नई दिल्ली : साल 2019 के दिसंबर महीने से चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने आज दुनिया के 20 से भी ज्यादा देशों को अपनी चपेट में ले लिया है. इस वायरस से मरने वालों की संख्या 3000 के पार हो गई है. वहीं इससे प्रभावित लोगों की संख्या लगभग 24,000 से भी अधिक बताई जा रही है.
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस (सीओवी) का पूरा नाम 'नोवेल कोरोना वायरस' है. इसका संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था.
भारत के कुल 11 राज्यों में इस वायरस को लेकर उठापटक का दौर बना हुआ है. हालांकि इन राज्यों में वायरस के मामलों को नियंत्रित करने के उपाय शुरू हो चुके हैं. राजधानी दिल्ली समेत मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोच्चि और कोलकाता हवाईअड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. इसके जरिए चीन से भारत आ रहे लोगों की जांच की जा रही है.
अर्थव्यवस्था पर वायरस का असर
जैसे-जैसे कोरोनावायरस जंगल की आग की तरह फैल रहा है. वैसे-वैसे व्यापार और वाणिज्य पर इसका प्रभाव बढ़ते जा रहा है. सियोल स्थित हुंडई ने तेरह ऑटोमोबाइल संयंत्रों में से सात को बंद कर दिया है क्योंकि चीन से स्पेयर पार्ट्स दक्षिण कोरिया के तटों तक नहीं पहुंच पा रहें हैं.
भारत की ओर से चीन को जो भी विभिन्न प्रकार के निर्यात जैसे कि आंध्र प्रदेश से मिर्च और महाराष्ट्र से कपास जाना कम हो था वो अब कम हो गया है. जिससे स्थानीय किसान और उद्योग प्रभावित हो रहें हैं.
उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर ने चीन, म्यांमार और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है जो एफएसएसएआई नियमों का पालन नहीं करते हैं.
हीरा व्यापार हो रहा प्रभावित
चीन में कोरोनोवायरस का प्रकोप और इससे उत्पन्न खतरा हीरे के व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है, यह दावा सूरत के हीरा व्यापारियों ने किया है.
हीरा व्यापारी कीर्ति शाह ने कहा, 'कई व्यापारियों के कार्यालय चीन और हांगकांग में हैं. कोरोना वायरस के फैलने के डर से वहां लगभग सभी कार्यालय बंद हो गए हैं. कर्मचारी वहां रहने से इनकार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि यह बात पूरे तौर पर साफ नहीं है कि चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से कितना प्रभावित होगी. लेकिन मोटे तौर पर इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि जिस तरह से वायरस फैल रहा है. इसकी वजह से चीन की विकास दर 0.5 से लेकर 1 फीसदी तक प्रभावित हो सकती है.
पहले भी आई थीं महामारियां
यह पहला मौका नहीं है कि इस तरह के वायरस ने दुनियाभर में हड़कंप मचाया हो, इसके पहले भी महामारी फैलने की वजह से दुनिया प्रभावित हो चुकी है. 2002-2003 में चीन में सीवियर एक्यूट रेसपेरेट्री सिंड्रोम यानी सार्स ने भयानक कहर बरपाया था. चीन की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा बुरा असर पड़ा था.
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'चाइल्ड जीरो' की उत्पत्ति
वहीं साल 2014 में 'इबोला' नामक एक वायरस भी एक भयंकर विनाश बनकर सामने आया था.
इबोला नामक महामारी अफ्रीका में दक्षिण-पूर्वी गिनी के ग्युक्केदो गांव से फैली थी, जहां दिसंबर 2013 में इससे दो साल के बच्चे की मौत हो गई. माना जाता है कि बच्चे की मौत इस बीमारी से पहली मौत थी. इसी कारणवश इसे 'चाइल्ड जीरो' कहा गया.
वायरस का नाम भी इबोला नदी घाटी के नाम पर रखा गया क्योंकि इसका पहला मामला यहीं दर्ज हुआ था.
वायरस का प्रमुख कारण जानवर
शोध से पता चलता है कि ये जानलेवा वायरस ज्यादातर जानवरों से इंसानों में आते हैं. कोरोनावायरस सर्वप्रथम चीन के वुहांग शहर के एक सी फूड मार्केट से फैला था. सेंटर ऑफ इंटरनेशनल फॉरेस्ट्री रिसर्च के एक अनुमान के मुताबिक कॉन्गो बेसिन में हर साल 50 लाख टन जंगली जानवरों के मांस की खपत होती है.
क्या हैं इसके लक्षण
डब्लूएचओ के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है.
कैसे रहें सावधान
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छींकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्यक्तियों में कोल्ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.