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सिंधिया को हराने वाले KP बोले, अब राजे-रजवाड़े का समय नहीं रह गया

ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से चुनाव हार गए. सिंधिया परिवार के वह पहले शख्स हैं, जो यहां से चुनाव हारे हैं. और उन्हें हराने वाला और कोई नहीं, बल्कि कभी उनके पीछे-पीछे घूमने वाला एक आम कार्यकर्ता है. ईटीवी भारत ने सिंधिया को हराने वाले केपी यादव से बात की है. जानें, क्या कुछ कहा उन्होंने.

केपी यादव.
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Published : May 29, 2019, 7:06 PM IST

Updated : May 29, 2019, 9:04 PM IST

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले संसदीय क्षेत्र गुना से कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट से पहली बार सिंधिया परिवार का कोई सदस्य हारा है. ताज्जुब की बात यह है कि उन्हें हराने वाले भाजपा सांसद केपी यादव पहले कांग्रेस के आम कार्यकर्ता थे. सांसद बनने से पहले पिछले चुनावों तक वे ज्योतिरादित्य के लिए प्रचार किया करते थे.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में नवनिर्वाचित सांसद केपी यादव ने बताया कि वे ही नहीं, उनकी तीन पीढ़ियां सिंधिया परिवार के लिए कार्यकर्ता के रूप में काम किया है, लेकिन बावजूद कांग्रेस और सिंधिया परिवार ने उनकी कद्र नहीं की और इसी बात से उनका मोहभंग हो गया.

केपी यादव ने कहा कि उनकी जीत मोदी के करिश्मा की वजह से हुई है. यादव ने कहा कि कुछ स्थानीय फैक्टर भी इसके लिए जवाबदेह थे, लेकिन सबसे बड़ी वजह थी.. मोदी को पीएम बनाना.

केपी यादव से बातचीत.

केपी यादव की तीन पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी थीं. उन्होंने कहा कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ क्रिकेट भी खेल चुके हैं.

जब उनसे पूछा गया कि कभी आप उनके साथ सेल्फी लेना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी को यह पसंद नहीं आया. इसके जवाब में यादव ने कहा कि वह निजी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे.

पढ़ें-ममता को फिर लगा झटका, मुस्लिम विधायक भाजपा में शामिल

क्या केपी यादव को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह उनका विषय नहीं है. वह जनता की सेवा करने आए हैं. शीर्ष नेतृत्व जो भी जवाबदेही देगा, वह काम करने के लिए हमेशा तैयार हैं. गुना की जनता के लिए जो भी संभव है, वो जरूर करेंगे.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले संसदीय क्षेत्र गुना से कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा. इस सीट से पहली बार सिंधिया परिवार का कोई सदस्य हारा है. ताज्जुब की बात यह है कि उन्हें हराने वाले भाजपा सांसद केपी यादव पहले कांग्रेस के आम कार्यकर्ता थे. सांसद बनने से पहले पिछले चुनावों तक वे ज्योतिरादित्य के लिए प्रचार किया करते थे.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में नवनिर्वाचित सांसद केपी यादव ने बताया कि वे ही नहीं, उनकी तीन पीढ़ियां सिंधिया परिवार के लिए कार्यकर्ता के रूप में काम किया है, लेकिन बावजूद कांग्रेस और सिंधिया परिवार ने उनकी कद्र नहीं की और इसी बात से उनका मोहभंग हो गया.

केपी यादव ने कहा कि उनकी जीत मोदी के करिश्मा की वजह से हुई है. यादव ने कहा कि कुछ स्थानीय फैक्टर भी इसके लिए जवाबदेह थे, लेकिन सबसे बड़ी वजह थी.. मोदी को पीएम बनाना.

केपी यादव से बातचीत.

केपी यादव की तीन पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी थीं. उन्होंने कहा कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ क्रिकेट भी खेल चुके हैं.

जब उनसे पूछा गया कि कभी आप उनके साथ सेल्फी लेना चाहते थे, लेकिन उनकी पत्नी को यह पसंद नहीं आया. इसके जवाब में यादव ने कहा कि वह निजी टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे.

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क्या केपी यादव को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह उनका विषय नहीं है. वह जनता की सेवा करने आए हैं. शीर्ष नेतृत्व जो भी जवाबदेही देगा, वह काम करने के लिए हमेशा तैयार हैं. गुना की जनता के लिए जो भी संभव है, वो जरूर करेंगे.

Intro:यह है भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद केपी यादव इन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से हराया है यही नहीं इन की तीन पीढ़ी कांग्रेस की कैसी रही है ना सिर्फ यह ज्योतिरादित्य के साथ पहले आम कार्यकर्ता थे कांग्रेस में बल्कि इनके पिता और उनके पिता भी यानी उनके दादाजी ने भी ज्योतिरादित्य के पिता और उनके दादाजी की सेवा की थी मगर यह इनके जीवन में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब कार्यकर्ता रहते हुए भी कांग्रेस में उन्हें कोई दर्जी नहीं दी गई हालात यहां तक बिगड़े कि एक बार इन्होंने गाड़ी के सामने ज्योतिरादित्य की गाड़ी के सामने सेल्फी की जाने की कोशिश की जिसमें उन्हें धक्के खाने पड़े थे और इसी बात से खफा के पी यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया था


Body:गुना को सिंधिया परिवार का गढ़ माना जाता है और यह भी माना जाता था कि गुना के वोटर्स सिंधिया परिवार के स्वामी भक्त है मगर इस बार राजा रजवाड़े के इस सीट पर एक आम कार्यकर्ता ने सेंध लगाई है और उनका नाम है कि यादव ईटीवी से खास बातचीत में के पी यादव ने बताया कि यह करिश्मा नरेंद्र मोदी के कारण हुआ है क्योंकि वह एक आम कार्यकर्ता को भी सांसद के टिकट दे सकते हैं और एक आम कार्यकर्ता से सिर्फ पर उनको पहुंचा सकते हैं यह मात्र भाजपा में ही संभव है केपी यादव ने बताया कि उनकी पिछली तीन पीढ़ी कांग्रेस की सेवा में लगी थी लेकिन बावजूद कांग्रेस और सिंधिया परिवार ने उनकी कदर नहीं की और इसी बात से उनका मोहभंग हो गया


Conclusion:सिंधिया परिवार के गढ़ गुना में केपी यादव ने ज्योतिरादित्य को मात दी और यह भी उम्मीद की जा रही है कि के पी यादव को शायद मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जा सके बहरहाल भाजपा के इस इतना से कार्यकर्ता ने सिंधिया परिवार के कद्दावर नेता को हराया है और उन्हीं के गढ़ में कांग्रेस में सेंध लगाई है यह अपने आप में एक बड़ी बात है
Last Updated : May 29, 2019, 9:04 PM IST
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