नई दिल्ली : देश भर में लॉक डाउन के बीच कृषि और उससे संबंधित कार्यों के लिए सरकार ने कई तरह की सहूलियत देने की घोषणा की और खेती किसानी को अब लगभग कुछ दिशानिर्देशों के साथ पूरी तरह से खोल दिया गया है.
रबी फसल की कटाई के समय में पहले से ही देर हो चुके किसान देश के कई हिस्सों में अभी तक अपने फसल के कटने का इन्तजार ही कर रहे हैं और जिन्होनें फसल काट लिए उनके सामने अनाज को एक जगह से दूसरे जगह ले जा कर रखने की समस्या सामने आ रही है. मंडी में अनाज और किसानों से अन्य कृषि उत्पाद की खरीद करने वाले व्यापारियों और आढ़तियों के सामने भी परिवहन एक समस्या के रूप में सामने आई है. ऐसे में कृषि मंत्रालय ने किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को परिवहन की समस्या से निजात दिलाने के लिये आज 'किसान रथ' मोबाइल एप लांच किया है.
यह मोबाइल एप किसान, एफपीओ और सहकारिता समूहो के अलावा व्यापारियों, एजेंट और व्होलसेलर को सीधे ट्रांसपोर्टर से जोड़ेग. आज केंद्रीय कृषि मंत्री ने मोबाइल ऐप्प 'किसान रथ' को लांच किया और पहले ही दिन इस पर पांच लाख से ज्यादा वाहन उप्लब्ध हैं. इस एप से लॉकडाउन की स्थिति में किसानों और खरीददारों को बड़ी राहत मिलेगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज एप्लीकेशन को लांच करने के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अलग अलग राज्यों के मंडियों से जुड़े प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ भी सीधे संवाद किया.
कृषि मंत्री ने कहा कि आज देश कोरोना वायरस संकट के दौर से गुजर रहा है और इसलिए जब से लॉकडाउन की स्थिति हुई है तब से सामान्य रूप से चलने वाला काम काज निश्चित रुप से प्रभावित हुआ है. संकट के इस दौर में कृषि के काम काज को तेजी से करने की जरुरत है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने कृषि के काम में रुकावट न हो और काम काज प्रभावित ना हो इसलिए शुरूआत से ही कई तरह की छूट कृषि क्षेत्र को दी है.
बता दें कि खेती किसानी का काम इन दिनों जोरों पर है और कई राज्यों में उपार्जन का काम भी शुरु हो गया है. सभी रियायतों के बाद भी कृषि उत्पादों के परिवहन में कुछ समस्याएं थी क्योंकि लॉकडाउन की वजह से परिवहन से जुड़े सभी लोग अलग अलग हो गये और ऐसे में ये परेशानी सामने आई कि अब उनकी उपलब्धता कैसे होगी. इन्हीं समस्याओं से निजात पाने के लक्ष्य से किसान रथ एप को बनाया गया है.
किसान रथ एप के लिए अलग से कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. कृषि मंत्री ने सभी राज्यों से अनुरोध किया है कि इस तरह के कदम वह भी उठाएं. इसके साथ ही कृषि मंत्री ने किसानों से इस तरह की तकनीक का भरपूर इस्तमाल करने अपील भी की है.