हैदराबाद : मशहूर गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का निधन हो गया है. उनके बेटे और एमजीएम अस्पताल ने प्रसिद्ध गायक के निधन की पुष्टि की है. बता दें, वह कोरोना से संक्रमित थे.
आइए बालासुब्रमण्यम के जीवन पर एक नजर डालते हैं.
बालासुब्रमण्यम का जन्म चार जून 1946 को आंध्र प्रदेश के नेल्लूर जिले के कोन्तेममपेटा में हुआ था. उनका पूरा नाम श्रीपति पंडितराध्युला बालासुब्रमण्यम है. उनके पांच भाई और पांच बहने हैं, जिनमें से एक एस.पी.सैलजा भी हैं.
प्रारंभिक जीवन
उनके पिता आंध्र प्रदेश में हरिकथा विद्वान (धार्मिक कथाओं के एक कथाकार) थे, जिन्होंने जीवन यापन के लिए गांव के चौक पर धार्मिक लोक गीत गाए थे. यह बालासुब्रमण्यम की कला में एक बड़ी उपलब्धि है.
कर्नाटक संगीत में उन्होंने कोई ट्यूशन नहीं ली थी. लेकिन फिर भी शास्त्रीय संगीत के लिए उनके पास एक अद्भुत कला थी, जिसके लिए प्रशिक्षण कभी भी बाधा नहीं रहा.
वे स्वीकार करते हैं कि आज भी मुझे शास्त्रीय संगीत की ABC तक नहीं पता है.
उनकी शिक्षा और संगीत में प्रवेश
एसपी बालासुब्रमण्यम इंजीनियरिंग के लिए JNTU में शामिल हुए, लेकिन किसी कारणवश उन्होंने कॉलेज छोड़ दिया. उसी समय वे चेन्नई इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स गए और कई संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लिया.
1963 में एक दिन, जब वे मद्रास में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, एक दोस्त ने एक छोटी सी संगीत प्रतियोगिता के लिए उनका नाम दर्ज किया. बालासुब्रमण्यम ने गीत लिखा और इसे गाया. गीत समाप्त होने से पहले ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ घोषित कर दिया गया था.
तब उन्होंने अपनी आवाज से सभी को चौंका दिया था. उन्होंने प्रतियोगिता जीती, जिसके जज एसपी कोदंडापानी थे.
एसपी कोदंडापानी एसपी बालासुब्रमण्यम के गुरू बने.
उन्होंने इलियाराजा संगीत उस्ताद के साथ एक संगीत मंडली बनाई.
सुब्रमण्यम उस संगीत मंडली का नेतृत्व कर रहे थे.
फिल्मों में भूमिका
बालासुब्रमण्यम ने 1966 में अपने गुरू एस. पी. कोदंडापानी द्वारा बनाई गई तेलुगु फिल्म श्री श्री श्री मर्यादा रमन्ना में प्लैबैक सिंगर के रूप में अपनी शुरुआत की.
तमिल फिल्मों में बड़ा ब्रेक
तमिल फिल्मों में बड़ा सिंगिंग ब्रेक 1969 में तब आया, जब एम.जी. रामचंद्रन और विख्यात संगीत निर्देशक के.वी. महादेवन ने उन्हें आदिमाई पेन (स्लेव गर्ल) में आजमाया. उनका पहला गाना हिट था.
ऐसा करते हुए, उन्होंने वस्तुतः टी.एम. साउंडराजन और तेलुगु फिल्मों में नंबर एक बनकर घंतासाला को पीछे छोड़ दिया.
उन्होंने जैमिनी गणेशश अभिनीत फिल्म शांति निलयम में अपना पहला तमिल गीत 'इ्यारकाई एन्नम इल्लिया कन्नी' रिकॉर्ड किया.
इसके बाद उन्होंने फिल्म आदिमाई पेन में M.G.R के लिए गाना गाया.
इसके बाद उन्होंने क्रमशः कन्नड़, तमिल और मलयालम में डेब्यू किया.
पेशेवर जीवन में उनका वर्क शेड्यूल
बालासुब्रमण्यम ने एक कठिन शेड्यूल का पालन किया.
वे सुबह नौ बजे रिकॉर्डिंग करते थे और नौ से छह बजे तक एक घंटे का ब्रेक लेकर रिकॉर्डिंग किया करते थे. फिर छह बजे से दोबारा रिकॉर्डिंग शुरू करते थे.
इसका मतलब है कि वे अकेले एक ही दिन में 19 गानों की रिकॉर्डिंग करते थे.
फिल्मी जगत में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियां
एसपी बालासुब्रमण्यम कई लोगों के लिए लकी चार्म हैं, और उन्होंने कई ओपनिंग सॉन्ग गाए हैं.
गायक ने अपने जीवनकाल में सबसे अधिक गाने गाने का गिनीज रिकॉर्ड बनाया है.
प्रति वर्ष औसतन 930 गाने या प्रति दिन लगभग तीन गानों का रिकॉर्ड उनका है.
एसपी बालासुब्रमण्यम ने 40,000 से भी ज्यादा गाने गाए हैं, जो दुनिया के किसी भी गायक का सबसे नायाब रिकॉर्ड है. इसके अलावा, कई निजी एल्बम गाए हैं.
अभिनय करियर
गायन के अलावा, एसपी बालासुब्रमण्यम को फिल्मों में सहायक भूमिकाओं में भी देखा गया है, और उन्होंने लगभग 72 फिल्मों में काम किया है.
वह सभी दक्षिण भारतीय भाषाओं को अच्छी तरह से बोलते हैं और तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं की फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं.
संगीत निर्देशक
एसपी बालासुब्रमण्यम तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी भाषाओं की 46 फिल्मों के संगीत निर्देशक रहे हैं.
टेलीविजन में उनका कार्यकाल
वह एक प्रसिद्ध टीवी व्यक्तित्व भी हैं. दो तमिल और एक तेलुगु धारावाहिक में अभिनय करने के बाद, पडालनिवुंदी और बहुत प्रसिद्ध पादुथा थेयागा जैसे कई म्यूजिक रियलिटी शो भी होस्ट किए हैं, जिन्होंने संगीत उद्योग के लिए संगीतकारों की एक बहुतायत पेश की.
उन्हें तमिल, तेलुगु और कन्नड़ में कई प्रसिद्ध शो में जज बनने का सम्मान भी मिला.
प्रमुख पुरस्कार
एसपी बालासुब्रमण्यम उन गिने-चुने गायकों में से एक हैं, जिन्होंने छह राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं. इसके अलावा एक अन्य चार अलग-अलग भाषाओं में उनके योगदान के लिए भी उन्हें एक पुरस्कार मिला.
तेलुगु में, उन्होंने तीन बार पुरस्कार जीते, जबकि तमिल, हिंदी और कन्नड़ में एक-एक बार.
बात अगर तमिल भाषा की करें, तो उन्होंने फिल्म 'मिनसारा कनवु' में 'थंगा थमराई' गीत के उत्कृष्ट प्रतिपादन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.
उनका डबिंग करियर
बालासुब्रमण्यम ने रजनीकांत, कमल हसन, सलमान खान, मोहन, गिरीश कर्नाड, जेमिनी गणेशन, कार्तिक, रघुवरन जैसे कलाकारों को आवाज दी है.
उनका बॉलीवुड कनेक्शन
यादगार फिल्में
जब उन्होंने के बालाचंदर की 1980 की सुपरहिट एक दूजे के लिए में तेरे मेरे बीच में गाया, तो उन्होंने तुरंत देश के हर प्रेमी के दिल को छू लिया.
दस साल बाद उनकी गोल्डन वॉयस क्रोनिंग मैंने प्यार किया ने इसे इंडियन सेल्युलॉयड की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक में बदल दिया, जिसके बाद उन्हें 1990 का फिल्मफेयर अवार्ड मिला.
जहां एक दूजे के लिए हिंदी फिल्मों और बॉलीवुड में उनकी सफलता थी, वहीं मैने प्यार किया को इस बात का भरपूर विश्वास था कि वह हिंदी फिल्मों में बड़े स्तर पर सफल होगी. वहीं साजन फिल्म के गानों ने बालासुब्रमण्यम और सलमान खान को एक नई पहचान दी. बालासुब्रमण्यम सलमान खान की आवाज बन गए थे.