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पीएम मोदी बोले- जल्द आएगी वैक्सीन, टीकाकरण की तैयारियां तेज

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Published : Dec 31, 2020, 7:27 AM IST

Updated : Dec 31, 2020, 12:48 PM IST

राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के परिसर के शिलान्यास के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नया साल दस्तक दे रहा है आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है. राजकोट में एम्स के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा.

पीएम मोदी ने राजकोट में एम्स की आधारशिला रखी
पीएम मोदी ने राजकोट में एम्स की आधारशिला रखी

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डिजिटल माध्यम के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के परिसर की आधारशिला रखी. इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे, लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं. भारत में बनी वैक्सीन तेजी से हर लोगों तक पहुंचे इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में है. इस परिसर का निर्माण राजकोट शहर के बाहरी इलाके में खंडेरी गांव के निकट 201 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में 1,195 करोड़ रुपये की लागत से होगा.

पीएम मोदी ने राजकोट में एम्स की आधारशिला रखी

संबोधन की प्रमुख बातें :

2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था. प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी.

आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं. आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है. अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है.

बीते 6 वर्षों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है. जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं.एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा.

आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे. 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे. उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे.

साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे. लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं.

भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं. जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों. वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं.

साढ़े 3 लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन केंद्रों का लाभ मिल रहे है. सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं.

आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.

हमने जहां गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया. वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है. कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं आज सादर नमन करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि नया साल दस्तक दे रहा है आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है. राजकोट में एम्स के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा.

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने डिजिटल माध्यम के जरिए पहले अकादमिक सत्र का उद्घाटन किया और इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन तथा केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए. राजकोट में एम्स के पहले बैच का सत्र भी 21 दिसंबर से अस्थायी परिसर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ. पहले बैच में एमबीबीएस के 50 विद्यार्थी हैं.

पढ़ें : राजकोट को एम्स की सौगात, पीएम मोदी 31 दिसंबर को रखेंगे आधारशिला

वर्धन ने कहा कि एम्स राजकोट, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के छठे चरण में आता है. मंत्री ने कहा कि यह 750 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा जहां चिकित्सा क्षेत्र के कई विशेषज्ञ और सुपर स्पेशलिटी विभाग होंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एम्स राजकोट में एमबीबीएस की 125 और नर्सिंग की 60 सीटें होंगी.

अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज डिजिटल माध्यम के जरिए राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के परिसर की आधारशिला रखी. इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे, लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं. भारत में बनी वैक्सीन तेजी से हर लोगों तक पहुंचे इसके लिए कोशिशें अंतिम चरण में है. इस परिसर का निर्माण राजकोट शहर के बाहरी इलाके में खंडेरी गांव के निकट 201 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में 1,195 करोड़ रुपये की लागत से होगा.

पीएम मोदी ने राजकोट में एम्स की आधारशिला रखी

संबोधन की प्रमुख बातें :

2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था. प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी.

आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं. आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है. अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है.

बीते 6 वर्षों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है. जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं.एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा.

आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे. 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे. उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे.

साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे. लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. वैक्सीन को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं.

भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं. जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों. वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं.

साढ़े 3 लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन केंद्रों का लाभ मिल रहे है. सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं.

आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.

हमने जहां गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया. वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो.

पीएम मोदी ने कहा कि आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को याद करने का है. कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं आज सादर नमन करता हूं.

पीएम मोदी ने कहा कि नया साल दस्तक दे रहा है आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है. राजकोट में एम्स के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा.

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने डिजिटल माध्यम के जरिए पहले अकादमिक सत्र का उद्घाटन किया और इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन तथा केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए. राजकोट में एम्स के पहले बैच का सत्र भी 21 दिसंबर से अस्थायी परिसर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ. पहले बैच में एमबीबीएस के 50 विद्यार्थी हैं.

पढ़ें : राजकोट को एम्स की सौगात, पीएम मोदी 31 दिसंबर को रखेंगे आधारशिला

वर्धन ने कहा कि एम्स राजकोट, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के छठे चरण में आता है. मंत्री ने कहा कि यह 750 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा जहां चिकित्सा क्षेत्र के कई विशेषज्ञ और सुपर स्पेशलिटी विभाग होंगे. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में एम्स राजकोट में एमबीबीएस की 125 और नर्सिंग की 60 सीटें होंगी.

Last Updated : Dec 31, 2020, 12:48 PM IST
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