नई दिल्ली : बहुचर्चित उन्नाव रेप केस के आरोपी निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को चुनौती दी है. सेंगर ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. उसने ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
स्मरण रहे कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर इस मामले को लखनऊ से दिल्ली स्थानांतरित किए जाने के बाद न्यायाधीश शर्मा ने पांच अगस्त से रोजाना केस की सुनवाई की. सेंगर पर 2017 में एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने और उससे दुष्कर्म करने का आरोप है, इस मामले में पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स में विशेष अदालत लगाई गई थी.
तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर, 2018 को सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया था और अपने आदेश में यह भी कहा था कि जुर्माने में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे.
कुलदीप पर क्या है आरोप
कुलदीप सिंह सेंगर पर भाजपा विधायक रहते समय यह आरोप लगा कि उसने एक नाबालिग बच्ची को नौकरी के नाम पर उसका शोषण किया. इसके बाद मामला कचहरी में पहुंचा, जहां निचली अदालत ने उसे दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
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गौरतलब है कि इस मुकदमे के सिलसिले में पिछले साल 28 जुलाई को पीड़िता और उसके वकील व परिवार के अन्य सदस्य रायबरेली जा रहे थे. तभी उनकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इसमें पीड़िता की चाची व मौसी की मृत्यु हो गई थी. पीड़िता व उसका वकील गंभीर रुप से जख्मी हुए थे. पीड़िता व उसके वकील को एम्स लाया गया था. पीड़िता ने सीबीआई के सामने हादसे के पीछे सेंगर का हाथ बताया था.
सेंगर के सहयोगियों ने पीड़िता के पिता को कथित तौर पर प्रताड़ित किया था और अवैध आग्नेयास्त्र रखने के मामले में कथित तौर पर तीन अप्रैल 2018 को फंसा दिया था. पीड़िता के पिता की नौ अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी. अदालत ने पहले सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर और नौ अन्य के खिलाफ पीड़िता के पिता की हत्या और अन्य मामलों में आरोप तय किया था. अदालत ने सेंगर और सह-आरोपी शशि सिंह के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप भी तय किए हैं.