधुआ मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक और आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता के रूप में जाना जाता है.

राजनीतिक सफर :

  • 1970 में स्वामी अग्निवेश ने आर्य समाज के सिद्धांतों पर आधारित 'आर्य सभा' नामक एक पार्टी की स्थापना की.
  • 1977 में वह हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए.
  • 1979 में उन्होंने हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया.
  • 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापना की. इस संगठन में भारत में बंधुआ मजदूरी के मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाई गई.

व्यक्तिगत जीवन :

स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ. उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी शिक्षा ग्रहण की. शैक्षिक योग्यता में अग्निवेश ने लॉ एंड कॉमर्स की डिग्री हासिल की.

पुरस्कार, सम्मान व उपलब्धियां :

  • स्वामी अग्निवेश ने वर्ष 2004 में दिल्ली में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार जीता.
  • इसी वर्ष 2004 में उन्हें स्वीडन में राइट लाइवलीहुड अवार्ड से भी नवाजा गया.
  • वर्ष 2006 में बेंगलुरु में स्वामी अग्निवेश ने एम. ए. थॉमस राष्ट्रीय अधिकार पुरस्कार हासिल किया.

स्वामी अग्निवेश एक विद्वान कार्यकर्ता और आध्यात्मिक नेता थे. आंध्र प्रदेश के ब्राह्मण परिवार में जन्मे स्वामी अग्निवेश ने संन्यासी का जीवन ग्रहण करने के लिए अपना नाम, जाति, धर्म, परिवार सहित सभी संपत्ति व अन्य सांसारिक सुख त्याग दिए.

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक
स्वामी अग्निवेश बंधुआ मुक्ति मोर्चा (बॉन्डेड लेबर लिबरेशन फ्रंट) की नीव रखने के लिए जाने जाते हैं. इस अभियान के माध्यम से अग्निवेश ने बंधुआ मजदूरी के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ा.

उनके जनता की सेवा करने वाले कार्यों ने उन्हें सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया.

हरियाणा में शिक्षा मंत्री
वह 1977 में हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए और 1979 में उन्होंने हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया. हालांकि, उन्होंने बाद में सरकार के साथ मतभेदों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

कश्मीर में शांति का प्रयास
स्वामी अग्निवेश ने कश्मीर में बढ़ते उग्रवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई और यहां शांति व पारस्परिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कई बार नेतृत्व किया.

अन्ना हजारे के साथ आंदोलन
2010 में कांग्रेस सरकार ने उन्हें माओवादी नेतृत्व के साथ बातचीत शुरू करने का काम दिया. इसके एक वर्ष बाद अग्निवेश अन्ना हजारे की अगुआई वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने. हालांकि, बाद में मतभेदों के चलते वह इस आंदोलन से भी दूर हो गए.

बिग बॉस में भी लिया हिस्सा
स्वामी अग्निवेश ने रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था. वह तीन दिन के लिए बिग बॉस के घर में रहे.

भगवान शिव पर विवादित टिप्पणी
2014 तक आर्य समाज की विश्व परिषद के अध्यक्ष रहे स्वामी अग्निवेश ने हिंदू समाज के लोगों को उस वक्त नाराज कर दिया, जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ मंदिर पर विवादित टिप्पणी कर दी.

अग्निवेश पर आरोप है कि उन्होंने भगवान शिव का यह कहकर अपमान किया कि कोई भी बर्फ का स्तंभ किसी धार्मिक महत्व का नहीं हो सकता.

इस घटना के बाद हिंदू समूहों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदूओं की भावनाओं को आहत करने के लिए अग्निवेश की निंदा की गई.

झारखंड में हमला
2018 में स्वामी अग्निवेश पर झारखंड में कथित तौर पर भाजपा की युवा शाखा के प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. इस हमले के वीडियो सामने आने पर फुटेज में देखा गया कि प्रदर्शनकारी अग्निवेश को 'पाकिस्तानी एजेंट' बताते हुए वापस जाने का नारा लगा रहे हैं.

यह घटना तब हुई, जब अग्निवेश पाकुर में एक होटल से बाहर निकल रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद वह जमीन पर गिर गए.

प्रदर्शनकारियों ने अग्निवेश पर ऐसे हमला किया कि उनके कपड़े फट गए और पगड़ी सिर से उतरकर जमीन पर गिर गई. बाद में अग्निवेश का डॉक्टरों ने इलाज किया.

इस घटना के संबंध में पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष सहित आठ कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इसके अलावा इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन भी किया गया.

हैदराबाद : सामाजिक कार्यकर्ता और आर्य समाज की प्रतिष्ठित हस्ती व सामाजिक मुद्दों और सुधार जैसे मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए सुर्खियों में रहने वाले स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में शुक्रवार शाम को अंतिम सांस ली.

81 वर्षीय स्वामी अग्निवेश को सोमवार को नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (आईएलबीएस) में भर्ती कराया गया था. लिवर सिरोसिस से पीड़ित अग्निवेश के कई प्रमुख अंगों ने काम करना बंद कर दिया था, जिस वजह से मंगलवार से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. जानें, स्वामी अग्निवेश के व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन से जुड़ी अहम बातें...

स्वामी अग्निवेश का असली नाम वेपा श्याम राव (Vepa Shyam Rao) है. उन्हें मुख्य रूप से 'बंधुआ मुक्ति मोर्चा' के संस्थापक और आर्य समाज के क्रांतिकारी नेता के रूप में जाना जाता है.

राजनीतिक सफर :

  • 1970 में स्वामी अग्निवेश ने आर्य समाज के सिद्धांतों पर आधारित 'आर्य सभा' नामक एक पार्टी की स्थापना की.
  • 1977 में वह हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए.
  • 1979 में उन्होंने हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया.
  • 1981 में उन्होंने बंधुआ मुक्ति मोर्चा नाम के संगठन की स्थापना की. इस संगठन में भारत में बंधुआ मजदूरी के मुद्दों के खिलाफ आवाज उठाई गई.

व्यक्तिगत जीवन :

स्वामी अग्निवेश का जन्म 21 सितंबर 1939 को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में हुआ. उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी शिक्षा ग्रहण की. शैक्षिक योग्यता में अग्निवेश ने लॉ एंड कॉमर्स की डिग्री हासिल की.

पुरस्कार, सम्मान व उपलब्धियां :

  • स्वामी अग्निवेश ने वर्ष 2004 में दिल्ली में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार जीता.
  • इसी वर्ष 2004 में उन्हें स्वीडन में राइट लाइवलीहुड अवार्ड से भी नवाजा गया.
  • वर्ष 2006 में बेंगलुरु में स्वामी अग्निवेश ने एम. ए. थॉमस राष्ट्रीय अधिकार पुरस्कार हासिल किया.

स्वामी अग्निवेश एक विद्वान कार्यकर्ता और आध्यात्मिक नेता थे. आंध्र प्रदेश के ब्राह्मण परिवार में जन्मे स्वामी अग्निवेश ने संन्यासी का जीवन ग्रहण करने के लिए अपना नाम, जाति, धर्म, परिवार सहित सभी संपत्ति व अन्य सांसारिक सुख त्याग दिए.

बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक
स्वामी अग्निवेश बंधुआ मुक्ति मोर्चा (बॉन्डेड लेबर लिबरेशन फ्रंट) की नीव रखने के लिए जाने जाते हैं. इस अभियान के माध्यम से अग्निवेश ने बंधुआ मजदूरी के खिलाफ व्यापक आंदोलन छेड़ा.

उनके जनता की सेवा करने वाले कार्यों ने उन्हें सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रेरित किया.

हरियाणा में शिक्षा मंत्री
वह 1977 में हरियाणा विधानसभा में विधायक चुने गए और 1979 में उन्होंने हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया. हालांकि, उन्होंने बाद में सरकार के साथ मतभेदों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

कश्मीर में शांति का प्रयास
स्वामी अग्निवेश ने कश्मीर में बढ़ते उग्रवाद के खिलाफ भी आवाज उठाई और यहां शांति व पारस्परिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए कई बार नेतृत्व किया.

अन्ना हजारे के साथ आंदोलन
2010 में कांग्रेस सरकार ने उन्हें माओवादी नेतृत्व के साथ बातचीत शुरू करने का काम दिया. इसके एक वर्ष बाद अग्निवेश अन्ना हजारे की अगुआई वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का हिस्सा बने. हालांकि, बाद में मतभेदों के चलते वह इस आंदोलन से भी दूर हो गए.

बिग बॉस में भी लिया हिस्सा
स्वामी अग्निवेश ने रियलिटी शो बिग बॉस में भी हिस्सा लिया था. वह तीन दिन के लिए बिग बॉस के घर में रहे.

भगवान शिव पर विवादित टिप्पणी
2014 तक आर्य समाज की विश्व परिषद के अध्यक्ष रहे स्वामी अग्निवेश ने हिंदू समाज के लोगों को उस वक्त नाराज कर दिया, जब उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अमरनाथ मंदिर पर विवादित टिप्पणी कर दी.

अग्निवेश पर आरोप है कि उन्होंने भगवान शिव का यह कहकर अपमान किया कि कोई भी बर्फ का स्तंभ किसी धार्मिक महत्व का नहीं हो सकता.

इस घटना के बाद हिंदू समूहों और सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदूओं की भावनाओं को आहत करने के लिए अग्निवेश की निंदा की गई.

झारखंड में हमला
2018 में स्वामी अग्निवेश पर झारखंड में कथित तौर पर भाजपा की युवा शाखा के प्रदर्शनकारियों ने हमला किया. इस हमले के वीडियो सामने आने पर फुटेज में देखा गया कि प्रदर्शनकारी अग्निवेश को 'पाकिस्तानी एजेंट' बताते हुए वापस जाने का नारा लगा रहे हैं.

यह घटना तब हुई, जब अग्निवेश पाकुर में एक होटल से बाहर निकल रहे थे. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद वह जमीन पर गिर गए.

प्रदर्शनकारियों ने अग्निवेश पर ऐसे हमला किया कि उनके कपड़े फट गए और पगड़ी सिर से उतरकर जमीन पर गिर गई. बाद में अग्निवेश का डॉक्टरों ने इलाज किया.

इस घटना के संबंध में पुलिस ने भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष सहित आठ कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. इसके अलावा इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन भी किया गया.

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