श्रीनगर : परिम्पोरा मुठभेड़ में मारे गए तीन युवकों में से एक के परिवार ने कथित फर्जी मुठभेड़ की जांच कराने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की है. अतहर मुश्ताक वानी के पिता मुश्ताक अहमद वानी ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनका बेटा निर्दोष था और फर्जी मुठभेड़ में मारा गया.
वानी ने कहा कि मैंने निष्पक्ष जांच के लिए उपराज्यपाल से अपील की है और मैं उनसे फिर से अपील करता हूं कि इस फर्जी मुठभेड़ की जांच के लिए एसआईटी का गठन करें.
उन्होंने दोहराया कि उनके बेटे का आतंकवादियों के साथ कोई संबंध नहीं था. इतना ही नहीं वह किसी भी उग्रवाद से संबंधित मामले में शामिल नहीं था.
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श्रीनगर के लवेपोरा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में पुलवामा के 24 वर्षीय एजाज मकबूल गनी, 16 वर्षीय अतहर मुश्ताक वानी और शोपियां के 24 वर्षीय जुबैर को सेना ने मार गिराया था. यह कथित फर्जी मुठभेड़ 30 दिसंबर को हुई थी.
इसके बाद मारे गए युवकों के परिवार वालों ने श्रीनगर में प्रदर्शन किया था और अपने बेटों के शवों की मांग की थी. जिन्हें प्रशासन द्वारा गांदरबल के सोनमर्ग इलाके में उनके गांवों से 120 किलोमीटर दूर दफनाया गया था.
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पुलिस ने कहा था कि मारे गए तीनों युवक उग्रवादी सूची में नहीं थे, लेकिन अतहर मुश्ताक वानी और एजाज मकबूल गनी हार्ड कोर ओवर ग्राउंड वर्कर थे और आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करते थे.
मुठभेड़ के बाद किलो फोर्स के जीओसी मेजर जनरल एचएस साही ने कहा था कि तीनों आतंकवादी थे, जो श्रीनगर में सुरक्षा बलों पर हमले की योजना बना रहे थे.