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कन्नड़ राज्योत्सव के जश्न में शामिल युवाओं पर लाठीचार्ज

इस साल कोविड-19 के प्रकोप के कारण कर्नाटक में किसी भी प्रकार के उत्सव की इजाजत नहीं थी, लेकिन रविवार को कन्नड़ राज्योत्सव के जश्न में शामिल लोगों ने काफी नारे लगाए. जिस वजह से पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया.

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Published : Nov 1, 2020, 11:51 PM IST

Rajyotsava celebration in Belagavi
भीड़ को तितर-बितर करने को किया लाठीचार्ज

बेलगाम: कर्नाटक पुलिस ने रविवार को कन्नड़ राज्योत्सव के जश्न में शामिल युवाओं पर लाठीचार्ज किया. जिससे लोगों में आक्रोश है. कोरोना काल के चलते राज्य में किसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे थे, लेकिन कन्नड़ राज्योत्सव को लेकर लोगों में उत्साह की कमी नहीं थी.

देखें रिपोर्ट

बेलगाम में रविवार को कन्नड़ राज्योत्सव के अवसर पर नौजवान लोग कन्नड़ में नारे लगा रहे थे और शहर के चेनम्मा में आतिशबाजी कर रहे थे. इसके साथ-साथ बेतरतीब ढंग से वाहन भी चला रहे थे.

हर साल निकलती है परेड
पुलिस ने हालात को देखते हुए भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस वर्ष कोविड-19 के प्रकोप के कारण किसी भी प्रकार की परेड की अनुमति नहीं दी गई थी. बता दें, हर साल जिले में राज्योत्सव परेड होती है. हालांकि, पुलिस ने युवाओं पर आरोप लगाया है कि वे चेनम्मा सर्कल में इकट्ठा होकर जश्न मना रहे थे.

इसलिए मनाया जाता है कन्नड़ राज्योत्सव
एक नवंबर, 1956 में दक्षिण भारत के सभी कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य बनाया गया था. मैसूर राज्य जिसमें मैसूर रियासत शामिल थी, उसे बंबई और मद्रास प्रेसीडेंसी के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों के अलावा हैदराबाद निजाम रियासत के हिस्सों को एक साथ मिला दिया गया था.

नवगठित राज्य को आरंभ में मैसूर नाम दिया गया था, लेकिन 1973 में इसका नाम बदलकर कर्नाटक कर दिया गया. हर वर्ष राज्योत्सव के अवसर पर जानी-मानी हस्तियों को राज्योत्सव पुरस्कार दिया जाता है. इस पुरस्कार में एक लाख रुपये नकद, 20 ग्राम का स्वर्ण पदक और एक प्रशस्ति-पत्र शामिल है.

बेलगाम: कर्नाटक पुलिस ने रविवार को कन्नड़ राज्योत्सव के जश्न में शामिल युवाओं पर लाठीचार्ज किया. जिससे लोगों में आक्रोश है. कोरोना काल के चलते राज्य में किसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो रहे थे, लेकिन कन्नड़ राज्योत्सव को लेकर लोगों में उत्साह की कमी नहीं थी.

देखें रिपोर्ट

बेलगाम में रविवार को कन्नड़ राज्योत्सव के अवसर पर नौजवान लोग कन्नड़ में नारे लगा रहे थे और शहर के चेनम्मा में आतिशबाजी कर रहे थे. इसके साथ-साथ बेतरतीब ढंग से वाहन भी चला रहे थे.

हर साल निकलती है परेड
पुलिस ने हालात को देखते हुए भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस वर्ष कोविड-19 के प्रकोप के कारण किसी भी प्रकार की परेड की अनुमति नहीं दी गई थी. बता दें, हर साल जिले में राज्योत्सव परेड होती है. हालांकि, पुलिस ने युवाओं पर आरोप लगाया है कि वे चेनम्मा सर्कल में इकट्ठा होकर जश्न मना रहे थे.

इसलिए मनाया जाता है कन्नड़ राज्योत्सव
एक नवंबर, 1956 में दक्षिण भारत के सभी कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को मिलाकर कर्नाटक राज्य बनाया गया था. मैसूर राज्य जिसमें मैसूर रियासत शामिल थी, उसे बंबई और मद्रास प्रेसीडेंसी के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों के अलावा हैदराबाद निजाम रियासत के हिस्सों को एक साथ मिला दिया गया था.

नवगठित राज्य को आरंभ में मैसूर नाम दिया गया था, लेकिन 1973 में इसका नाम बदलकर कर्नाटक कर दिया गया. हर वर्ष राज्योत्सव के अवसर पर जानी-मानी हस्तियों को राज्योत्सव पुरस्कार दिया जाता है. इस पुरस्कार में एक लाख रुपये नकद, 20 ग्राम का स्वर्ण पदक और एक प्रशस्ति-पत्र शामिल है.

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