नई दिल्ली : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए आतंकी हमले में 25 लोगों की जान चली गई. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है. हमले में शामिल चार आतंकियों में से एक केरल का दुकानदार है, जो चार वर्ष पहले 14 लोगों के साथ आईएस में शामिल में होने के लिए अफगानिस्तान भाग गया था.
इस्लामिक स्टेट ने शुक्रवार को अबू खालिद अल-हिंदी की एक तस्वीर प्रकाशित की थी. जिसमें गुरुद्वारा पर हमले करने वाले आतंकियों की तस्वीर थी.
उच्च सूत्रों ने कहा कि अल-हिंदी ही मोहम्मद साजिद कुथिरुलमाल है. जो केरल के कासरगोड के इलाके का एक दुकानदार था. यह 2016 के एनआईए के एक मामले में वांछित था. उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी कर चुका है.
जुलाई 2016 में कासरगोड पुलिस स्टेशन में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि उनका 30 वर्षीय बेटा अब्दुल राशिद अपनी पत्नी आयशा (सोनिया सेबेस्टियन) और बच्चे के साथ लगभग दो महीने से लापता है. उस वक्त कहा गया था कि वह मुंबई में हैं.
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उसी समय, साजिद सहित लापता लोगों के 14 अन्य मामलों को उसी क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में उनके माता-पिता और रिश्तेदारों द्वारा दर्ज किया गया था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि लापता व्यक्ति प्रतिबंधित आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) में शामिल होने के लिए गया था.
केरल पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि मुख्य साजिशकर्ता यास्मीन मोहम्मद जाहिद है, जो दिल्ली के ओखला जमिया नगर के बाटला हाउस में रहती थी, वह मूलत: बिहार के सीतामढ़ी जिले की निवासी थी. यास्मीन के साथ मिलकर राशिद काम करता था. यास्मीन को एक अगस्त 2016 को इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था. जब वह अपन बच्चों के साथ अफगानिस्तान जा रही थी.
केरल पुलिस के मुताबिक, यास्मीन मोहम्मद जाहिद आईएसआईएस का समर्थन करने के लिए धन जुटाने सहित अन्य गतिविधियों में सक्रिय रूप से अब्दुल राशिद का समर्थन कर रही थी. जाहिद को गिरफ्तार करने के बाद एनआईए को सौंप दिया गया था.
धन जुटाने सहित अन्य गतिविधियों में सक्रिय रूप से अब्दुल राशिद का समर्थन कर रहा था. गिरफ्तारी के बाद मामला एनआईए को सौंप दिया गया था.
एनआईए की जांच में पता चला है कि अब्दुल राशिद, यास्मीन और अन्य 2015 से केरल और भारत के अन्य स्थानों में आईएसआईएस के आगे की गतिविधियों में शामिल थे. साजिद समेत 15 लोग अफगानिस्तान में नांगरहार प्रांत में आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए केरल से भागे थे.
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एनआईए ने साजिद के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं की थी, लेकिन वह एक आरोपी के रूप में सूचीबद्ध था और मामले में फरार था.
नाटो और अफगान सेनाओं ने नांगरहार में आईएसआईएस के अधिकांश सदस्यों को मारने का दावा किया था, लेकिन सूत्रों का मानना है कि कई लोग बच गए रहे होंगे. सूत्रों ने कहा कि साजिद स्पष्ट रूप से उन लोगों में से एक था जो नांगरहार से भाग निकले थे.
जांच के दौरान इंटरनेट पर आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने रिश्तेदारों, साथ फरार लोगों के बीच मोबाइल संचार, से पता चला कि साजिद भी उसी स्थान पर रह रहा था, जहां एक अन्य आईएसआईएस भर्ती था, जो केरल से भाग गया था और अब्दुल राशिद के साथ आतंकवादी समूह में शामिल हो गया था.