ETV Bharat / bharat

चंद्रयान-2 पर कुमारस्वामी बोले- मोदी का ISRO जाना अशुभ - मोदी की मौजूदगी 'अशुभ' साबित

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने पीएम मोदी के चंद्रयान-2 की लैंडिंग के दौरान इसरो जाने को वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन बताया है. जानें क्या कहा कुमारस्वामी ने....

कुमारस्वामी
author img

By

Published : Sep 13, 2019, 11:11 AM IST

Updated : Sep 30, 2019, 10:42 AM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इसरो जाने को लेकर अजीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसरो मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी 'अशुभ' साबित हुई होगी जिसके कारण 'चंद्रयान-2' मिशन के लैंडर विक्रम की 'सॉफ्ट लैंडिंग' असफल हो गई. उनके बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.

कुमारस्वामी ने मैसूर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं नहीं जानता, लेकिन संभवत: वहां उनके कदम रखने का समय इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन लेकर आया.'

उन्होंने कहा कि मोदी छह सितंबर को देश के लोगों को यह संदेश देने के लिए बेंगलुरु पहुंचे कि चंद्रयान के प्रक्षेपण के पीछे उनका हाथ है, जबकि यह परियोजना 2008-2009 के दौरान की संप्रग सरकार और वैज्ञानिकों का परिणाम थी.

कुमारस्वामी ने कहा, 'बेचारे वैज्ञानिकों ने 10 से 12 साल कड़ी मेहनत की. 'चंद्रयान-2' के लिए कैबिनेट की मंजूरी 2008-09 में दी गई थी और इसी साल फंड जारी किया गया था.'

उन्होंने कहा, 'वह (मोदी) यहां प्रचार पाने के लिए आए, जैसे मानो 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण उन्हीं के कारण हुआ.'

उल्लेखनीय है कि 'चंद्रयान-2' मिशन को सात सितंबर को उस समय झटका लगा था कि जब 'विक्रम' लैंडर का पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से संपर्क टूट जाने के कारण चंद्रमा की सतह पर योजना के मुताबिक 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाई.

पढ़ें-पीएम इसरो केंद्र से ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए बेंगलुरु पहुंचे

कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को सभी मामलों में केंद्र के सामने 'लाचार' बताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार में किसी में भी किसी बात के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करने का साहस नहीं है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इसका एक उदाहरण वह है जब प्रधानमंत्री ने इसरो मुख्यालय में छह और सात सितंबर की दरम्यानी रात मौजूद मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को वहां से जाने का इशारा किया.

कुमार स्वामी ने कहा, 'मुख्यमंत्री (येदियुरप्पा) और एक उप मुख्यमंत्री वहां गए थे... उनके साथ दो से तीन कंद्रीय मंत्री भी थे.'

उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें वहां से जाने का इशारा किया और कहा कि उन्हें वहां रहने की आवश्यकता नहीं है और वे लोग वहां से चले आए.

बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएम नरेंद्र मोदी के इसरो जाने को लेकर अजीब बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इसरो मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी 'अशुभ' साबित हुई होगी जिसके कारण 'चंद्रयान-2' मिशन के लैंडर विक्रम की 'सॉफ्ट लैंडिंग' असफल हो गई. उनके बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है.

कुमारस्वामी ने मैसूर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं नहीं जानता, लेकिन संभवत: वहां उनके कदम रखने का समय इसरो वैज्ञानिकों के लिए अपशगुन लेकर आया.'

उन्होंने कहा कि मोदी छह सितंबर को देश के लोगों को यह संदेश देने के लिए बेंगलुरु पहुंचे कि चंद्रयान के प्रक्षेपण के पीछे उनका हाथ है, जबकि यह परियोजना 2008-2009 के दौरान की संप्रग सरकार और वैज्ञानिकों का परिणाम थी.

कुमारस्वामी ने कहा, 'बेचारे वैज्ञानिकों ने 10 से 12 साल कड़ी मेहनत की. 'चंद्रयान-2' के लिए कैबिनेट की मंजूरी 2008-09 में दी गई थी और इसी साल फंड जारी किया गया था.'

उन्होंने कहा, 'वह (मोदी) यहां प्रचार पाने के लिए आए, जैसे मानो 'चंद्रयान-2' का प्रक्षेपण उन्हीं के कारण हुआ.'

उल्लेखनीय है कि 'चंद्रयान-2' मिशन को सात सितंबर को उस समय झटका लगा था कि जब 'विक्रम' लैंडर का पृथ्वी पर स्थित स्टेशन से संपर्क टूट जाने के कारण चंद्रमा की सतह पर योजना के मुताबिक 'सॉफ्ट लैंडिंग' नहीं हो पाई.

पढ़ें-पीएम इसरो केंद्र से ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए बेंगलुरु पहुंचे

कुमारस्वामी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को सभी मामलों में केंद्र के सामने 'लाचार' बताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र सरकार में किसी में भी किसी बात के लिए प्रधानमंत्री से संपर्क करने का साहस नहीं है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इसका एक उदाहरण वह है जब प्रधानमंत्री ने इसरो मुख्यालय में छह और सात सितंबर की दरम्यानी रात मौजूद मुख्यमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों को वहां से जाने का इशारा किया.

कुमार स्वामी ने कहा, 'मुख्यमंत्री (येदियुरप्पा) और एक उप मुख्यमंत्री वहां गए थे... उनके साथ दो से तीन कंद्रीय मंत्री भी थे.'

उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें वहां से जाने का इशारा किया और कहा कि उन्हें वहां रहने की आवश्यकता नहीं है और वे लोग वहां से चले आए.

ZCZC
PRI GEN NAT
.BENGALURU MDS11
CHANDRAYAAN-KUMARASWAMY-MODI
Modi's presence at ISRO could have proved 'bad omen' for
Vikram moon lander: HDK
Bengaluru, Sept 12 (PTI) Former Karnataka Chief Minister
H D Kumaraswamy stoked a major controversy on Thursday by
suggesting that Prime Minister Narendra Modi's presence at the
ISRO headquarters on September 6 could have proved a 'bad
omen' as the soft landing of moon lander Vikram failed.
"I dont know (affirmatively), but probably the timing of
his stepping in there could have brought a bad omen to ISRO
scientists," Kumaraswamy said at a press conference in Mysuru.
He went on to add that Modi came to Bengaluru on Sept 6
night to send across a message to the people of the country
that he was behind the launch of Chandrayaan.
However, the project was the outcome of the scientists
and the UPA government during 2008-09, he asserted.
"Poor scientists had toiled for 10 to 12 years. The
cabinet approval for Chandrayaan-2 was given in 2008-09 and
accordingly the funds were released the same year.
"He (Modi) came here to seek publicity as if he was
behind the launch of Chandrayaan-2," Kumaraswamy alleged.
In a setback to the lunar mission Chandrayaan-2 launched
on July 22, the soft landing of Vikram lander on the lunar
surface did not take place as planned on September 7 morning
as the module lost communication with its earth station.
The Prime Minister had specifically arrived in Bengaluru
to witness the event with the ISRO team.
Explaining the 'helplessness' of Chief Minister B S
Yediyurappa before the Centre on all matters, Kumaraswamy said
no one in the state government and the centre had the guts to
approach the Prime Minister for anything.
One example of this was the manner in which the Prime
Minister indicating to the chief Minister and other union
ministers present at the ISRO headquaters to leave on the
intervening night of September 6 and 7, he alleged.
"The chief minister (Yediyurappa) and a deputy chief
minister had gone there... two to three union ministers too
accompanied him.
In a sign message, he (Modi) indicated them to leave the
place, telling them there was no need for them to be there.
These people returned with their tails between their
legs. This is the condition of the government that represents
our people," Kumaraswamy said. PTI GMS
APR
APR
09122246
NNNN
Last Updated : Sep 30, 2019, 10:42 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.