नयी दिल्लीः राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी योजना ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ में लद्दाख और लक्षद्वीप के शामिल होने के बाद इस योजना से जुड़े राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल संख्या को 26 हो गयी है. खाद्य मंत्रालय के एक बयान में यह जानकारी दी गई है.
इस योजना के तहत, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लाभार्थी किसी भी उचित मूल्य की दुकान (राशन की दुकान) उसी राशन कार्ड का इस्तेमाल करते हुए अपने हिस्से का राशन ले सकते हैं.
राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी नेटवर्क के साथ लद्दाख और लक्षद्वीप के एकीकरण को हाल ही में केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक में मंजूरी दी गई थी.
शेष राज्यों को मार्च 2021 तक योजना में एकीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है.
बयान में कहा गया है कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों (लद्दाख और लक्षद्वीप) ने अन्य राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के साथ राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी लेनदेन का परीक्षण और जांच का काम पूरा कर लिया है. इसके साथ ही, कुल 26 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अब 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' योजना के तहत निर्विध्न रूप से एक-दूसरे से जुड़ गए हैं और इससे लगभग 65 करोड़ लोगों को लाभ होगा.
इसमें कहा गया है कि अब, इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड धारक एक सितंबर से प्रभावी होने वाली इस योजना के तहत अपनी पसंद के किसी भी राशन की दुकान से रियायती दर पर अपने हिस्से का खाद्यान्न कोटा से प्राप्त कर सकते हैं.
एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक राशन कार्ड धारक हैं और प्रत्येक लाभार्थी पांच किलोग्राम खाद्यान्न के लिए प्रति माह तीन रुपये की रियायती दर का भुगतान कर राशन पाने का हकदार है.
राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी नेटवर्क में आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड भी शामिल हैं.
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