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जम्मू-कश्मीर : उधमपुर-बारामुला-रेल लिंक अगस्त 2022 तक पूरा होने की उम्मीद

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को उधमपुर-बारामुला-रेल लिंक काम की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने अगस्त 2022 तक परियोजना को समय से पहले पूरा करने का निर्देश भी दिया. बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

LG Manoj Sinha
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
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Published : Aug 23, 2020, 9:12 AM IST

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बहुप्रतिक्षित 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन निर्माण में हुई प्रगति की समीक्षा की, जिसके 15 अगस्त 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि, रेलवे की परियोजना के लिए सिन्हा द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, उपराज्यपाल के सलाहकार के के शर्मा, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी शामिल हुए.

रेलवे लाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू
प्रवक्ता ने बताया कि, उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि 27,949 करोड़ रुपये की लागत से 161 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

कटरा-बनिहाल मार्ग
सिन्हा ने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि, वे कटरा-बनिहाल मार्ग के बचे हुए काम को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करें. उन्होंने परियोजना को समय से पूरा करने में निर्माण एजेंसियों को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया.

समय सीमा में परियोजना पूरा करने का भरोसा
प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा में परियोजना को पूरा करने का भरोसा दिया. उल्लेखनीय है कि, इस परियोजना के तहत 359 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल का निर्माण चेनाब नदी पर किया जा रहा है. इसके साथ ही इस लाइन पर भारत में पहले केबल आधारित रेलपुल का निर्माण रियासी जिले के अंजी नाले पर किया जा रहा है.

साल 2017 में सौंपी जा चुकी रिपोर्ट
सिन्हा ने रेलवे अधिकारियों को राजौरी-पुंछ और कुपवाड़ा के इलाकों के उन इलाकों में रेल नेटवर्क को जोड़ने का निर्देश दिया, जो अबतक इससे नहीं जुड़े हैं. इस पर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 22,768 करोड़ की अनुमानित लागत से 223 किलोमीटर जम्मू-पुंछ रेलमार्ग के लिए प्राथमिक सर्वेक्षण का काम पूरा कर वर्ष 2017 में रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है.

पढ़ें: राजनाथ ने उच्चस्तरीय बैठक में पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समीक्षा की

39 किलोमीटर लंबी रेललाइन
उन्होंने बताया कि, बारामूला-कुपवाड़ा के बीच 3,843 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 39 किलोमीटर लंबी रेललाइन बिछाने के लिए सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है और इस साल जुलाई में इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी गई है.

परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट
प्रवक्ता ने बताया कि, सिन्हा ने रेलवे को दोनों परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को कहा, ताकि मंजूरी के लिए मामले पर वित्त मंत्रालय से चर्चा की जा सके. प्रवक्ता के मुताबिक, उपराज्यपाल ने कोविड-19 की महामारी के बाद कश्मीर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विस्टाडोम कोच चलाने को कहा, ताकि पर्यटक घाटी की खूबसूरती को बेहतर तरीके से देख सकें.

पढ़ें: भारत को डिजिटल गेमिंग क्षेत्र में नेतृत्व करना चाहिए : पीएम मोदी

माधोपुर में रेल सह रोड पुल बनाने पर सहमति
सिन्हा के हस्तक्षेप पर रेलवे ने कोविड-19 महामारी कम होने की सूरत में कठुआ-ऊधमपुर मार्ग पर सवारी गाड़ी चलाने पर सहमति जताई. प्रवक्ता ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर रेलवे ने अपने खर्चे पर माधोपुर में रेल सह रोड पुल बनाने पर सहमति जताई ताकि पठानकोट-लखनपुर के बीच यातायात का दबाव कम हो सके.

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को बहुप्रतिक्षित 272 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन निर्माण में हुई प्रगति की समीक्षा की, जिसके 15 अगस्त 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि, रेलवे की परियोजना के लिए सिन्हा द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव, उपराज्यपाल के सलाहकार के के शर्मा, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी शामिल हुए.

रेलवे लाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू
प्रवक्ता ने बताया कि, उपराज्यपाल को सूचित किया गया कि 27,949 करोड़ रुपये की लागत से 161 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

कटरा-बनिहाल मार्ग
सिन्हा ने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया कि, वे कटरा-बनिहाल मार्ग के बचे हुए काम को 15 अगस्त 2022 तक पूरा करें. उन्होंने परियोजना को समय से पूरा करने में निर्माण एजेंसियों को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया.

समय सीमा में परियोजना पूरा करने का भरोसा
प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने निर्धारित समय सीमा में परियोजना को पूरा करने का भरोसा दिया. उल्लेखनीय है कि, इस परियोजना के तहत 359 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल का निर्माण चेनाब नदी पर किया जा रहा है. इसके साथ ही इस लाइन पर भारत में पहले केबल आधारित रेलपुल का निर्माण रियासी जिले के अंजी नाले पर किया जा रहा है.

साल 2017 में सौंपी जा चुकी रिपोर्ट
सिन्हा ने रेलवे अधिकारियों को राजौरी-पुंछ और कुपवाड़ा के इलाकों के उन इलाकों में रेल नेटवर्क को जोड़ने का निर्देश दिया, जो अबतक इससे नहीं जुड़े हैं. इस पर रेलवे अधिकारियों ने बताया कि 22,768 करोड़ की अनुमानित लागत से 223 किलोमीटर जम्मू-पुंछ रेलमार्ग के लिए प्राथमिक सर्वेक्षण का काम पूरा कर वर्ष 2017 में रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है.

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39 किलोमीटर लंबी रेललाइन
उन्होंने बताया कि, बारामूला-कुपवाड़ा के बीच 3,843 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 39 किलोमीटर लंबी रेललाइन बिछाने के लिए सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है और इस साल जुलाई में इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी गई है.

परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट
प्रवक्ता ने बताया कि, सिन्हा ने रेलवे को दोनों परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने को कहा, ताकि मंजूरी के लिए मामले पर वित्त मंत्रालय से चर्चा की जा सके. प्रवक्ता के मुताबिक, उपराज्यपाल ने कोविड-19 की महामारी के बाद कश्मीर में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विस्टाडोम कोच चलाने को कहा, ताकि पर्यटक घाटी की खूबसूरती को बेहतर तरीके से देख सकें.

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माधोपुर में रेल सह रोड पुल बनाने पर सहमति
सिन्हा के हस्तक्षेप पर रेलवे ने कोविड-19 महामारी कम होने की सूरत में कठुआ-ऊधमपुर मार्ग पर सवारी गाड़ी चलाने पर सहमति जताई. प्रवक्ता ने बताया कि, जम्मू-कश्मीर सरकार के अनुरोध पर रेलवे ने अपने खर्चे पर माधोपुर में रेल सह रोड पुल बनाने पर सहमति जताई ताकि पठानकोट-लखनपुर के बीच यातायात का दबाव कम हो सके.

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