रांची : अरबों रुपये के चारा घोटाले में जेल में बंद राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की चाईबासा कोषागार से गबन के मामले में जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नौ अक्टूबर के लिए स्थगित हो गई, क्योंकि उन्होंने अभी इस मामले में मिली सजा की आधी अवधि हिरासत में नहीं गुजारी है.
न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि अभी आधी कस्टडी पूरी नहीं हुई. इसलिए सुनवाई की तिथि बढ़ा दी जाए. अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई को बढ़ाते हुए अगली तिथि नौ अक्टूबर को कर दी है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की अदालत में बहुचर्चित चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई की गई. न्यायाधीश अपने आवास से कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले पर सुनवाई की. वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कपिल सिब्बल और सीबीआई के अधिवक्ता राजीव सिन्हा अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. अदालत में सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता ने समय की मांग की, जिसे देखते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है. अब नौ अक्टूबर को सुनवाई होगी.
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लालू की आधी कस्टडी नहीं हुई है पूरी
बता दें कि लालू प्रसाद की ओर से चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया है कि अभी लालू प्रसाद की आधी कस्टडी नहीं हुई है. अदालत में उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है. सीबीआई की विशेष अदालत से लालू प्रसाद को चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा दी है. देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में उन्हें साढ़े 3 साल की सजा दी गई थी, जिसमें उन्हें पहले ही बेल दे दिया गया है. दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में 7 साल की सजा दी गई है, जिसमें पूर्व में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. वे दिसंबर 2017 से जेल में हैं. वर्तमान में बीमार होने के कारण रिम्स में इलाज करा रहे हैं.