नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की किसान इकाई भारतीय किसान संघ दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन कर रही है. इस अधिवेशन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तमाम वैज्ञानिक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.अधिवेशन के दौरान कृषि क्षेत्र में विकास के लिए चुनौतियां और आगे की रूपरेखा पर चर्चा की जाएगी.
ईटीवी भारत ने भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महासचिव बद्रीनारायण चौधरी से विशेष बातचीत की है, जिन्होंने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है.
बातचीत को दौरान बद्रीनारायण चौधरी ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद 10,000 से ज्यादा वैज्ञानिकों की एक संस्था है, जो कि देश भर में काम करती है लेकिन इसके बावजूद भी देश के किसानों को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है और इसलिए किसान संघ ने इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया है. जिसमें देश भर से कृषि वैज्ञानिक विश्वविद्यालयों के कुलपति, चुने हुए किसान और किसान संघ से जुड़े सदस्य भी एक जगह जुड़ेंगे और कृषि क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर चर्चा करेंगे.
किसानों के कर्ज में डूबने और आत्महत्या की घटनाओं में हो रही बढ़ोतरी का ध्यान में रखते हुए भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय महासचिव ने इस बात पर जोर दिया कि आज देश में किसान सुरक्षा की आवश्यकता है. उनका कहना है कि खाद्य सुरक्षा के मामले में अब देश संपन्न हो चुका है लेकिन किसान सुरक्षा कहीं पीछे छूट गया है और अब इस पर ध्यान देने की जरूरत है.
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आज देश में किसान खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता और खेती किसानी के प्रति लोगों की रुचि कम होती जा रही है. किसान का बेटा आज किसान बनना नहीं चाहता, आज जब हमारे पास देश में तमाम ऐसी तकनीक बाजार और सुविधाएं उपलब्ध है तो किस तरह से हम कृषि क्षेत्र को एक मुनाफे का कारोबार बना सकें इस पर काम करने की जरूरत है.