नई दिल्ली : जैसे-जैसे ठंड का मौसम आ रहा है. पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ कर भारतीय क्षेत्र में घुसने के प्रयास में लगे हुए हैं. इसके मद्देनजर खुफिया एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है.
सूत्रों ने बताया कि 12 पाकिस्तान आतंकी दो समूहों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं. ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं. इन आतंकियों को एलओसी पार कराने में मदद पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) करेगी. इस वजह से पाक की बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय सेना की चौकियों पर हमला करने की योजना बनाई है.
खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा प्रतिष्ठानों को सतर्क कर दिया है. खुफिया एजेसियों ने बताया कि पुंछ सेक्टर में अब्दुल फजल की अगुवाई में लश्कर के छह आतंकी घुसपैठ करने की कोशिश में हैं.
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था. इसके बाद पाकिस्तान ने घाटी के लोगों को भड़काने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान इसमें विफल रहा. इसके बाद से पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश में लगा हुआ है.
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि गर्मियों का मौसम खत्म होने वाला है. इसलिए पाकिस्तान घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना चाहेगा और इसके लिए वह भारतीय क्षेत्र में आतंकवादियों की घुसपैठ कराना चाहेगा. पाकिस्तान के इस नापाक मंसूबे को नाकामयाब करने के लिए सेना पूरी कोशिश करेगी.
अधिकारी ने कहा कि उग्रवाद गतिविधियों में स्थानीय युवाओं की भागीदारी कम हो गई है.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लॉन्च पैड्स पर भी सुरक्षाबल कड़ी निगरानी रख रहे हैं.
इसके अलावा, पाकिस्तान हमेशा से घाटी में आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन का सहारा लेता है.
इस साल जुलाई तक पाकिस्तान ने घाटी में कुल 2,662 संघर्ष विराम उल्लंघन किए हैं. पाक ने पिछले साल, 3,168 संघर्ष विराम उल्लंघन किए थे. वहीं 2018 में पाकिस्तान सेना ने 1,629 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था.
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हालांकि सुरक्षाबल घुसपैठ के प्रयासों को कम करने में सफल रहे हैं. इसके अलावा आंकड़े बताते हैं कि घाटी में आतंकी गतिविधियों में काफी गिरावट आई है.
इस साल जनवरी से जुलाई तक कुल 120 आतंकवादी संबंधी मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले साल इसी अवधि के कुल 188 मामले सामने आए थे.
इस साल जुलाई तक 35 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं. वहीं पिछले साल इस अवधि के दौरान 75 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे.