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पुलिस बर्बरता के खिलाफ वाम दलों का धरना-प्रदर्शन, 8 जनवरी को भारत बंद

CAA,NRC और NPR के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने के खिलाफ सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर सभी वामपंथी दलों ने धरना-प्रदर्शन किया. कड़ाके की ठंड की वजह से प्रदर्शन में भीड़ कम जरूर थी, बावजूद इसके सभी चार प्रमुख वामपंथी दलों के नेता अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे थे. पढे़ं पूरा विवरण..

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Published : Dec 30, 2019, 7:15 PM IST

-Left Parties protest against police action
वामपंथी दलों का धरना प्रदर्शन

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने के खिलाफ सोमवार को यहां जंतर मंतर पर सभी वामपंथी दलों ने धरना-प्रदर्शन किया.

वामपंथी दलों ने इसी क्रम में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आगामी आठ जनवरी को देशव्यापी बंद का भी आह्वान किया है.

जंतर- मंतर पर हुए धरना-प्रदर्शन में ठंड की वजह से प्रदर्शनकारियों की संख्या कम जरूर थी, लेकिन इसके बावजूद सभी चार प्रमुख वामपंथी दलों के नेता अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे थे.

ईटीवी भारत ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बातचीत की, जिन्होंने मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि अब तो एनडीए के घटक दल भी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ अलग खड़े हो गए हैं.

दिल्ली के जंतर मंतर पर वामपंथी दलों का धरना-प्रदर्शन.

अतुल अंजान ने कहा कि मोदी सरकार एनडीए की बैठक नहीं बुला पा रही है. देशव्यापी विरोध से सरकार अंदर से हिली हुई है, फिर भी देश की आवाज को सुनना नहीं चाहती.

सीपीआई नेता ने आरएसएस और ओवैसी पर भी निशाना साधा और कहा कि देश की जनता को इनकी विभाजित करने वाली नीतियां समझ में नहीं आती है.

अंजान ने कहा कि देश की जीडीपी घटकर 4:30 प्रतिशत रह गई है और खुद भाजपा के नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी कहा कि वर्तमान में जीडीपी 4:30 प्रतिशत से भी ज्यादा कम है.

उन्होंने कहा कि देश में किसानों की हालत बुरी है, अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है आयात-निर्यात घटता जा रहा है और व्यापारियों का भी बुरा हाल है. ऐसे में इन मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय मोदी और शाह की जोड़ी देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने में जुटी हुई है.

पढे़ं : सीएए के समर्थन में न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों का कार्यक्रम

वामदलों की तरफ से अतुल अंजान ने सभी विपक्षी पार्टियों से आह्वान किया कि वे 8 जनवरी को वामपंथी दलों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में खड़ी हों.

वस्तुतः नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सभी वाम दलों ने लगातार एकजुटता दिखाई है और इनके विरोध प्रदर्शनों का दौर भी लगातार जारी है. ऐसे में इन्हें भरोसा है कि 8 जनवरी को आहूत भारत बंद में इन्हें जनता और अन्य विपक्षी पार्टियों का भी व्यापक सहयोग मिलेगा और ये मोदी सरकर को झुकने पर मजबूर कर देंगे.

नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने के खिलाफ सोमवार को यहां जंतर मंतर पर सभी वामपंथी दलों ने धरना-प्रदर्शन किया.

वामपंथी दलों ने इसी क्रम में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आगामी आठ जनवरी को देशव्यापी बंद का भी आह्वान किया है.

जंतर- मंतर पर हुए धरना-प्रदर्शन में ठंड की वजह से प्रदर्शनकारियों की संख्या कम जरूर थी, लेकिन इसके बावजूद सभी चार प्रमुख वामपंथी दलों के नेता अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे थे.

ईटीवी भारत ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बातचीत की, जिन्होंने मोदी सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि अब तो एनडीए के घटक दल भी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ अलग खड़े हो गए हैं.

दिल्ली के जंतर मंतर पर वामपंथी दलों का धरना-प्रदर्शन.

अतुल अंजान ने कहा कि मोदी सरकार एनडीए की बैठक नहीं बुला पा रही है. देशव्यापी विरोध से सरकार अंदर से हिली हुई है, फिर भी देश की आवाज को सुनना नहीं चाहती.

सीपीआई नेता ने आरएसएस और ओवैसी पर भी निशाना साधा और कहा कि देश की जनता को इनकी विभाजित करने वाली नीतियां समझ में नहीं आती है.

अंजान ने कहा कि देश की जीडीपी घटकर 4:30 प्रतिशत रह गई है और खुद भाजपा के नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी कहा कि वर्तमान में जीडीपी 4:30 प्रतिशत से भी ज्यादा कम है.

उन्होंने कहा कि देश में किसानों की हालत बुरी है, अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है आयात-निर्यात घटता जा रहा है और व्यापारियों का भी बुरा हाल है. ऐसे में इन मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय मोदी और शाह की जोड़ी देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने में जुटी हुई है.

पढे़ं : सीएए के समर्थन में न्यूयॉर्क में भारतीय-अमेरिकियों का कार्यक्रम

वामदलों की तरफ से अतुल अंजान ने सभी विपक्षी पार्टियों से आह्वान किया कि वे 8 जनवरी को वामपंथी दलों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में खड़ी हों.

वस्तुतः नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सभी वाम दलों ने लगातार एकजुटता दिखाई है और इनके विरोध प्रदर्शनों का दौर भी लगातार जारी है. ऐसे में इन्हें भरोसा है कि 8 जनवरी को आहूत भारत बंद में इन्हें जनता और अन्य विपक्षी पार्टियों का भी व्यापक सहयोग मिलेगा और ये मोदी सरकर को झुकने पर मजबूर कर देंगे.

Intro:नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी और एनपीआर के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस द्वारा बर्बरता किए जाने के खिलाफ आज देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर सभी वामपंथी दलों ने धरना प्रदर्शन किया। वामपंथी दलों ने मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 8 जनवरी को देशव्यापी बंद का भी आह्वान किया है। आज जंतर-मंतर पर हुए धरना प्रदर्शन में बढ़ती ठंड की वजह से भीड़ की संख्या कम जरूर थी लेकिन बावजूद इसके सभी चार प्रमुख वामपंथी दलों के नेता अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे थे।


Body:ईटीवी भारत ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान से बातचीत की जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब तो एनडीए के घटक दल भी नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ अलग खड़े हो गए हैं। मोदी सरकार एनडीए की बैठक नहीं बुला पा रही है अतुल अंजान ने कहा कि देशव्यापी विरोध से सरकार अंदर से हिली हुई है लेकिन फिर भी देश की आवाज को सुनना नहीं चाहती । सीपीआई नेता ने आर एस एस और ओवैसी पर भी निशाना साधा और कहा कि देश की जनता को इनकी विभाजित करने वाली नीतियां समझ में नहीं आती है। अतुल अंजान ने कहा कि देश की जीडीपी घटकर 4:30 प्रतिशत रह गई है और खुद भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कहा की वर्तमान में जीडीपी 4:30 प्रतिशत से भी ज्यादा कम है । देश में किसानों की हालत बुरी है, अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है आयात निर्यात घटता जा रहा है और व्यापारियों का भी बुरा हाल है ऐसे में इन मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय मोदी और शाह की जोड़ी देश को धर्म के आधार पर विभाजित करने में जुटी हुई है ।वामदलों की तरफ से सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने सभी विपक्षी पार्टियों से आह्वान किया कि वह 8 जनवरी को वामपंथी दलों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में समर्थन में खड़े हो ।


Conclusion:नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सभी वाम दलों ने लगातार एकजुटता दिखाई है और इनके विरोध प्रदर्शनों का दौर भी लगातार जारी है । ऐसे में इन्हें भरोसा है की 8जनवरी को बुलाये गए भारत बंद में इन्हें जनता और अन्य विपक्षी पार्टियों का भी व्यापक सहयोग मिलेगा और ये मोदी सरकर को झुकने पर मजबूर कर देंगे ।
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