श्रीनगर: जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा के साथ पिछले महीने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द करना, और इससे पहले कि अमरनाथ यात्रा पर गए पर्यटकों के कश्मीर छोड़ने की सलाह देने के बाद कश्मीर से विभिन्न व्यवसायी और मजदूर भी घाटी छोड़कर अपने शहर लौट गए. इलके बाद एक बार फिर उन लोगों ने घाटी का रूख करना शुरू कर दिया है.
पिछले छह हफ्तों से जम्मू कश्मीर में जन जीवन थम गया था. श्रमिकों और कारीगरों के घाटी छोड़ने के बाद घाटी में निर्माण कार्य लगभग रुका हुआ था लेकिन,लैंडलाइन बहाली और प्रतिबंधों में ढील के कारण, स्थानीय श्रमिकों और श्रमिकों ने घाटी में आना शुरू कर दिया है.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिले मे इन मजदूरों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर फिर से काम करना शुरू कर दिया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए बाहर से आए मजदूरों ने बताया कि प्रशासन ने पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों के लिए जारी की गई एडवाइजरी के बाद कश्मीर में मौजूद बाहरी कारिगरों और मजदूरों तथा कारोबारियों ने भी घाटी छोड़ना बहतर समझा.
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उन्होंने कहा कि अचानक घाटी छोड़ने के कारण जहां काम अधूरा रह गया था. वहीं व्यपारियों और खरीदारों के पास उनकी मजदूरी फंसी हुई है.
घाटी में मौजूदा हालात पर वापस कश्मीर लौटे कारिगरों ने कहा कि उन्हें कश्मीर में किसी प्रकार का कोई खतरा महसूस नहीं होता क्योंकि वो वर्षों से यहां काम करते. साथ उन्होंने भविष्य में भी घाटी में काम करने की इच्छा जाहिर की है.